50% टैरिफ के खिलाफ सरकार ने चला 'ट्रंप कार्ड', बेअसर होगा Trump का दांव, BMI की रिपोर्ट में बड़ा दावा
फिच सॉल्यूशंस कंपनी बीएमआई ने अपने नोट में कहा कि आगामी जीएसटी रिफॉर्म अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम कर सकता है। क्योंकि टैक्स दरों में कटौती होने से निजी उपभोग को बढ़ावा मिलेगा। जोखिम और उद्योग विश्लेषण करने वाली कंपनी बीएमआई ने यह भी कहा कि भारत इस दशक में एशिया में सबसे तेजी से बढ़ती उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना रहेगा।
नई दिल्ली। भारत से अमेरिका आयात होने वाले सामानों पर 50 फीसदी टैरिफ (US Tariff on Indian Goods) से, खासकर कुछ इंडस्ट्रीज को काफी नुकसान की संभावनाएं जताई जा रही हैं। लेकिन, फिच सॉल्यूशंस कंपनी बीएमआई ने कहा कि आगामी जीएसटी रिफॉर्म (GST Reforms), जिसका उद्देश्य टैक्स दरों में कटौती करना और निजी उपभोग को बढ़ावा देना है, सरकार का यह फैसला अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम कर सकता है। जोखिम और उद्योग विश्लेषण करने वाली कंपनी बीएमआई ने यह भी कहा कि भारत इस दशक में एशिया में सबसे तेजी से बढ़ती उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना रहेगा।
बीएमआई के नोट के अनुसार, भारत की GDP 6 प्रतिशत से ऊपर रहने का अनुमान है, भले ही अतिरिक्त अमेरिकी टैरिफ कुछ उद्योगों को प्रभावित करें, तब भी इकोनॉमी पर ज्यादा असर नहीं होगा। बीएमआई ने कहा, "हमारा अनुमान है कि इस दशक के अंत तक भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.0 प्रतिशत से कुछ ऊपर आ जाएगी, जो 2010-2019 के महामारी-पूर्व औसत 6.5 प्रतिशत से थोड़ा कम है।"
BMI को और क्या उम्मीदें
बीएमआई ने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि आने वाले दशक में उत्पादकता में लगभग 5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है, जिससे जीडीपी ग्रोथ को पर्याप्त गति मिलेगी। बीएमआई ने रिपोर्ट में कहा, "हमने पहले अनुमान लगाया था कि रेसिप्रोकल टैरिफ में 25 प्रतिशत की वृद्धि से वित्त वर्ष 2025/26 (अप्रैल-मार्च) और वित्त वर्ष 2026/27 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 0.2 प्रतिशत और धीमी हो जाएगी। इस प्रकार, हमने अपने पूर्वानुमानों को इसके अनुसार संशोधित किया है और अब उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025/26 में अर्थव्यवस्था 5.8 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2026/27 में 5.4 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।"
GST रिफार्म से इन सेक्टरों में आएगी तेजी
जीएसटी सुधारों को लेक बीएमआई ने कहा कि "जीएसटी रिफॉर्म से टैरिफ से जुड़े दबाव को समाप्त किया जा सकता है। हालांकि, इन सुधारों को लेकर किसी भी तरह के विवरण की अभी पुष्टि नहीं हुई है, इसलिए हम जीएसटी सुधार को फिलहाल ग्रोथ फॉरकास्ट के रूप में देखते हैं।"
बीएमआई का मानना है कि जीएसटी दरों में दो-स्लैब के होने से ऑटोमोबाइल, फाइनेंशियल सर्विसेज, सीमेंट और उपभोक्ता वस्तुओं जैसे क्षेत्रों में खपत को बढ़ावा मिलने और प्रॉफेटिबिलिटी में सुधार होने की उम्मीद है।
एसबीआई रिसर्च की एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी सुधारों और बजट में इनकम टैक्स में की गई कटौती से खपत में 5.31 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हो सकती है, जो सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 1.6 प्रतिशत के बराबर है। अमेरिकी क्रेटिंग एजेंसी, फिच रेटिंग्स ने भी स्टैबल आउटलुक के साथ भारत की रेटिंग 'BBB-' पर बरकरार रखी है और उम्मीद जताई है कि अमेरिकी टैरिफ का भारत की ग्रोथ पर सीमित प्रभाव पड़ेगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।