क्यों दिए जाते हैं Halal Certification, पैकेट पर कहां होता है यह मार्क, कौन-सी कंपनियां देती हैं यह सर्टिफिकेट
हलाल सर्टिफिकेशन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान के बाद एक बार फिर से हलाल प्रोडक्ट्स और सर्टिफिकेट को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर हलाल सर्टिफिकेशन क्या है और भारत में कौन-सी संस्थाएं यह सर्टिफिकेट जारी करती हैं।

हलाल सर्टिफिकेशन पर उत्तर प्रदेश सरकार बैन लगा चुकी है।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हलाल सर्टिफिकेशन (Halal Certification) पर दिए बयान से एक बार फिर से यह सर्टिफिकेट सुर्खियों में आ गया है। दरअसल, योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हलाल उत्पाद की खरीद से मिलने वाले रुपये से धर्मांतरण, लव जिहाद और आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। यूपी सरकार ने प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेशन को प्रतिबंधित किया हुआ है। यूपी सरकार का आरोप है कि हलाल सर्टिफिकेट जारी करने वाली संस्थाएं ऐसे प्रोडक्ट्स पर भी हलाल सर्टिफिकेट दे रही हैं, जिनमें इसकी जरूरत नहीं है.
मुख्यमंत्री योगी ने दावा किया कि जांच से पता चला है कि हलाल सर्टिफिकेशन (CM Yogi on Halal Certification) के नाम पर हर साल करीब 25000 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन होता था, जबकि इसकी किसी सरकारी एजेंसी से कोई मान्यता नहीं थी। हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर मचे इस बवाल के बीच सवाल यह है कि आखिर हलाल प्रोडक्ट्स और हलाल सर्टिफिकेशन क्या होता है, साथ ही भारत में हलाल सर्टिफिकेट कौन-सी कंपनी जारी करती है। आइये आपको बताते हैं...
क्या होते हैं हलाल प्रोडक्ट्स
हलाल प्रोडक्ट से मतलब है कि ऐसी वस्तु जो इस्लामिक कानून या शरिया के अनुसार ग्रहण करने योग्य हो। खाद्य पदार्थों के अलावा, ब्यूटी प्रोडक्ट्स और दवा समेत कई प्रकार की वस्तुओं को हलाल उत्पाद के दायरे में रखा जाता है। उर्दू में हलाल का मतलब 'जायज' होता है। आमतौर पर हलाल का इस्तेमाल मांस को लेकर किया जाता है।
क्या है हलाल सर्टिफिकेशन
हलाल सर्टिफिकेशन यह सुनिश्चित करता है कि उत्पाद इस्लामी सिद्धांतों के अनुरूप तैयार और प्रोसेस्ड किया गया है। वह वस्तु सूअर के मांस और शराब जैसे निषेध घटकों से मुक्त है, और ऐसी अशुद्ध वस्तुओं के संपर्क में नहीं आई है। ऐसे में सामानों के निर्माण से लेकर स्टोरेज तक के पूरे प्रोडक्शन प्रोसेस में इस्लामी सिद्धांतों के अनुसार साफ किए गए बर्तनों और उपकरणों का उपयोग किया जाना चाहिए।
वहीं, मांस के संदर्भ में हलाल से मतलब है कि जानवर को एक विशिष्ट तरीके से काटा जाना चाहिए, ना कि झटके से। काटते समय जानवर जीवित और स्वस्थ होना चाहिए। हलाल सर्टिफिकेशन इस बात की गारंटी देता है कि कोई प्रोडक्ट ऊपर बताए गए स्टैंडर्ड पर खरा उतरा है। हालांकि, यह सर्टिफिकेशन अनिवार्य नहीं है, लेकिन कंपनियां अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए या मुस्लिम उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए इसकी मांग करती हैं।
प्रोडक्ट पर कहां होता है हलाल सर्टिफिकेशन मार्क
हलाल सर्टिफाइड मार्क, प्रोडक्ट्स की पैकेजिंग पर अंकित होता है। यह आगे, पीछे या साइड में कहीं भी एक मार्क के साथ अंकित होता है ताकि यह स्पष्ट रूप से दर्शाया जा सके कि प्रोडक्ट हलाल स्टैंडर्ड के अनुरूप है।

कौन जारी करता है हलाल सर्टिफिकेशन
भारत में हलाल सर्टिफिकेट, सरकार जारी नहीं करती है, बल्कि ये कुछ प्राइवेट कंपनियों और इस्लामिक संस्थाओं द्वारा जारी किए जाते हैं। इनमें हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट, जमीयत उलेमा ए महाराष्ट्र और भारतीय गुणवत्ता परिषद (QCI) शामिल है।
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इन संस्थाओं से प्राइवेट कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स के लिए हलाल सर्टिफिकेट लेती हैं, और इसके लिए उन्हें फीस देनी होती है। इसमें एप्लीकेशन चार्ज के अलावा लोगो प्रिंटिंग से लेकर लैब टेस्टिंग समेत अन्य फीस शामिल हैं.

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