Q2 GDP Data: रिकॉर्ड तोड़ 8.2% जीडीपी ग्रोथ, सारे अनुमानों को छोड़ा पीछे; PM मोदी बोले- ये रिफॉर्म्स का नतीजा
India GDP Q2 Growth Data: वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में जीडीपी विकास दर में जबरदस्त उछाल देखने को मिली है। दूसरी तिमाही में 8.2% की वृद्धि का अनुमान है, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 5.6% थी। जीडीपी ग्रोथ के आंकड़ों में उछाल इतनी बड़ी रही कि इसने जीडीपी के सारे अनुमानों का पीछे छोड़ दिया। ज्यादातर विशेषज्ञ जीडीपी ग्रोथ में 7 से 7.3 फीसदी की वृद्धि का अनुमान जता रहे थे।
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वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2025) में भारतीय अर्थव्यवस्था ने सबको चौंकाते हुए 8.2% की रफ्तार से विकास किया है।
नई दिल्ली। यूएस टैरिफ से जुड़ी चुनौतियों के बीच अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर एक बहुत बड़ी खबर आई है। इंडियन इकोनॉमी ने उम्मीद से बहुत बेहतर प्रदर्शन किया है। 28 नवंबर को सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था ने लगातार तीसरी तिमाही में अपनी शानदार रफ्तार जारी रखी है, जुलाई-सितंबर में जीडीपी ग्रोथ रेट 6 तिमाहियों के उच्चतम स्तर 8.2 प्रतिशत पर पहुंच गया, जबकि पिछली तिमाही में यह 7.8 प्रतिशत थी। इससे पहले आर्थिक विश्लेषकों ने दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 7% से 7.5% के बीच रहने का अनुमान लगाया था। लेकिन, यह उनकी इस उम्मीद से कई ज्यादा बेहतर रही।
उधर, जीडीपी के आंकड़ों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्साह जताया है। उन्होंने कहा कि Q2 में जीडीपी ग्रोथ 8.2% काफी उत्साहजनक है। ये सरकार के बड़े फैसले और पॉलिसी रिफॉर्म्स का नतीजा है। पीएम मोदी ने कहा कि आर्थिक सुधारों को जारी रखा जाएगा और ईज ऑफ लिविंग को मजबूत करते रहेंगे।
The 8.2% GDP growth in Q2 of 2025-26 is very encouraging. It reflects the impact of our pro-growth policies and reforms. It also reflects the hard work and enterprise of our people. Our government will continue to advance reforms and strengthen Ease of Living for every citizen.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 28, 2025
वास्तविक जीडीपी में कितनी बढ़ी
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के अनुसार स्थिर कीमतों पर वास्तविक जीडीपी इस तिमाही में ₹48.63 लाख करोड़ पहुंच गई, जो पिछले साल ₹44.94 लाख करोड़ थी। नाममात्र जीडीपी में 8.7% और वास्तविक जीवीए (GVA) में 8.1% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
विनिर्माण क्षेत्र का सबसे अच्छा प्रदर्शन
विनिर्माण क्षेत्र ने सबसे शानदार प्रदर्शन करते हुए 9.1% की वृद्धि दिखाई, जबकि कृषि क्षेत्र 3.5% पर रहा। खपत के मोर्चे पर आम लोगों का निजी उपभोग (PFCE) 7.9% बढ़ा, जो पिछले साल के 6.4% से काफी बेहतर है। निवेश के संकेतक पूंजी निर्माण (GFCF) में भी 7.3% की मजबूत वृद्धि दर्ज हुई।
दूसरी तरफ सरकारी खर्च में नाममात्र आधार पर 2.7% की गिरावट आई, यानी सरकार ने राजकोषीय अनुशासन बनाए रखा है।कुल मिलाकर विनिर्माण की तेज रफ्तार, मजबूत घरेलू मांग और निवेश में सुधार के दम पर भारतीय अर्थव्यवस्था ने एक बार फिर दुनिया की सबसे तेज बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था होने का अपना तमगा बरकरार रखा है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में औसत विकास दर अब करीब 8% के आसपास पहुंच गई है, जो पूरे साल के लिए ऊंचे अनुमानों को और पुख्ता कर रही है।

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