धनतेरस पर खरीदें सस्ता सोना, 76561 रुपये है 10 ग्राम का दाम, अमेरिका में सबसे लोकप्रिय यह वाला गोल्ड
सोना शुद्धता के लिहाज से 5 अलग-अलग कैरेट में आता है। इनमें 24K गोल्ड सबसे शुद्ध माना जाता है, 14K गोल्ड सबसे मजबूत होता है। 585 सोना एक लोकप्रिय विकल्प है क्योंकि यह शुद्ध सोने के मूल्य से कम कीमत पर आता है और रोजमर्रा में पहनने के लिए सबसे अच्छा ऑप्शन है।
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14 कैरेट गोल्ड को 585 शुद्धता वाले सोने के तौर पर जाना जाता है।
नई दिल्ली। भारत में दिवाली से पहले सोने की कीमतें 1,30,000 (Gold Prices) के स्तर को पार कर गई हैं। ऐसे में आम आदमी के हाथ से गोल्ड बाहर होता जा रहा है। चूंकि, धनतेरस के दिन लोग सोने की खरीदारी करते हैं और इसे शुभ मानते हैं। ऐसे में गोल्ड प्राइस की ऊंची कीमतें इस बार धनतेरस पर सोने की शॉपिंग को थोड़ा फीकी कर सकती है। हालांकि, आप 76561 रुपये में भी दस ग्राम सोना खरीद सकते हैं।
दरअसल, सोना शुद्धता के लिहाज से 5 अलग-अलग कैरेट (Gold Purity in Carat) में आता है। इनमें 24K गोल्ड सबसे शुद्ध माना जाता है, जिसके दस ग्राम की कीमत 127471 रुपये है। लेकिन, 76561 रुपये के भाव में हम जिस सोने की बात कर रहे हैं वह 14K गोल्ड है। अगर आपको धनतेरस पर सोने की खरीदारी मुहूर्त और शुभ-लाभ की भावना के लिहाज से करना है तो 14 कैरेट गोल्ड खरीद सकते हैं।
क्या है 585 शुद्धता वाला सोना?
14 कैरेट गोल्ड को 585 शुद्धता वाले सोने के तौर पर भी जाना जाता है। इसका मतलब है कि 58.5% शुद्ध सोना और 41.5% मिश्र धातुएँ जैसे तांबा, चाँदी या जस्ता होता है। सोने की मजबूती बढ़ाने के लिए मिश्र धातुएं मिलाई जाती हैं, जिससे यह रोज़मर्रा के गहनों के लिए ज़्यादा उपयुक्त हो जाता है।
अमेरिका में बहुत लोकप्रिय 14K गोल्ड
585 सोना एक लोकप्रिय विकल्प है क्योंकि यह शुद्ध सोने के मूल्य से कम कीमत पर आता है और रोजमर्रा में पहनने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। खास बात है कि अमेरिका जैसे देश में 14K गोल्ड सबसे मशहूर है।
दरअसल, किसी वस्तु को सोना कहलाने के लिए न्यूनतम कैरेट की मात्रा देश के अनुसार अलग-अलग होती है। अमेरिका में 10 कैरेट सोने के कैरेट का कानूनी न्यूनतम स्वीकृत मानक है, जबकि 14 कैरेट काफी पॉप्युलर है।
बता दें कि मुंबई के सर्राफा बाजार में 24 कैरेट गोल्ड 130874 रुपये प्रति दस ग्राम मिल रहा है। पिछले कुछ दिनों से सोने में लगातार तेजी का सिलसिला जारी है, खासकर अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड व टैरिफ तनाव बढ़ने और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के कारण।
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