गेहूं की बुआई से पहले मोदी सरकार ने किसानों को दिया बड़ा तोहफा, खेती-किसानी वाले सब सामान होंगे सस्ते; देखें पूरी लिस्ट
जीएसटी रिफॉर्म्स किसानों (GST Reforms For Farmers) के लिए भी काफी फायदेमंद है। किसानों के लिए ट्रैक्टर के अलावा स्प्रिंकलर ड्रिप सिंचाई कटाई मशीनरी और ट्रैक्टर पार्ट्स भी सस्ते होंगे। इसके अलावा अमोनिया सल्फ्यूरिक एसिड नाइट्रिक एसिड पर जीएसटी 18% से 5% कर दिया गया है और कमर्शियल गुड्स व्हीकल पर जीएसटी घटा है। सरकार ने मधुमक्खी और मछली पालन को बढ़ावा देने वाले उपाय भी किए हैं।

नई दिल्ली। जीएसटी रिफॉर्म्स (GST Reforms) में किसानों के फायदे लिए भी कई ऐलान किए गए हैं। कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए एक नोट के अनुसार कृषि में जीएसटी को तर्कसंगत बनाना किसानों के हित में है। वहीं ये रिफॉर्म ग्रामीण-समर्थक और स्थिरता को सहारा देने वाला सुधार है। इससे किसानों की लागत कम होगी, सहकारी समितियों और एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) को बढ़ावा मिलेगा और खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी।
कृषि को कई स्तर पर और उससे जुड़ी सभी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उर्वरक लागत में कमी आएगी, जिससे कृषि उत्पादकता बढ़ेगी, कोल्ड स्टोरेज और एग्री प्रोसेसिंग को बढ़ावा मिलेगा और खेती में मशीनीकरण बढ़ेगा।
जीएसटी रिफॉर्म से किसानों (GST Reforms For Farmers) को और क्या-क्या फायदा होगा, आइए जानते हैं।
ट्रैक्टरों (<1800 सीसी) पर जीएसटी घटकर 5%
जीएसटी में कटौती से ट्रैक्टरों की कीमत घटेगी, जिससे ये छोटे और मध्यम किसानों के लिए अधिक किफायती हो जाएँगे, जो भारत में ट्रैक्टर खरीदारों में सबसे बड़े हिस्सेदार हैं। वहीं कम कीमतें कृषि में मशीनीकरण को बढ़ावा देंगी, जिससे किसानों के समय की बचत होगी और शारीरिक श्रम लागत कम होगी और फसल उत्पादकता में सुधार होगा।
ट्रैक्टर के पुर्जों पर जीएसटी घटा (18% से 5%) है, जिससे ट्रैक्टर के टायर और ट्यूब, ट्रैक्टरों के लिए हाइड्रोलिक पंप और कई अन्य ट्रैक्टर पुर्जे भी सस्ते होंगे। इन कटौतियों से आधुनिक कृषि उपकरणों की लागत कम होगी, जिससे छोटे और सीमांत किसानों के लिए मशीनीकरण किफायती हो जाएगा।
स्प्रिंकलर, ड्रिप सिंचाई, कटाई मशीनरी और ट्रैक्टर पार्ट्स (12% से 5%)
- 12% से 5% : 15 एचपी से अधिक शक्ति वाले फिक्स्ड स्पीड डीजल इंजन, कटाई या थ्रेसिंग मशीनरी, कम्पोस्टिंग मशीनें, आदि
- 18% से 5% : ट्रैक्टर के टायर और ट्यूब, ट्रैक्टरों के लिए हाइड्रोलिक पंप, ट्रैक्टर के कई पुर्जे
इन कटौतियों से छोटे और सीमांत किसानों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले आधुनिक कृषि उपकरणों की कॉस्ट घटेगी और जल-बचत सिंचाई (ड्रिप, स्प्रिंकलर) को अपनाने को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे टिकाऊ कृषि को बढ़ावा मिलता है।
वहीं बुवाई, सिंचाई और कटाई में उत्पादकता और एफिशिएंसी बेहतर होगी। ट्रैक्टर फाइनेंस और इक्विपमेंट लीजिंग/किराये के मॉडलों की मांग पैदा करता है, जिससे ग्रामीण एनबीएफसी और सहकारी समितियों को लाभ होता है।
अमोनिया, सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड पर जीएसटी 18% से 5%
उर्वरक उत्पादन के लिए प्रमुख कच्चा माल; दरों में कटौती से इंवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर (आईडीएस) में सुधार होता है। वहीं जीएसटी में कटौती से किफायती उर्वरकों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जिससे बुवाई के मौसम में किसानों को सीधे लाभ होगा।
