India-UK FTA: एक-दूसरे की सरकारी खरीदारी में ले सकेंगे हिस्सा भारत-ब्रिटेन, जानें किस देश को मिलेगा ज्यादा लाभ?
India-UK Free Trade Agreement भारत और ब्रिटेन के बीच किए गए मुक्त व्यापार समझौता (India-UK FTA) पर अमल के बाद दोनों देश एक-दूसरे के यहां होने वाली सरकारी खरीदारी में हिस्सा ले सकेंगे। एफटीए में इस प्रविधान से भारत को अधिक फायदा मिलता दिख रहा है। माना जा रहा है कि भारतीय एमएसएमई को ज्यादा फायदा मिल सकता है।
नई दिल्ली| India-UK Free Trade Agreement : भारत और ब्रिटेन के बीच किए गए मुक्त व्यापार समझौता (India-UK FTA) पर अमल के बाद दोनों देश एक-दूसरे के यहां होने वाली सरकारी खरीदारी में हिस्सा ले सकेंगे। एफटीए में इस प्रविधान से भारत को अधिक फायदा मिलता दिख रहा है।
इसका कारण यह है कि भारत ने अपने यहां होने वाली सरकार की सीमित खरीदारी में ब्रिटेन के सप्लायर्स को मौका देने का फैसला किया है जबकि ब्रिटेन के यहां होने वाली सभी प्रकार की सरकारी खरीद में भारतीय सप्लायर हिस्सा ले सकेंगे। इससे भारतीय एमएसएमई (Indian MSME) को फायदा होगा।
खरीदारी में कहां हिस्सा ले सकेगा ब्रिटेन?
एफटीए के प्रविधान के मुताबिक, ब्रिटेन के सप्लायर भारत के सिर्फ केंद्रीय विभागों की तरफ से की जाने वाली गैर-संवेदनशील वस्तुओं की खरीदारी में हिस्सा ले सकेंगे। ब्रिटेन के सप्लायर भारत की केंद्रीय सार्वजनिक कंपनियां, राज्य सरकार के विभाग या अन्य संस्थाओं में होने वाली खरीदारी में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
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भारत को कैसे होगा ज्यादा फायदा?
भारत के सप्लायर ब्रिटेन की सभी प्रकार की सरकारी संस्थाओं में की जाने वाली खरीदारी में हिस्सा ले सकेंगे। एफटीए में ब्रिटेन इस बात पर भी राजी हो गया है कि उनके यहां होने वाली खरीदारी में भारतीय सप्लायर के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा और उन्हें ब्रिटेन की कंपनी की तरह ही वस्तु व सेवा सप्लाई का समान अवसर मिलेगा। जबकि भारत में होने वाली सरकारी खरीद में भारत सरकार अपने एमएसएमई को प्राथमिकता देगी।
सेवा सप्लाई में भी हिस्सा लेने का मौका?
भारतीय सप्लायर ब्रिटेन के कैबिनेट कार्यालय, व्यापार विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग, सामाजिक व स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग की खरीदारी में हिस्सा ले सकेंगे। सेवा सप्लाई में भी हिस्सा लेने का मौका मिलने से भारतीय आईटी कंपनियों को भी इसका लाभ मिलेगा।
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हालांकि, विदेश व्यापार विशेषज्ञ अब यह भी कह रहे हैं कि ब्रिटेन के साथ एफटीए में सरकारी खरीद में हिस्सा लेने के प्रविधान को शामिल करने से अब अमेरिका भी भारत के साथ होने वाले व्यापारिक समझौते में इस प्रकार का प्रविधान लाना चाहेगा।
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