Trump Tariff के बीच भारतीय स्टील इंडस्ट्री को चीन से खुशखबरी; Tata Steel, JSW Steel को सीधा होगा बड़ा फायदा
चीन सरकार ने स्टील उत्पादन में कटौती (China steel production cut) की घोषणा की है जिसका असर वैश्विक बाजार पर पड़ेगा। मॉर्गन स्टेनली के अनुसार यह कदम भारतीय स्टील उद्योग के लिए सकारात्मक है जिससे टाटा स्टील जेएसडब्ल्यू स्टील और सेल जैसी कंपनियों को लाभ होगा। उत्पादन घटने से वैश्विक स्टील की कीमतों में स्थिरता आएगी और भारतीय कंपनियों के शेयरों में मजबूती की संभावना है।
नई दिल्ली। चीन सरकार ने आधिकारिक रूप से अपने स्टील उत्पादन में कटौती (China steel production cut) की घोषणा की है। इससे वैश्विक स्टील बाजार में नई हलचल देखने को मिल रही है। मॉर्गन स्टेनली रिसर्च के अनुसार, यह कदम भारतीय स्टील उद्योग के लिए पॉजिटिव साबित होगा और निकट भविष्य में भारतीय स्टील कंपनियों के शेयरों को मजबूती प्रदान कर सकता है।
दरअसल, चीन के पांच सरकारी मंत्रालयों ने 28 अगस्त 2025 को स्टील इंडस्ट्री स्टेडी ग्रोथ वर्क प्लान (2025-26) के तहत उत्पादन में कमी की योजना की घोषणा की। लंबे समय से ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि चीन अपने घरेलू और वैश्विक स्तर पर दबाव झेल रहे स्टील उद्योग को संतुलित करने के लिए उत्पादन घटा सकता है। अब आधिकारिक पुष्टि ने निवेशकों और उद्योग जगत की चिंताओं को दूर कर दिया है।
वैश्विक स्टील कीमतों पर होगा असर
मॉर्गन स्टेनली का मानना है कि चीन की इस नीति का सीधा असर वैश्विक स्टील कीमतों पर होगा। उत्पादन घटने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्टील की आपूर्ति कम होगी, जिससे कीमतों में स्थिरता आएगी और मुनाफे की गुंजाइश बढ़ेगी। खासकर मध्यम अवधि में चीन में स्टील स्प्रेड्स (लागत और कीमत के बीच का अंतर) सुधरेंगे, जिसका असर भारत जैसे बड़े उपभोक्ता और उत्पादक देशों पर भी दिखाई देगा।
टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील और सेल कंपनियों को फायदा
भारत के लिए यह स्थिति दोहरी रूप से फायदेमंद है। एक ओर स्टील कीमतों में मजबूती भारतीय उत्पादकों की आय बढ़ा सकती है, वहीं दूसरी ओर प्रतिस्पर्धा घटने से वैश्विक निर्यात के अवसर भी बढ़ेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील और सेल जैसी प्रमुख भारतीय कंपनियों को विशेष लाभ मिलेगा।
मॉर्गन स्टेनली ने अपने शोध में कहा है कि निकट भविष्य में भारतीय स्टील स्टॉक्स का प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद है। अंतरराष्ट्रीय कीमतों का समर्थन और घरेलू मांग में स्थिर वृद्धि भारतीय कंपनियों के लिए अनुकूल माहौल तैयार कर रही है।
अर्थशास्त्रियों का यह भी मानना है कि चीन की कटौती नीति से भारतीय उद्योग को वैश्विक बाजार में और मजबूत स्थिति हासिल करने का अवसर मिलेगा। हालांकि, आगे चलकर कच्चे माल की लागत और घरेलू नीति समर्थन भी निर्णायक कारक साबित होंगे। चीन के इस कदम ने भारतीय स्टील उद्योग के लिए एक नई संभावनाएं खोल दी हैं, जिससे आने वाले महीनों में स्टील कंपनियों और निवेशकों दोनों को लाभ मिलने की संभावना है।
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