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    NSE F&O Stocks: भारत डायनामिक्स और रेल विकास निगम समेत ये 9 शेयर हुए F&O में शामिल, देखें इनके नाम और लॉट साइज

    NSE FO Stocks List फ्यूचर एंड ऑप्शन सेगमेंट में शामिल होने वाले नए शेयरों में ब्लू स्टार फोर्टिस हेल्थकेयर मैनकाइंड फार्मा लिमिटेड मझगांव डॉक और पीरामल फार्मा लिमिटेड समेत कई शेयर शामिल हैं। शेयर बाजार में FO डेरिवेटिव सेगमेंट के तहत आता है. एफएंडओ का मतलब फ्यूचर्स और ऑप्शंस से है।

    By Chandrashekhar Gupta Edited By: Chandrashekhar Gupta Updated: Fri, 30 May 2025 11:57 AM (IST)
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    सेबी ने इस महीने इन शेयरों को एफएंडओ सेगमेंट में शामिल करने के लिए सर्कुलर जारी किए थे।

    नई दिल्ली. शेयर बाजार के 'फ्यूचर एंड ऑप्शन सेगमेंट' (F&O) में आज से 9 नए शेयरों की एंट्री हो गई है. इनमें भारत डायनामिक्स और रेल विकास निगम के स्टॉक शामिल हैं। बाजार नियामक सेबी ने इस महीने इन शेयरों को एफएंडओ सेगमेंट में शामिल करने के लिए सर्कुलर जारी किए थे, और अब ये सभी शेयर इस सेगमेंट में काम करने लगे हैं। आइये आपको बताते हैं इन सभी 9 शेयरों के नाम और इनके एफएंडओ कॉन्ट्रैक्ट के लॉट साइज के बारे में...

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    कौन-कौन से 9 नए शेयर

    भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL) - लॉट साइज 325

    ब्लू स्टार लिमिटेड (BLUESTARCO) - लॉट साइज 325

    फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड (FORTIS) - लॉट साइज 775

    केयंस टेक्नोलॉजी इंडिया लिमिटेड (KAYNES) - लॉट साइज 100

    मैनकाइंड फार्मा लिमिटेड (MANKIND) - लॉट साइज 225

    मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MAZDOCK) - लॉट साइज 175

    पीरामल फार्मा लिमिटेड (PPLPHARMA) - लॉट साइज 2500

    रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) लॉट साइज 1375

    यूएनओ मिंडा लिमिटेड (UNOMINDA) लॉट साइज 550

    क्या होता है F&O सेगमेंट

    शेयर बाजार में F&O, डेरिवेटिव सेगमेंट के तहत आता है. एफएंडओ का मतलब फ्यूचर्स और ऑप्शंस से है, जो एक्सचेंजों पर ट्रेड किए जाने वाले डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट के प्रकार हैं। ये कॉन्ट्रैक्ट स्टॉक, इंडेक्स या कमोडिटी मार्केट में भी उपलब्ध होते हैं. ये एक प्रकार से हेजिंग टूल होते हैं। पिछले कुछ वर्षों में इनका इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है और यह स्पेक्यूलेटिव ट्रेडिंग का माध्यम बन गए हैं, जो एक प्रकार से सट्टेबाजी जैसा है।

    फ्यूचर एंड ऑप्शन में काम करना बहुत ही जोखिम भरा है. सेबी के डिस्क्लोजर के अनुसार, एफएंडओ में काम करने वाले 10 में से 9 ट्रेडर घाटा उठाते हैं. हर साल अमूमन 90 फीसदी एफएंडओ ट्रेडर घाटे में रहते हैं।

    सेबी की एक स्टडी से पता चला है कि इक्विटी फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट में अधिकांश ट्रेडर ने FY22 और FY24 के बीच भारी नुकसान उठाया। हैरान करने वाली बात है कि प्रत्येक ट्रेडर को औसतन ₹2 लाख का लॉस हुआ, और इस अवधि में कुल नुकसान ₹1.8 लाख करोड़ से अधिक रहा।