जुलाई माह में थोक महंगाई में मिली राहत; लेकिन निर्यात की स्थिति भी बिगड़ी
जुलाई में तीन नए आंकड़ें सामने आए हैं जो थोक महंगाई देश के आयात-निर्यात और घरेलू बाजार में कारों की बिक्री की ओर इशारा करते हैं। जहां एक तरफ थोक महंगाई में राहत मिली है वहीं जुलाई में आयात में 7.45 फीसद की वृद्धि देखी गई है। इसके साथ ही आटोमोबाइल सेक्टर की बिक्री इसी महीने 2.5 फीसद घट गई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बुधवार को देश की इकोनमी से जुड़े तीन आंकड़ें जारी हुए हैं। एक आंकड़ा थोक महंगाई को लेकर है जबकि दूसरा जुलाई माह में देश के आयात-निर्यात का है। तीसरा आंकड़ा घरेलू बाजार में कारों की बिक्री को लेकर है। थोक महंगाई की दर जुलाई माह में घट कर 2.03 फीसद पर आ गई है जो आरबीआई व वित्त मंत्रालय दोनों के लिए अच्छी खबर है।
लेकिन इसी महीने निर्यात 1.2 फीसद घट कर 33.98 अरब डॉलर पर आ गया है जबकि आयात में 7.45 फीसद की वृद्धि हुई है। देश के मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का नब्ज बताने वाले आटोमोबाइल सेक्टर की बिक्री इसी महीने 2.5 फीसद घट गई है। आटोमोबाइल सेक्टर देश के कुल मैन्यूफैक्चरिंग में 20 फीसद योगदान देता है।
थोक महंगाई की दर तीन महीनों के न्यूनतम स्तर पर
सरकार की तरफ से जारी थोक महंगाई दर के आंकड़े बताते हैं कि जुलाई, 2024 में यह दर 2.04 फीसद रही थी। मानसून के बावजूद खाने पीने की चीजों खास तौर सब्जियों की थोक कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। एक महीने पहले थोक महंगाई की दर 3.36 फीसद थी जबकि एक वर्ष पहले जुलाई, 2023 में मंहगाई की दर शून्य से भी नीचे 1.23 फीसद थी।आंकड़ों से साफ होता है कि जुलाई, 2024 की खाद्य उत्पादों की थोक महंगाई दर 3.45 फीसद थी जबकि जून, 2024 में यह 10.87 फीसद रही थी। इसके बाद ही मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए आरबीआई गवर्नर डॉ. शक्तिकांत दास ने थोक महंगाई को एक बड़ी चुनौती के तौर पर चिन्हित किया था।सब्जियों की थोक कीमत ही इस एक महीने में 38.76 फीसद से घट कर 8.93 फीसद आ गई है। बहरहाल, लंबे अर्से बाद थोक महंगाई और खुदरा महंगाई की दरें आरबीआई की तरफ से निर्धारित लक्ष्य चार फीसद से नीचे के स्तर पर आई हैं। इसी हफ्ते जारी डाटा बताते हैं कि जुलाई माह में खुदरा महंगाई की दर पांच वर्षों के न्यूनतम स्तर पर 3.54 फीसद पर आ गई है।
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