टैरिफ से भी घातक ये सोच! EU सेंट्रल बैंक के गवर्नर ने चेताया- अगर ट्रंप को मिला यह कंट्रोल तो समझो अनर्थ होगा
यूरोपीय सेंट्रल बैंक की चेयरमैन क्रिस्टीन लेगार्ड ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस कदम की आलोचना की है जिसमें वह यूएस मॉनेटरी पॉलिसी पर कंट्रोल हासिल करना चाहते हैं। क्रिस्टीन लेगार्ड ने इसे अमेरिकी व वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं दोनों के लिए बहुत गंभीर खतरा बताया है। क्योंकि फेडरल रिजर्व की स्वतंत्रता को कमजोर करने से दुनिया भर में व्यवस्थाएं अस्थिर हो सकती हैं।

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump Tariff) के रवैये से पूरी दुनिया परेशान है। टैरिफ को लेकर तो ट्रंप ने हद कर दी है। इसके लिए सिर्फ भारत, चीन और रूस ही नहीं बल्कि यूरोपीय देश व खुद अमेरिकी एक्सपर्ट भी ट्रंप की आलोचना कर रहे हैं। टैरिफ के बाद अब ट्रंप अमेरिका के सेंट्रल बैंक पर भी कंट्रोल चाहते हैं। दरअसल, यूरोपीय सेंट्रल बैंक की चेयरमैन क्रिस्टीन लेगार्ड ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा अमेरिकी मौद्रिक नीति पर नियंत्रण हासिल करने की संभावना पर चिंता व्यक्त की है, और इसे अमेरिकी व वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं दोनों के लिए "बहुत गंभीर खतरा" बताया है।
फ्रांस के रेडियो क्लासिक के साथ एक इंटरव्यू में लेगार्ड ने चेतावनी दी कि फेडरल रिजर्व की स्वतंत्रता को कमजोर करने से दुनिया भर में व्यवस्थाएं अस्थिर हो सकती हैं।
सेंट्रल बैंक पर कंट्रोल चाहते हैं ट्रंप
लेगार्ड की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब फेडरल रिजर्व को नया रूप देने के ट्रंप के प्रयासों की लगातार आलोचना हो रही है। ट्रंप ने फेडरल रिजर्व की गवर्नर लिसा कुक को बर्खास्त कर दिया था। आलोचकों का कहना है कि यह कदम केंद्रीय बैंक में ऐसे अधिकारियों को नियुक्त करने का है जो ब्याज दरों को कम करने के उनके प्रयासों का अधिक समर्थन करेंगे।
ट्रंप को सहयोगियों का मिल रहा साथ
ट्रंप ने अपने शीर्ष आर्थिक सलाहकारों में से एक, स्टीफन मिरान को गवर्नर एड्रियाना कुग्लर के अचानक इस्तीफे के बाद खाली हुई सीट पर अस्थायी रूप से नियुक्त किया है। मिरान फेड के हालिया कदमों की खुलकर आलोचना करते रहे हैं।
उधर, यूरोपीय सेंट्रल बैंक की गवर्नर क्रिस्टीन लेगार्ड ने आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक की नीतियाँ मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने और रोज़गार को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई हैं।
एएफपी के अनुसार उन्होंने कहा, "यदि यह एक व्यक्ति या किसी अन्य के आदेश पर निर्भर करता है... तो अमेरिकी अर्थव्यवस्था का संतुलन और परिणामस्वरूप पूरे विश्व पर पड़ने वाले इसके प्रभाव बहुत चिंताजनक होंगे।"
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