GST Rate Cut: ग्राहकों को चीट नहीं कर पाएंगी कंपनियां, पुराने स्टॉक पर लिखने होंगे दो MRP; आ गया सरकार का बड़ा आदेश
सरकार ने साफ कर दिया है कि जीएसटी दरों में बदलाव का फायदा अब सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचेगा। इसके लिए कंपनियों को अपने पुराने और बिना बिके माल पर नया एमआरपी लिखना अनिवार्य होगा। कंपनियां पुराने पैक पर नया दाम स्टिकर स्टैंप या प्रिंट करके लिख सकती हैं। लेकिन ध्यान रहे पुराना एमआरपी भी साफ दिखाई देना चाहिए। यानी कंपनियों पुराने एमआरपी के साथ नया एमआरपी भी लिखना होगा।

नई दिल्ली| त्योहारों से पहले ग्राहकों को बड़ी राहत मिली है। सरकार ने साफ कर दिया है कि जीएसटी दरों (gst rate cut) में बदलाव का फायदा अब सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचेगा। इसके लिए कंपनियों को अपने पुराने और बिना बिके माल (unsold stock) पर नया एमआरपी (MRP) लिखना अनिवार्य होगा।
मतलब यह कि अगर किसी प्रोडक्ट पर टैक्स कम हुआ है तो उसकी कीमत भी उतनी ही घटानी पड़ेगी। कंपनियां पुराने पैक पर नया दाम स्टिकर, स्टैंप या प्रिंट करके लिख सकती हैं। लेकिन ध्यान रहे, पुराना एमआरपी भी साफ दिखाई देना चाहिए। यानी कंपनियों पुराने एमआरपी के साथ नया एमआरपी भी लिखना होगा।
सरकार का यह आदेश 9 सितंबर को आया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि निर्माता, पैकर्स और इंपोर्टर्स 31 दिसंबर 2025 तक (या जब तक स्टॉक खत्म न हो) दाम संशोधित कर सकते हैं। उन्होंने साफ किया कि कीमतों में बदलाव सिर्फ टैक्स के हिसाब से होगा।
न तो ज्यादा बढ़ा सकते हैं और न ही मनमानी कमी दिखा सकते हैं। उन्होंने यह भी साफ किया कि कंपनियों को कम से कम दो बार अखबारों में विज्ञापन देना होगा। साथ ही डीलरों और सरकारी अधिकारियों को भी पूरी जानकारी देनी होगी।
As per the new GST rates, manufacturers, packers, and importers can revise the MRP on unsold stock until 31st December 2025 (or until stock lasts).
Revised prices must reflect GST changes only.
The old MRP must remain visible.
Any increase or decrease in price can only match… pic.twitter.com/HdwVTUqcQY
— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) September 9, 2025
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सरकार ने क्यों उठाया यह कदम?
2017 में जीएसटी लागू होने के बाद कई कंपनियों पर आरोप लगे थे कि उन्होंने टैक्स कटौती का फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुंचाया। तब नेशनल एंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी (NAA) ने कई कंपनियों पर टैक्स डिमांड भी लगाया था। इस बार सरकार ने शुरुआत से ही सख्ती कर दी है। अब यह नियम लागू होने के बाद कंपनियां मजबूर होंगी कि ग्राहकों तक जीएसटी बदलाव का सीधा लाभ पहुंचाएं।
क्या होगा फायदा?
- ग्राहकों को टैक्स कम होने का सीधा फायदा मिलेगा।
- कंपनियां बिना नुकसान पुराने पैक बेच पाएंगी।
- बाजार में दामों को लेकर भ्रम नहीं होगा।
- पारदर्शिता बढ़ेगी और उपभोक्ता हित सुरक्षित रहेंगे।
कंपनियों को भी मिलेगी राहत
एफएमसीजी कंपनियों के पास पहले से ही पुराने जीएसटी रेट पर छपे पैक का बड़ा स्टॉक है। त्योहारों के सीजन के कारण इस बार उन्होंने ज्यादा प्रोडक्शन किया है, खासकर गिफ्ट पैक्स में। अगर इन्हें बिना बदलाव बेचा जाता तो बाजार में दो अलग-अलग दाम वाले पैक आ सकते थे। इससे दुकानदार और ग्राहक दोनों उलझन में पड़ जाते। अब सरकार ने कंपनियों को समय दिया है कि वे दिसंबर तक पुराना स्टॉक नए दामों के साथ बेच सकती हैं।
यानी यह साफ है कि सरकार का यह कदम आम उपभोक्ता और कंपनियों दोनों के लिए फायदेमंद है। अब अगर जीएसटी दर घटेगी तो दुकानों पर मिलने वाले प्रोडक्ट्स की कीमत भी उसी हिसाब से घटेगी।
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