MSME निर्यात बढ़ाने के लिए नई स्कीम पर विचार, नए निर्यातकों को होगा फायदा
MSME export scheme India स्विट्जरलैंड का आधिकारिक दौरा कर रहे वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि जो नए निर्यातक किसी नए प्रोडक्ट को नए बाजार में रजिस्टर कराना चाहते हैं सरकार उनकी मदद करेगी और इस पर होने वाले पूरे खर्च को वहन करेगी। सरकार भारत के निर्यात बाजार के डाइवर्सिफिकेशन पर फोकस कर रही है।

MSME export support scheme: सरकार एमएसएमई निर्यातकों के लिए नई स्कीम लाने पर विचार कर रही है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इसकी जानकारी दी है। गोयल इन दिनों स्विट्जरलैंड के साथ भारत का द्विपक्षीय कारोबार बढ़ाने के लिए वहां के आधिकारिक दौरे पर हैं।
उन्होंने बताया कि खासकर नए निर्यातक, नए बाजारों में अगर किसी नए प्रोडक्ट (new exporter benefits scheme India) को रजिस्टर कराना चाहते हैं, तो उस पर उनका जो भी खर्च आएगा उसकी फंडिंग सरकार करेगी। यह स्कीम बजट में घोषित एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन (Export Promotion Mission) का हिस्सा हो सकती है। गोयल बर्न में भारत के बिजनेस डेलिगेशन को संबोधित कर रहे थे।
आसान क्रेडिट और विदेश में वेयरहाउसिंग सुविधा
इस स्कीम के 12 कंपोनेंट हो सकते हैं। इनमें एमएसएमई और ई-कॉमर्स निर्यातकों के लिए आसान क्रेडिट, विदेश में वेयरहाउसिंग की सुविधा और ग्लोबल ब्रांडिंग पहल भी शामिल हैं। इससे छोटे कारोबारियों को निर्यात के उभरते अवसरों का फायदा उठाने में मदद मिलेगी।
एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन के मुख्य रूप से दो हिस्से हैं। पहला हिस्सा निर्यात प्रोत्साहन नाम से है जिसमें ट्रेड फाइनेंस में मदद की जाती है। दूसरे हिस्से का नाम निर्यात दिशा है, जिसमें बाजार पहुंच हासिल करने में मदद की जाती है।
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने 825 अरब डॉलर की वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात किया। इससे पिछले वर्ष 778 अरब डॉलर का निर्यात हुआ था। देश के कुल निर्यात में एमएसएमई का हिस्सा 40 प्रतिशत से अधिक है।
वैल्यू ऐडेड वास्तुओं के निर्यात पर फोकस का आग्रह
गोयल ने इंडस्ट्री से वैल्यू ऐडेड वास्तुओं के निर्यात पर फोकस (India export policy 2025) करने का आग्रह किया और कहा कि उन्हें ब्रांड बिल्डिंग और मार्केटिंग के लिए अभियान चलाना चाहिए। भारत में प्रदर्शनी का क्षेत्र बढ़ाने के सवाल पर मंत्री ने बताया कि भारत मंडपम के दूसरे चरण के निर्माण को मंजूरी मिल चुकी है। इससे कई लाख वर्ग फीट जगह उपलब्ध होगी।
यूएई एफटीए से कई बाजारों में मिल रही है मदद
उन्होंने बताया कि ओमान, न्यूजीलैंड और यूरोपीय यूनियन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बात चल रही है। संयुक्त अरब अमीरात के साथ एफटीए से भारत के घरेलू उद्योग को खाड़ी क्षेत्र के अलावा अफ्रीका और सेंट्रल यूरोप के बाजारों में मदद मिल रही है। इसी तरह का समझौता इंग्लैंड और यूरोप के चार देशों के साथ (EFTA) किया गया है।
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