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    ट्रंप को ताकत दिखाने और चीन को टक्कर देने की तैयारी, 20 बिलियन डॉलर वाला प्लान तैयार! कहां खर्च होगी ये रकम

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 01:32 PM (IST)

    भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ग्लोबल और घरेलू दोनों चिप निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए 1.76 लाख करोड़ के एक नये इन्सेंटिव प्रोग्राम की तैयारी में लगी हुई। इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री (Meity) ने वित्त मंत्रालय की मंज़ूरी मांगी है।

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    सरकार, सेमीकंडक्टर सेक्टर के लिए एक नये इन्सेंटिव प्रोग्राम की तैयारी में लगी है।

    नई दिल्ली। इनकम टैक्स में कटौती के बाद जीएसटी दरों (GST Reforms) में बड़े बदलाव तक मोदी सरकार साल 2025 में सुधारों को लेकर तेजी से कदम उठा रही है। इन सुधारों का मकसद आम आदमी की जिंदगी को बेहतर बनाना और देश में निवेश को बढ़ाना है। इसी कड़ी में सरकार ग्लोबल और घरेलू दोनों सेमीकंडक्टर (Made in India Semiconductor) निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए 20 बिलियन डॉलर (17,62,47,40,00,000 रुपये) के एक नये इन्सेंटिव प्रोग्राम की तैयारी में लगी हुई। मिंट की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। दरअसल, सरकार पिछले 2 साल से भारत को सेमीकंडक्टर पावरहाउस के रूप में स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है।

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    चूंकि, दुनिया में चीन और ताइवान सेमीकंडक्टर के बड़े निर्माता हैं और अमेरिका को भारी मात्रा में चिप का निर्यात करते हैं। ऐसे में सरकार के 20 बिलियन डॉलर के इस इन्सेंटिव प्रोग्राम से जहां चीन को कड़ी टक्कर मिलेगी तो वहीं ट्रैरिफ तनाव के बीच अमेरिका को अपनी ताकत दिखाने का मौका मिलेगा। क्योंकि, 1.76 लाख करोड़ का यह पैकेज बेहद बड़ा है और सेमीकंडक्टर की दिशा में आगे बढ़ने की सरकार की मंशा को दिखाता है।

    क्या है सरकार का प्लान

    इस रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री (Meity) ने इस योजना के लिए वित्त मंत्रालय की मंज़ूरी मांगी है। हालांकि, इससे पहले इस प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल के सामने रखा जाएगा। उम्मीद है कि इस साल के आखिरी तक इस योजना को मंजूरी मिल जाएगी। दरअसल, 2025 के आखिरी तक भारत सेमीकंडक्टर मिशन के पहले चरण की समाप्ति होने वाली है।

    सरकारी अधिकारियों ने द मिंट को बताया कि इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के पहले चरण के परिणामों का आकलन करते हुए एक विस्तृत डोजियर तैयार कर रहा है। एक अधिकारी ने कहा, "वित्त मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से एक फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट मांगा था, जिसमें सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआती किस्त से होने वाले लाभ और भारत की तुलना अन्य क्षेत्रों, खासकर अमेरिका से कैसे की जाती है, जहां इस काम के लिए बड़े इन्सेंटिव पैकेज हैं।

    कितना बड़ा चीन का सेमीकंडक्टर मार्केट

    चीन के सेमीकंडक्टर मार्केट की साइज 2024 में 180 बिलियन अमेरिकी डॉलर आंकी गई थी, जबकि चीन सेमीकंडक्टर रेवेन्यू 2025 से 2032 तक 8.4% बढ़कर लगभग 343.17 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। दरअसल, सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल ऑटोमोबाइल से लेकर तमाम तरह के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में होता है इसलिए दुनियाभर में इसकी मांग रहती है।