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    अगले पांच साल तक चीन से ज्यादा रहेगी भारत की विकास दर, 2028 तक 8 प्रतिशत की रफ्तार हो सकती है हासिल

    Updated: Thu, 07 Mar 2024 08:35 PM (IST)

    मजबूत घरेलू खपत और पूंजीगत व्यय के चलते मूडीज रेटिंग्‍स ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2024 के लिए भारत की विकास दर का अनुमान 6.6 प्रतिशत से बढ़ाकर लगभग आठ प्रतिशत कर दिया है। साथ ही कहा है कि भारत जी20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होगा। वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी बार्कलेज भी भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर काफी आशावादी दिख रही है।

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    बार्कलेज का अनुमान, चुनाव के बाद बढ़ सकती है भारतीय विकास दर।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी बार्कलेज भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर काफी आशावादी दिख रही है। उसका मानना है कि आने वाले सालों में दुनिया की कुल जीडीपी में भारत का योगदान बढ़ता जाएगा जबकि चीन का योगदान कम होगा। चीन की विकास दर अगले पांच साल तक भारत से कम रहने का अनुमान है।

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    गुरुवार को जारी बार्कलेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में वर्ष 2024 से वर्ष 2028 तक आठ प्रतिशत की दर से विकास करने की क्षमता है, लेकिन इस काम के लिए भारत को कुछ आर्थिक बिंदुओं पर ध्यान देना होगा। लोकसभा चुनाव में किसी एक पार्टी को बहुमत मिलने की उम्मीद से आगामी वर्षों में आर्थिक नीति को लेकर कोई मतभेद नहीं होने से विकास को और मजबूती मिलेगी।

    रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनाव के खत्म होने के बाद बहुमत की सरकार बनने की उम्मीद है और इस बात की पूरी संभावना है कि उसके बाद सरकार विकास दर को और तेज करने का प्रयास करेगी। हालांकि बार्कलेज का अनुमान सही नहीं भी होता है तो भी भारत विभिन्न वैश्विक एजेंसियों के अनुमान के मुताबिक अगले कई सालों तक दुनिया में सबसे तेज गति से विकास करने वाला देश बना रहेगा। चालू वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में भारत की जीडीपी विकास दर 8.4 प्रतिशत रहने के बाद बार्कलेज ने चालू वित्त वर्ष में भारत की विकास दर 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है जबकि पहले यह अनुमान 6.7 प्रतिशत का था।

    अभी वैश्विक जीडीपी में भारत का योगदान 10 प्रतिशत से अधिक

    गुरुवार को जारी बार्कलेज की रिपोर्ट के मुताबिक अभी वैश्विक जीडीपी में भारत का योगदान 10 प्रतिशत से अधिक है जो आठ प्रतिशत की दर से विकास करने पर वर्ष 2028 तक 16 प्रतिशत तक हो जाएगी। वहीं चीन की विकास दर 4-4.5 प्रतिशत के बीच रहने से वैश्विक जीडीपी में चीन का योगदान 33 प्रतिशत से कम होकर वर्ष 2028 तक 26 प्रतिशत रह जाएगा। बार्कलेज का मानना है कि वर्ष 2028 तक आठ प्रतिशत की विकास दर मिलने पर इस दशक के अंत तक भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार आठ ट्रिलियन डालर का हो जाएगा जबकि वर्तमान में यह अनुमान 6.6 ट्रिलियन डालर का है।

    वैश्विक निर्यात में भारत की हिस्सेदारी अभी 2.4 प्रतिशत

    बार्कलेज के मुताबिक आठ प्रतिशत की विकास दर हासिल करने के लिए भारत को अपनी बचत दर को जीडीपी के 32.3 प्रतिशत तक लाना होगा जबकि अभी बचत दर जीडीपी का 30.2 प्रतिशत है। कामगारों (वर्कफोर्स) की संख्या में 3.5 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी करनी होगी, जो अभी सिर्फ एक प्रतिशत है और इनमें महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना होगा। वैश्विक निर्यात में भारत की हिस्सेदारी को 4.5-5 प्रतिशत तक ले जाना होगा जो अभी 2.4 प्रतिशत है।

    मूडीज ने भारत के विकास दर के अनुमान को बढ़ाकर आठ प्रतिशत किया

    मजबूत घरेलू खपत और पूंजीगत व्यय के चलते मूडीज रेटिंग्‍स ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2024 के लिए भारत की विकास दर का अनुमान 6.6 प्रतिशत से बढ़ाकर लगभग आठ प्रतिशत कर दिया है। साथ ही कहा है कि भारत जी20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होगा। यह अनुमान आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास के उस बयान के एक दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार द्वारा जारी तीसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि आठ प्रतिशत के करीब रह सकती है। मूडीज का नवीनतम अनुमान नवंबर 2023 में लगाए गए 6.6 प्रतिशत के पिछले अनुमान से लगभग 140 आधार अंक अधिक है।

     

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