उत्पादन लागत में कमी से कंपनियों को किसानों पर कीमतों में वृद्धि का बोझ डालने से बचने में मदद मिलती है, जिससे उर्वरक किफायती रहते हैं और मांग स्थिर रहती है।
जैव-कीटनाशक और कई माइक्रोन्यूट्रिएंट्स , फल, सब्जियों और फूड प्रोसेसिंग
12 जैव-कीटनाशक और कई माइक्रोन्यूट्रिएंट्स पर जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। वहीं तैयार/संरक्षित सब्जियां, फल, मेवे पर भी 12% से घटकर 5% जीएसटी रेट होगा। इससे कोल्ड स्टोरेज को बढ़ावा मिलेगा, नाशवान वस्तुओं की बर्बादी कम होगी, जिससे किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा।
साथ ही प्रोसेस्ड फूड आइटम्स के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और भारत की एग्री-एक्सपोर्ट हब के तौर पर स्थिति मजबूत होगी।
कमर्शियल गुड्स व्हीकल पर जीएसटी घटा
कमर्शियल गुड्स व्हीकल (ट्रक, डिलीवरी वैन आदि) पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% किया गया है। ट्रक भारत की सप्लाई चेन की रीढ़ हैं और जीएसटी कम होने से ट्रकों की शुरुआती कैपिटल कॉस्ट कम हो जाती है, जिससे प्रति टन-किमी माल ढुलाई दर कम हो जाती है।
इससे कृषि उत्पादों की सप्लाई सस्ती हो जाएगी। बता दें कि माल ढुलाई के थर्ड-पार्टी बीमा पर आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) के साथ जीएसटी को 12% से घटाकर 5% करना भी एक सकारात्मक कदम है।
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दूध-पनीर टैक्स फ्री और मक्खन-घी पर घटा जीएसटी
दूध और पनीर पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा, जबकि मक्खन-घी पर पहले के 12 फीसदी के बजाय अब 5 फीसदी जीएसटी लगेगा। कई किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए मवेशी पालते हैं, इसलिए जीएसटी में कटौती से किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इससे महिलाओं के ग्रामीण उद्यमों को सहारा मिलेगा, क्योंकि डेरी और डेरी प्रोसेसिंग स्वयं सहायता समूहों में महिलाओं के लिए कमाई के प्रमुख स्रोत हैं। दूध के डिब्बों (लोहे, स्टील या एल्युमीनियम से बने डिब्बों) पर भी जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
शहद और मछली पालन
‘तैयार या संरक्षित मछली’ पर टैक्स रेट में कमी (12% से 5%) से देश भर में जलीय कृषि और खासकर मत्स्य पालन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। प्राकृतिक शहद पर जीएसटी कम होगा, जिससे मधुमक्खी पालकों, आदिवासी समुदायों और ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों को सीधा लाभ होगा, जो प्राकृतिक शहद के प्रमुख उत्पादक हैं।
और किन चीजों पर घटा जीएसटी
सौर ऊर्जा वाले उपकरणों पर जीएसटी 12% से घटकर 5% हो जाएगा, जिससे ऐसे उपकरणों से सिंचाई लागत कम होगी और किसानों को लाभ होगा।
वहीं केंदू पत्ते पर जीएसटी रेट कम (18% से 5%) हुआ है, जो उड़ीसा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के किसानों और आदिवासियों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत हैं। इन राज्यों के कई लोगों की कमाई इन पत्तों की कीमतों पर निर्भर है। जीएसटी की दर कम होने से इन क्षेत्रों के आदिवासियों और किसानों को मदद मिलेगी।
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