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    FDI सीमा 100% करने के लिए बनाई गई नई समिति, विदेशी निवेश को मिलेगा बढ़ावा

    Updated: Thu, 20 Feb 2025 11:30 PM (IST)

    भारतीय सरकार ने बीमा अधिनियम 1938 में प्रस्तावित संशोधन के तहत एफडीआइ (विदेशी प्रत्यक्ष निवेश) की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% करने का निर्णय लिया है। इसके लिए भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDA) ने एक सात सदस्यीय समिति का गठन किया है जिसका नेतृत्व भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के पूर्व चेयरमैन दिनेश खारा करेंगे। समिति एफडीआइ की बढ़ी हुई सीमा को लागू करने के लिए रूपरेखा तैयार करेगी।

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    भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व चेयरमैन दिनेश खारा की अध्यक्षता में एक सात सदस्यीय समिति गठित (फोटो सोर्स-आईएएनएस)

    पीटीआई, नई दिल्ली। बीमा अधिनियम, 1938 में प्रस्तावित संशोधनों की जांच करने के लिए भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDA) भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व चेयरमैन दिनेश खारा की अध्यक्षता में एक सात सदस्यीय समिति गठित की है।

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    समिति इसके क्रियान्वयन के लिए रूपरेखा भी सुझाएगी। सरकार ने बीमा कानून में संशोधन कर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को 100 प्रतिशत करने सहित अन्य बदलाव प्रस्तावित हैं।

    विदेशी निवेश की शर्तों को सरल बनाने की कही थी बात

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को पेश बजट में बीमा क्षेत्र में एफडीआइ सीमा को 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने का एलान किया था। उन्होंने कहा था, यह बढ़ी हुई सीमा उन कंपनियों के लिए होगी, जो अपना पूरा प्रीमियम भारत में निवेश करती है। विदेशी निवेश से जुड़ी मौजूदा सुरक्षा और शर्तों की समीक्षा की जाएगी और उन्हें सरल बनाया जाएगा।

    सरकार को FDI सीमा बढ़ाने के लिए करने होंगे बदलाव

    सूत्रों के अनुसार, खारा की अध्यक्षता वाली समिति ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपनी पहली बैठक की। सात सदस्यीय समिति के अन्य सदस्य हैं, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के पूर्व एमडी और सीईओ एनएस कन्नन, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के पूर्व सीएमडी गिरीश राधाकृष्णन, आइआरडीएआई के पूर्व सदस्य राकेश जोशी, आरबीआई के पूर्व कार्यकारी निदेशक सौरभ सिन्हा, एमएफआइएन के एमडी और सीईओ आलोक मिश्रा और कानूनी विशेषज्ञ एल विश्वनाथन।

    एफडीआई सीमा बढ़ाने के लिए, सरकार को बीमा अधिनियम 1938, जीवन बीमा निगम अधिनियम 1956 और बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम 1999 में संशोधन करना होगा। बीमा क्षेत्र में एफडीआइ की सीमा आखिरी बार 2021 में 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत की गई थी।

    2015 में सरकार ने बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत कर दी गई। वर्तमान में, भारत में 25 जीवन बीमा कंपनियां और 34 गैर-जीवन या सामान्य बीमा कंपनियां हैं। इनमें एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड और ईसीजीसी लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं।

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