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FPI Inflow: 9 महीने के उच्चतम स्तर पर एफपीआई इनफ्लो, विदेशी निवेशकों को पसंद आ रहा है भारतीय स्टॉक मार्केट

FPI Inflow भारतीय शेयर बाजार में तेजी की एक वजह विदेशी निवेशकों द्वारा जारी निवेश भी है। पिछले 9 महीने में सबसे ज्यादा एफपीआई इनफ्लो सितंबर में हुआ है। इस साल विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में लगातार निवेश किया है। जनवरी अप्रैल और मई में एफपीआई आउटफ्लो देखने को मिला था। अगर सितंबर की बात करें तो विदेशी निवेशकों ने 57359 करोड़ रुपये का निवेश किया।

By Agency Edited By: Priyanka Kumari Updated: Sun, 29 Sep 2024 04:00 PM (IST)
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FPI Inflow: विदेशी निवेशकों को पसंद आ रहा भारतीय शेयर बाजार
पीटीआई, नई दिल्ली। फॉरेन इन्वेस्टर के द्वारा भारतीय शेयर बाजार में निवेश लगातार जारी है। सितंबर के एफआईआई इनफ्लो डेटा जारी हो गया है। इस डेटा के अनुसार विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में सितंबर के महीने में 57,359 करोड़ रुपये का निवेश किया। एफआईआई इनफ्लो 9 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।

यूएस फेड द्वारा ब्याज दर में कटौती के बाद विदेशी निवेशकों के इनफ्लो में तेजी देखने को मिली है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनपसार इस साल अभी तक विदेशी निवेशकों ने 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है।

सितंबर में इतना हुआ निवेश

डेटा के मुताबिक 27 सितंबर 2024 तक विदेशी निवेशकों ने 57,359 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस महीने केवल एक ही दिन विदेशी निवेशकों ने निकासी किया था बाकी सभी दिनों एफआईआई इनफ्लो हुआ था। विदशी निवेशकों ने दिसंबर 2023 में इक्विटी में 66,135 करोड़ रुपये का निवेश किया था। यह अभी तक का सबसे ज्यादा इनफ्लो है।

इस साल अप्रैल-मई में विदेशी निवेशकों ने 34,252 करोड़ रुपये का आउटफ्लो किया था। जनवरी, अप्रैल और मई महीने को छोड़कर बाकी सभी महीनों में निवेशकों ने निवेश किया है।

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एफपीआई इनफ्लों में तेजी के कारण

एफपीआई इनफ्लो में तेजी आने के पीछे कई फैक्टर्स हैं। इन फैक्टर्स में से मुख्य है फेड रिजर्व के फैसले। इस महीने 18 सितंबर को अमेरिका के सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर में 0.50 फीसदी की कटौती का फैसला लिया था। इसके बाद से एफपीआई इनफ्लो में तेजी आई है। वहीं वैश्विक बाजार से मिले अच्छे संकेत और भारत की ग्रोथ रेट की वजह से भी निवेशक भारतीय बाजार में निवेश कर रहे हैं। आगामी बड़ी कंपनियों के आईपीओ भी निवेश की एक प्रमुख वजह है।

डेट मार्केट में एफपीआई ने सितंबर में Voluntary Retention Route (VRR) के माध्यम से 8,543 करोड़ रुपये और Fully Accessible Route (FRR) के माध्यम से 22,023 करोड़ रुपये का निवेश किया।

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