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    खराब AQI को बनाया बिजनेस का मौका, दिल्ली से शुरू किया था कारोबार; आज मार्केट में है इनका दबदबा

    Updated: Fri, 07 Nov 2025 11:58 AM (IST)

    दिवाली के बाद से दिल्ली में वायु की क्वालिटी (Delhi AQI) लगातार खराब हो रही है। कई डॉक्टर्स ने लोगों को दिल्ली छोड़ने तक की सलाह दी है। दिल्ली की हालात ये आज से नहीं है, बल्कि सालों से है। खराब वायु (Poor AQI) से बचने के लिए कई लोग समाधान के साथ आए। इनका समाधान ही बन गया बिजनेस। ये सभी बिजनेस दिल्ली से ही शुरु हुए। आज मार्केट में इनका काफी दबदबा है। 

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    नई दिल्ली। दिल्ली (Delhi AQI) में आज जो हालात है वे आज से नहीं बल्कि दिवाली के बाद कई सालों से देखी जा रही है। कई डॉक्टरों ने तो लोगों को दिल्ली छोड़ने की सलाह दी है। सोशल मीडिया में लोगों जोरो-शोरो से इस समस्या को बता रहे हैं। लेकिन समाधान के बारे में बेहद कम लोग ही बात कर रहे हैं।

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    जिस खराब हवा (Poor AQI) में आज दिल्ली वाले सांस ले रहे हैं। ये परेशानी आज से नहीं, बल्कि कई सालों से है। अलग-अलग सरकार इस पर अलग-अलग वादे करती रही। लेकिन नतीजा कुछ खास नहीं निकला। इसी स्थिति में कुछ ऐसे बिजनेस आए, जो आम आदमी के लिए समाधान लाए।

    इनका समाधान ही इनका व्यापार बन गया। हैरान करने वाली बात ये है कि ये सभी बिजनेस दिल्ली से ही शुरु हुए। आइए इनके बारे में एक-एक करके बात करते हैं। 

    Shellios (शेलियोस)

    शेलियोस ने अपना ये बिजनेस दिल्ली से ही शुरु किया। ये कंपनी सिर्फ हेलमेट नहीं बेचती। बल्कि एयर पुरिफिएर बेचती है। इनके हेलमेट का वजन 1.6 किलोग्राम है। इसके साथ ही हेलमेट में हेडफोन स्पीकर और हेडफोन माइक भी लगा हुआ है। एक बुलु तुथ आता है, जो आपको बैटरी चार्ज के लिए सूचित करता है।

    चक्कर इनोवेशन (Chakr Innovation)

    इस ब्रांड की शुरुआत साल 2016 में तीन आईआईटी दिल्ली के छात्रों ने की थी। इनका नाम अर्पित धूपर, कुशाग्र श्रीवास्तव और प्रतीक सचान हैं। इनका प्रोडक्ट लगभग 90 प्रतिशत कार्बन को अवशोषित करता है, जो मूलतः काला कार्बन होता है।

    इसके बाद, उत्सर्जन को भारी धातुओं और कार्सिनोजेन्स (कैंसर पैदा करने वाले पदार्थ या कारक) को हटाने के लिए विभिन्न प्रक्रियाओं से गुजरना होता है। फिर इसे शुद्ध कार्बन परिवर्तित किया जाता है। अंतिम चरण में, कार्बन को एक अन्य केमिकल प्रक्रिया से गुजरना होता है, जिससे विभिन्न प्रकार की स्याही और पेंट बनते हैं।

    कंपनी की वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार इन्हें साल 2017 में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन से 25 मिलियन का ऑर्डर मिला था। साल 2020 ने चक्कर इनोवेशन ने आईआईटी दिल्ली के साथ N95 मास्क की शुरुआत की। साल 2019 में आईएएन फंड से 135 मिलियन, 2021 में एसबीआई कैपिटल वेंचर से 500 मिलियन और 2024 में बीआईआई ने 500 मिलियन की फंडिंग की।  

    Nanoclean

    इस कंपनी की शुरुआत भी तीन आईआईटी दिल्ली के छात्रों द्वारा की गई थी। ये कंपनी साल 2017 में शुरु हुई। इस कंपनी ने महज 10 रुपये में लोगों को साफ हवा देने का वादा किया। ये कंपनी 10 रुपये में अपना मास्क बेचती है। कंपनी का दावा है कि बाकी मास्क की तरह ये सिर्फ हवा नहीं रोकती, बल्कि साफ हवा प्रदान करती है। 

    कंपनी ये भी क्लेम करती है कि उनका ये फिल्टर 95 फीसदी पीएम 2.5 पार्टिकल रोकती है। ये कंपनी आज मास्क से लेकर एसी फिल्टर तक सब बनाती है। 

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