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    CBI ने किया राणा कपूर-अनिल अंबानी का पर्दाफाश! बताया कैसे सांठगांठ कर के घुमाया पैसा; अब आगे क्या

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 11:08 AM (IST)

    सीबीआई ने अनिल अंबानी के रिलायंस एडीए ग्रुप और राणा कपूर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। आरोप है कि उन्होंने वित्तीय तनाव छिपाने के लिए एक लेन-देन प्रणाली बनाई। एडीए ग्रुप, यस बैंक और आरएनएएम के बीच फंड का बार-बार वितरण किया गया। सेबी के नियमों का उल्लंघन किया गया। अंबानी और कपूर ने वित्तीय सहायता का सिस्टम बनाया। जय अनमोल अंबानी पर निवेश फैसलों को प्रभावित करने का आरोप है।

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    सीबीआई ने राणा कपूर और अनिल अंबानी पर लगाए आरोप

    नई दिल्ली। अनिल अंबानी के रिलायंस एडीए ग्रुप और यस बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की चार्जशीट में एक चतुराई से तैयार किए गए लेन-देन सिस्टम का पर्दाफाश किए जाने का दावा किया गया है। इस सिस्टम को अपने व्यावसायिक हितों को पूरा करने और पब्लिक के पैसों के दुरुपयोग के जरिए वित्तीय तनाव (Financial Stress) को छिपाने के लिए डिजाइन किया गया था।
    एजेंसी के अनुसार, एडीए ग्रुप की कंपनियों, यस बैंक और रिलायंस निप्पॉन एसेट मैनेजमेंट (आरएनएएम) के बीच फंड का बार-बार डिस्ट्रीब्यूशन, रीसाइकिल्ड और रीपेमेंट किया गया। आरएनएएम उस समय रिलायंस कैपिटल और जापान की निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस की जॉइंट ओनरशिप वाली एक एसेट मैनेजमेंट कंपनी थी।

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    सेबी के नियमों की भी हुई अनदेखी

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सीबीआई के मुताबिक ये लेन-देन सेबी के म्यूचुअल फंड नियमों को दरकिनार करने के लिए किए गए थे, जबकि सेबी के नियम प्राइवेट प्लेसमेंट के जरिए ग्रुप या सहयोगी कंपनियों में निवेश पर रोक लगाते हैं।
    एक स्पेशल कोर्ट में दाखिल चार्जशीट के अनुसार, अंबानी और कपूर ने आपसी वित्तीय सहायता का एक सिस्टम बनाने के लिए सांठगांठ की। जहाँ एडीए ग्रुप की कंपनियों को यस बैंक के जरिए बड़े पैमाने पर पैसा मिला, वहीं यस बैंक को रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड से अपने कैपिटल इंस्ट्रूमेंट्स में महत्वपूर्ण निवेश मिला, जिससे दोनों पक्षों की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने के लिए फंड चक्र बनाया गया।

    अनिल अंबानी के बेटे का रोल

    जांचकर्ताओं ने आरोप लगाया कि अंबानी के बेटे जय अनमोल अंबानी ने आरएनएमएफ में निवेश फैसलों को सीधे तौर पर प्रभावित किया, जबकि कंपनी स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्ट होने की तैयारी कर रही थी। सीबीआई के अनुसार, आरएनएमएफ के पास लॉन्ग टर्म डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश के लिए आम निवेशकों से बड़ी मात्रा में पब्लिक फंड उपलब्ध था।
    ग्रुप की कंपनियों में निवेश पर सेबी के प्रतिबंधों से बचने के लिए, अंबानी और कपूर ने एक ऐसी व्यवस्था तैयार की, जिससे RNAM के फंड को वैध निवेश की आड़ में ADA ग्रुप की कंपनियों में ट्रांसफर किया जा सके।

    जय अनमोल अंबानी की भी होगी जांच

    एजेंसी के अनुसार, आरएनएमएफ ने यस बैंक के एटी-1 बॉन्ड की बड़े पैमाने पर खरीदारी की। ये खरीदारी और यस बैंक का एडीए ग्रुप के डेट पेपर्स में एक साथ निवेश इसी मिलीभगत का हिस्सा था। सीबीआई ने अदालत को यह भी बताया कि वह जय अनमोल अंबानी की भूमिका की जाँच कर रही है।
    सीबीआई ने आरोप लगाया कि ये लेन-देन यस बैंक के साथ एक "क्विड-प्रो-क्वो" का हिस्सा थे, जिसके तहत यस बैंक के कैपिटल इंस्ट्रूमेंट्स में आरएनएमएफ के निवेश के बदले एडीए ग्रुप की कंपनियों को बड़े पैमाने पर फंड मुहैया कराया गया।

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