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    Diwali Bonus: सावधान! दिवाली पर मिल गया है बोनस तो टैक्स देने के लिए हो जाएं तैयार; नियम पढ़ आपको लगेगा झटका!

    Updated: Fri, 17 Oct 2025 10:38 AM (IST)

    Diwali Bonus Tax Rules: दिवाली पर मिलने वाला बोनस खुशी देता है, पर इस पर टैक्स भी लग सकता है। आयकर नियमों के अनुसार एक लिमिट से अधिक का बोनस टैक्स के दायरे में आएगा। यह बोनस आपकी कुल आय में जुड़ जाएगा और आपके आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा। 

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    Diwali Bonus: सावधान! दिवाली पर मिल गया है बोनस तो टैक्स देने के लिए हो जाएं तैयार; नियम पढ़ आपको लगेगा झटका!

    नई दिल्ली। Diwali Bonus Tax Rules: दिवाली पर बहुत सी कंपनियां अपने कर्मचारियों को बोनस देती हैं। सिर्फ प्राइवेट कंपनियां ही नहीं सरकारी कंपनियां भी बोनस देती है। लेकिन आपको मिलने वाला बोनस एक लिमिट तक ही टैक्स फ्री होता है। अगर आपको लिमिट से अधिक बोनस मिला है तो वह टैक्सएबल होगा। यानी आपको उस बोनस पर टैक्स देना होगा। ऐसे में अगर आपकी कंपनी ने आपको ज्यादा बोनस दिया है और आप खुश हो रहे हैं तो थोड़ा सा दुखी हो जाइए। क्योंकि उस बोनस को आपके इनकम का पार्ट समझा जाएगा और उसमें से सरकार टैक्स लेगी। लेकिन सवाल यह है कि आखिर कितना बोनस टैक्स फ्री होता है। आइए इसी सवाल का जवाब जानने की कोशिश करते हैं।

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    क्या दिवाली पर मिलने वाले सभी गिफ्ट टैक्स फ्री होते हैं?

    नियोक्ता द्वारा दिए गए सभी गिफ्ट टैक्स फ्री नहीं होते। कृतज्ञता के छोटे-मोटे उपहार, जैसे मिठाई का डिब्बा, कपड़े, या 5,000 रुपये तक का कोई गैजेट, आमतौर पर टैक्स फ्री होते हैं। हालांकि, इस मूल्य से अधिक के उपहार, जैसे कि महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स या आभूषण, पूरी तरह से टैक्स के दायरे में आते हैं।

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    इन उपहारों का कुल मूल्य कर्मचारी की वार्षिक आय में जोड़ा जाता है और नियमित वेतन आय की तरह ही लागू दर से टैक्स लगाया जाता है।

    Diwali Bonus Tax Rules: अगर नगद बोनस मिला तो क्या होगा?

    छोटे उपहारों के विपरीत, नकद बोनस को हमेशा कर्मचारी के वेतन का हिस्सा माना जाता है। उदाहरण के लिए, 30,000 रुपये का दिवाली बोनस कुल वार्षिक आय में जोड़ा जाएगा और व्यक्ति के आयकर स्लैब के अनुसार कर लगाया जाएगा। नकद बोनस के लिए कोई अलग छूट नहीं है, इसलिए कर्मचारियों को कर अधिकारियों के नोटिस से बचने के लिए अपने आयकर रिटर्न (ITR) में इसकी सही जानकारी देनी चाहिए।

    सीधे शब्दों में कहें तो, कर्मचारियों को टैक्स उद्देश्यों के लिए अपनी वार्षिक आय में सभी नकद बोनस शामिल करने चाहिए। 5,000 रुपये से कम के छोटे उपहार टैक्स फ्री रहते हैं, लेकिन इस सीमा से ऊपर की कोई भी चीज, चाहे वह नकद हो या उच्च मूल्य का उपहार हो सब आपकी इनकम का हिस्सा मान जाएंगे। 

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