रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल बने Tata Sons के नए डायरेक्टर, जानें इनके पास कंपनी के कितने शेयर
नोएल टाटा ने टाटा संस(Tata Sons) में अपनी भूमिका मजबूत कर ली है शेयरधारकों ने निदेशक के रूप में उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी है। टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन बनने के बाद उन्हें टाटा संस बोर्ड में नामित किया गया। शेयरधारकों ने वेणु श्रीनिवासन और सौरभ अग्रवाल की पुनर्नियुक्ति को भी मंजूरी दी है।

नई दिल्ली। स्वर्गीय रतन टाटा (Ratan Tata) के सौतेले भाई नोएल टाटा ने 150 अरब डॉलर के टाटा समूह की मुख्य होल्डिंग कंपनी टाटा संस लिमिटेड में अपनी भूमिका मजबूत कर ली है। कंपनी की वार्षिक आम बैठक में निदेशक के रूप में उनकी नियुक्ति को शेयरधारकों की मंजूरी मिल गई है।
नोएल टाटा अक्टूबर 2024 में टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन बने। उन्हें ट्रस्ट्स द्वारा टाटा संस बोर्ड में नामित किया गया था और रतन टाटा के निधन के बाद पिछले साल इडिशनल डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया था।
नोएल टाटा के साथ शेयरधारकों ने वेणु श्रीनिवासन और सौरभ अग्रवाल की पुनर्नियुक्ति को भी मंजूरी दे दी। उन्होंने अनीता मारंगोली जॉर्ज को भी स्वतंत्र निदेशक नियुक्त किया। जॉर्ज, उभरते बाजारों पर केंद्रित एक विकास निधि, प्रोस्पेरेट की को-फाउंडर और CEO हैं। वह विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC) में पूर्व वरिष्ठ अधिकारी भी रह चुकी हैं।
नोएल टाटा के पास टाटा संस के 4058 शेयर
नोएल टाटा एकमात्र बोर्ड सदस्य हैं जिनके पास कंपनी में शेयर हैं, उनके पास टाटा संस के 4,058 शेयर हैं। टाटा संस में 66 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली टाटा ट्रस्ट्स ने पहले भी अपनी स्थिति दोहराई थी कि कंपनी को निजी स्वामित्व में ही रहना चाहिए। हालाँकि भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार, उच्च-स्तरीय गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध करना अनिवार्य है, फिर भी यह टाटा संस की लिस्टिंग के खिलाफ है।
यह वार्षिक आम बैठक ऐसे समय में हुई जब टाटा संस में 18.4 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले शापूरजी पलोनजी (एसपी) समूह के साथ कंपनी से संभावित निकासी को लेकर बातचीत चल रही है। हालाँकि, अभी तक कोई समझौता नहीं हो पाया है।
टाटा कैपिटल को लिस्ट करने की चल रही योजना
टाटा समूह सितंबर तक टाटा कैपिटल लिमिटेड को लिस्ट करने की तैयारी में है। प्रस्तावित आईपीओ से लगभग 17,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है।
अजय पीरामल और राल्फ स्पेथ के बोर्ड से सेवानिवृत्त होने के साथ, दो नए निदेशकों की नियुक्ति की उम्मीद है। टाटा संस ने एजीएम के विवरण पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
शेयरधारकों ने प्रति साधारण शेयर 64,900 रुपये के लाभांश को भी मंजूरी दी, जो पिछले साल के 35,000 रुपये से काफी अधिक है। कुल लाभांश भुगतान 2,622.91 करोड़ रुपये है। इसमें से 1,731 करोड़ रुपये टाटा ट्रस्ट्स को उसके परोपकारी कार्यों में सहयोग के लिए दिए जाएँगे।
यह लगातार दूसरा साल है जब टाटा संस ने अपने लाभांश को लगभग दोगुना कर दिया है। पिछले वित्तीय वर्ष (FY23) में, लाभांश 17,500 रुपये प्रति शेयर था। 18 प्रतिशत हिस्सेदारी वाले शापूरजी पलोनजी समूह को भी इस बढ़े हुए भुगतान से काफी लाभ होगा।
वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए, टाटा संस ने 38,834.58 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया, जो पिछले वर्ष के 43,893 करोड़ रुपये से कम है। पिछले वर्ष के राजस्व में निवेश की बिक्री से 9,375.66 करोड़ रुपये का एकमुश्त लाभ शामिल था। कर-पश्चात लाभ एक वर्ष पूर्व के 34,653.98 करोड़ रुपये से घटकर 26,231.74 करोड़ रुपये रह गया।
मुनाफे में गिरावट के बावजूद, टाटा संस ने वर्ष के दौरान अपने सभी बकाया उधार चुका दिए। कंपनी ने वित्त वर्ष का अंत 7,117.43 करोड़ रुपये की शुद्ध नकदी के साथ किया, जो एक साल पहले 2,679.19 करोड़ रुपये थी।
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