दिल्ली में दिवाली पर पटाखों की धूम, 500 करोड़ का हुआ कारोबार; सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बाजारों में रही रौनक
दिल्ली में इस साल पटाखों की खूब बिक्री (Crackers Sale on Diwali) हुई, जिससे व्यापारियों का स्टॉक दीपावली से पहले ही खत्म हो गया। लोगों को दूसरे शहरों से पटाखे खरीदने पड़े। अनुमान है कि दिल्ली में लगभग 500 करोड़ रुपए के पटाखे बिके। सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति दी थी। इस फेस्टिव सीजन में रिकॉर्ड तोड़ 5.40 लाख करोड़ रुपए की बिक्री हुई।

दिवाली पर पटाखों की हुई जमकर बिक्री, 500 करोड़ का आंकड़ा पार होने की उम्मीद
आईएएनएस, नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में इस साल पटाखों की बंपर बिक्री (Crackers Sale on Diwali) हुई है। ज्यादातर दुकानदारों के स्टॉक दीपावली से पहले खत्म हो गए थे, जिससे लोगों को गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और सोनीपत तक जाना पड़ा।
चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के चेयरमैन बृजेश गोयल के अनुसार, इस त्योहारी सीजन में पटाखों की मांग में काफी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, "दीपावली से एक दिन पहले ही, ज्यादातर व्यापारियों का स्टॉक खत्म हो गया था।
कुल पटाखों की बिक्री कितनी
कई लोगों को पटाखे खरीदने के लिए गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद, गाजियाबाद और सोनीपत जाना पड़ा।" साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली में कुल पटाखों की बिक्री लगभग 500 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है। सदर बाजार एसोसिएशन के अध्यक्ष परमजीत सिंह पम्मा ने बताया कि व्यापारियों ने पिछले साल की तुलना में लगभग 40 प्रतिशत अधिक बिक्री दर्ज की और पटाखों के साथ-साथ सजावटी सामान और लाइटों की भी मांग में इजाफा दर्ज किया गया है।
कितने का बिका सामान
सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर के अपने आदेश में, दिल्ली-एनसीआर में दीपावली से एक दिन पहले और दीपावली के दिन सुबह 6 बजे से 7 बजे के बीच और रात 8 बजे से 10 बजे के बीच ग्रीन पटाखों की बिक्री और फोड़ने की अनुमति दी थी, जिसके चलते दिल्ली में 18 से 21 अक्टूबर के बीच ग्रीन पटाखों की बिक्री की अनुमति दी गई थी।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के अनुसार, नवरात्री से लेकर दीपावली तक चलने वाले फेस्टिव सीजन में गुड्स की बिक्री रिकॉर्ड 5.40 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई है। इस दौरान करीब 65,000 करोड़ रुपए की सर्विसेज भी ग्राहकों की ओर से खरीदी गई हैं। यह आंकड़ा पिछले साल नवरात्रि से दीपावली की अवधि में हुई 4.25 लाख करोड़ रुपए की फेस्टिव सेल्स की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है।
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