भारत के नामचीन पारसी परिवार, 150 साल से बिजनेस में बुलंद इनके ब्रांड, पहले नंबर पर टाटा दूसरे और तीसरे पर कौन
कॉरपोरेट इंडिया में पारसी बिजनेस फैमिलीज का बड़ा योगदान रहा है। टाटा से लेकर पूनावाला, मिस्त्री, गोदरेज और वाडिया ग्रुप ने बिजनेस वर्ल्ड में बड़ी छाप छोड़ी है। इन परिवारों का इतिहास 150 साल पुराना है और आज भी ब्रांड के तौर पर इनकी मजबूत पहचान है।

भारत के औद्योगिक जगत में पारसी बिजनेस फैमिलीज का बड़ा नाम रहा है।
नई दिल्ली। भारतीय उद्योग जगत में टाटा समेत कई पारसी बिजनेस फैमिली (Famous Parsi Business Families) का बड़ा नाम और रुतबा है। हालांकि, इनमें टाटा समूह सबसे शीर्ष पर है लेकिन क्या आप अन्य पारसी फैमिली को जानते हैं जिनका इंडियन कॉरपोरेट वर्ल्ड में बड़ा नाम है। भारत में पारसी कम्युनिटी अल्पसंख्यक है, लेकिन देश की बहुसंख्यक आबादी पर इन्होंने बड़ी छाप छोड़ी है, खासकर देश की औद्योगिक क्रांति में उनकी अहम भूमिका रही है।
पारसी समुदाय, फारस से आए प्रवासियों के वंशजों का है, जो मध्यकाल में भारत आए और भारत को अपना घर बना लिया। आइये हम आपको कुछ प्रसिद्ध पारसी कारोबारियों के बारे में बताते हैं, जिन्होंने भारत के औद्योगिक जगत पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है।
भारत के नामी पारसी फैमिलीज
जमशेद जी टाटा: भारत के प्रसिद्ध पारसी उद्योगपतियों में सबसे पहला नाम जमशेदजी टाटा का आता है, जो टाटा ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ के संस्थापक रहे। जमशेदजी टाटा, एक ऐसे उद्यमी रहे जिन्होंने भारत को एक अग्रणी राष्ट्र बनने में अहम योगदान दिया।
टाटा समूह के संस्थापक रहे जमशेद जी टाटा ने 1870 के दशक में मध्य भारत में कपड़े के कारोबार से टाटा समूह की नींव रखी, और आज की तारीख में टाटा ग्रुप, देश और दुनिया का नाम औद्योगिक घराना है।
सर दोराब जी टाटा: Tata समूह में सर दोराब जी टाटा भी एक प्रसिद्ध कारोबारी और परोपकारी व्यक्ति रहे, जिन्होंने टाटा स्टील कंपनी की स्थापना की। वे टाटा समूह के संस्थापक, दूरदर्शी जमशेदजी टाटा के बेटे थे। खास बात है कि सर दोराबजी टाटा ना केवल अपने पिता की बिजनेस विरासत को आगे बढ़ाया बल्कि अपनी उदारता और परोपकारी कार्यों के लिए बड़ी पहचान बनाई।
जहांगीर रतनजी दादाभॉय टाटा (जेआरडी टाटा): टाटा ग्रुप में जेआरडी टाटा भी एक बड़ा नाम रहा है, जिन्होंने भारत की पहली कमर्शियल एयरलाइन, एयर इंडिया की स्थापना की। वे काफी लंबे समय तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे। इसके अलावा, उन्होंने टाटा समूह की कंपनियों टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा मोटर्स, टाइटन इंडस्ट्रीज, टाटा साल्ट और वोल्टास जैसी कंपनियों की स्थापना की।
रतन टाटा: टाटा ग्रुप में रतन टाटा ने बड़ी पहचान बनाई। मशहूर उद्योगपति होने के साथ-साथ वे बेहद परोपकारी व्यक्ति भी रहे। रतन टाटा ने साल 1990 से लेकर 2012 तक टाटा समूह का संचालन किया। अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक, उन्होंने अंतरिम अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
गोदरेज परिवार
टाटा समूह के बाद पारसी समुदाय में गोदरेज परिवार भी बड़ा नाम रखता है। आर्देशिर गोदरेज और उनके भाई पिरोजशाह बुर्जोरजी ने गोदरेज ब्रदर्स कंपनी (आज गोदरेज समूह) की स्थापना की। कानून की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने नौकरी ना करके, एक फार्मेसी में सहायक के रूप में अपना कारोबारी सफर शुरू किया। खास बात है कि इन दोनों भाइयों ने ब्रिटिश काल में भारत को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने के लिए इस समूह की नींव रखी।
आज गोदरेज समूह रियल एस्टेट से लेकर कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के बिजनेस में सक्रिय है। फिलहाल, आदि गोदरेज इस समूह के चेयरमैन हैं।
पूनावाला परिवार
पारसी बिजनेस फैमिली में टाटा और गोदरेज के अलावा, पूनावाला परिवार भी बड़ी हैसियत रखता है। इस समूह के चेयरमैन रह चुके साइरस पूनावाला मशहूर उद्योगपति, फार्माकोलॉजिस्ट और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के संस्थापक हैं। फिलहाल, उनके बेटे अदार पूनावाला अपने इस पारिवारिक बिजनेस की कमान संभाले हुए हैं।
वाडिया फैमिली
भारत के मशहूर पारसी बिजनेस घरानों में वाडिया समूह भी एक बड़ा नाम है। इस समूह की स्थापना लोवजी नुसरवानजी वाडिया ने की थी। इस परिवार ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए जहाज बनाए और कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण और रसायन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया। आज वाडिया ग्रुप FMCG, कपड़ा और रियल एस्टेट समेत अन्य कारोबार में सक्रिय है। इस समूह के अध्यक्ष नुस्ली वाडिया हैं।
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मिस्त्री परिवार
शापूरजी पलोनजी फैमिली भी टाटा ग्रुप के समकालीन एक मशहूर औद्योगिक घराना है और इसका इतिहास भी करीब 150 साल पुराना है. शापूरजी पलोन जी एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड 15 प्रमुख कंपनियों का एक ग्लोबल और डाइवर्सीफाइ बिजेनस समूह है. इस समूह की स्थापाना पल्लोनजी मिस्त्री ने 1865 में लिटिलवुड पलोनजी एंड कंपनी के तौर पर की थी. वे दिवंगत साइरस मिस्त्री के परदादा थे।

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