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    एक ग्राम में आ जाए 200 किलो सोना, इतनी महंगी क्यों है ये धातु, सिर्फ इन खास कामों में होता है इसका इस्तेमाल

    Updated: Fri, 07 Nov 2025 12:40 PM (IST)

    कैलिफ़ोर्नियम, पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से नहीं पाया जाता है बल्कि इसे कृत्रिम रूप से तैयार किया जाता है। बेहद जटिल उत्पादन प्रक्रिया, दुर्लभता और इसके खास इस्तेमाल के कारण कैलिफ़ोर्नियम की कीमत 27 मिलियन डॉलर प्रति ग्राम से भी ज्यादा है। दुनिया भर में इस मेटल के कुछ ही सप्लायर हैं।

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    एक ग्राम कैलिफोर्नियम को बेचकर 200 किलो सोना खरीदा जा सकता है।

    नई दिल्ली। उपयोग और निवेश के नजरिये से सोने को सबसे कीमती धातु माना जाता है, लेकिन कीमत के लिहाज से दुनिया की सबसे महंगी धातु कोई और है। इस बेशकीमती मेटल का नाम है कैलिफोर्नियम (Californium), इसकी कीमत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक ग्राम कैलिफोर्नियम को बेचकर 200 किलो सोना खरीदा जा सकता है। यह सुनकर थोड़ी देर के लिए आप हैरत में पड़ सकते हैं लेकिन यह सच है। आइये आपको बताते हैं आखिर कैलिफोर्नियम, इतनी महंगी धातु क्यों है और इसका इस्तेमाल कहां होता है।

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    क्या है कैलिफोर्नियम

    कैलिफ़ोर्नियम, एक आर्टिफिशियल रेडियोएक्टिव केमिकल एलिमेंट है। विशेष रूप से कृत्रिम तरीके से निर्मित तत्व (जो प्रकृति में नहीं पाया जा सकता) होने के कारण, कैलिफ़ोर्नियम अत्यंत दुर्लभ और महंगा है। इसकी अत्यधिक कीमत इसकी कृत्रिम प्रकृति, अत्यंत दुर्लभता और परमाणु रिएक्टरों में इसके उत्पादन के लिए आवश्यक जटिल प्रक्रिया के कारण है।

    एक ग्राम कैलिफोर्नियम का दाम

    कैलिफोर्नियम धातु की एक ग्राम की कीमत 27 मिलियन डॉलर यानी 239 करोड़ रुपये है, जबकि सोने का भाव 1.2 करोड़ रुपये प्रति किलोग्राम है। ऐसे में एक ग्राम कैलिफोर्नियम से आप 200 किलो सोना खरीद सकते हैं।

    कैलिफ़ोर्नियम एक आर्टिफिशियल, रेडियोएक्टिव केमिकल एलिमेंट है जिसका प्रतीक Cf है। खास बात है कि इस धातु को 1950 में कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले के शोधकर्ताओं ने खोजा था, इसलिए कैलिफ़ोर्नियम का नाम उस विश्वविद्यालय के नाम पर रखा गया जहां यह शोध हुआ।

    दरअसल, कैलिफ़ोर्नियम पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से नहीं पाया जाता। यह एक विशुद्ध रूप से कृत्रिम तत्व है, और इसकी उत्पादन प्रक्रिया बेहद ही जटिल है, साथ ही इसकी दुर्लभता और विशिष्ट अनुप्रयोगों में इसके इस्तेमाल के कारण, कैलिफ़ोर्नियम की कीमत 27 मिलियन डॉलर प्रति ग्राम से भी अधिक है, और दुनिया भर में इसके कुछ ही सप्लायर हैं।

    कहां होता है कैलिफ़ोर्नियम का इस्तेमाल

    कैलिफ़ोर्नियम का सबसे ज्यादा और अहम उपयोग, न्यूक्लियर रिएक्टर्स में होता है। इस लिहाज से यह धातु न्यूक्लियर इंडस्ट्रीज के लिए एक अहम घटक है। इसके अलावा, स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स, मेडिकल ट्रीटमेंट, स्पेस एक्सप्लोरेशन, इंडस्ट्रियल ऐप्लीकेशन और होमलैंड सिक्योरिटी में होता है।

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    मेडिकल ट्रीटमेंट के क्षेत्र में कैलिफ़ोर्नियम, न्यूट्रॉन थेरेपी नामक एक विधि से कैंसर के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस थेरेपी में कैलिफ़ोर्नियम-252 का उपयोग कैंसरग्रस्त कोशिकाओं को उच्च परिशुद्धता के साथ लक्षित करके नष्ट करने के लिए किया जाता है।

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