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    PM Kisan Yojana की 21वीं किस्त के बाद एक और खुशखबरी, कृषि मंत्री बोले- पूरी भरपाई होगी; कब से मिलेगा फायदा?

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 08:07 PM (IST)

    PM Fasal Bima Yojana: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त के बाद, केंद्र सरकार ने फसल बीमा योजना (Fasal Bima Yojana) में बदलाव किया है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि अब जंगली जानवरों के हमले और अतिवृष्टि से होने वाले नुकसान को भी बीमा में शामिल किया जाएगा। जानें यह नियम कब से लागू होगा।

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    PM Fasal Bima Yojana: अब जंगली जानवर और बाढ़ का नुकसान भी कवर, कृषि मंत्री बोले- पूरी भरपाई होगी; फायदा किसे?

    PM Fasal Bima Yojana: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त (pm kisan 21th installment) देने के बाद केंद्र सरकार ने किसानों को एक और बड़ी राहत का ऐलान किया है। अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में ऐसा बदलाव किया गया है, जिसकी लंबे समय से मांग हो रही थी। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को घोषणा की है कि अब जंगली जानवरों का हमला और अतिवृष्टि से होने वाली बाढ़ या जलभराव, दोनों तरह का नुकसान फसल बीमा में पूरी तरह कवर किया जाएगा।

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    क्या बोले कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान?

    शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा, "किसान भाइयों-बहनों… आपकी दो बड़ी चिंताएं हमने दूर कर दी हैं। अब अगर जंगली जानवर फसलें बर्बाद करते हैं या भारी बारिश से खेतों में पानी भर जाता है, तो इसकी पूरी भरपाई सरकार करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का लक्ष्य है कि किसी भी किसान को बिना सुरक्षा के न छोड़ा जाए।"

     कब से लागू होगा नया नियम?

    सरकार के नए नियम खरीफ 2026 से लागू होंगे। यानी आने वाले समय में किसानों को ऐसे नुकसान पर अलग से शिकायतें लेकर भटकना नहीं पड़ेगा। कृषि मंत्रालय के मुताबिक देशभर में हाथी, जंगली सूअर, नीलगाय, हिरण और बंदरों जैसे जानवर बड़ी मात्रा में खेतों को नुकसान पहुंचाते हैं, खासकर जंगलों और वन्यजीव गलियारों से सटे इलाके में। अब इन हमलों को Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana में स्थानीयकृत जोखिम (Localized Risk) के तहत पांचवीं अतिरिक्त कैटेगरी में शामिल कर लिया गया है।

    यह भी पढ़ें- PM Kisan Yojana: कहां से आया था इस योजना का आइडिया, किसका था दिमाग?

    कैसे दावा कर सकेंगे किसान?

    राज्य सरकारें तय करेंगी कि उनके यहां किन जंगली जानवरों से सबसे ज्यादा नुकसान होता है। संवेदनशील जिलों या बीमा इकाइयों की पहचान भी राज्य ही करेंगे। किसान को नुकसान होने के 72 घंटे के भीतर फसल बीमा ऐप पर जियोटैग फोटो अपलोड करनी होगी। मंत्रालय ने कहा कि यह ढांचा वैज्ञानिक और पारदर्शी तरीके से बनाया गया है ताकि किसानों का दावा समय पर निपट सके।

    धान की बाढ़ से नुकसान भी कवर

    2018 में नैतिक जोखिम और जलमग्न फसलों के आकलन की कठिनाई के कारण धान की बाढ़ को बीमा कवर से बाहर कर दिया गया था। इससे तटीय और बाढ़-प्रभावित इलाकों के किसानों पर बड़ा असर पड़ रहा था। अब विशेषज्ञ समिति की सिफारिश पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे फिर से बीमा कवर में शामिल करने पर मुहर लगा दी है।

    किन राज्यों को सबसे ज्यादा फायदा?

    इस फैसले से खास तौर पर इन राज्यों के किसानों को राहत मिलेगी- ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, उत्तराखंड, और पूर्वोत्तर के असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश। सरकार का दावा है कि इस कदम से लाखों किसानों की फसलों को अब पुख्ता सुरक्षा मिलेगी और उनका आर्थिक जोखिम काफी कम होगा।

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