सितंबर में थोक महंगाई में भारी गिरावट, खाने-पीने की चीजों और ईंधन की कीमतों में आई कमी
सितंबर में थोक मुद्रास्फीति घटकर 0.13% रह गई, जिसका मुख्य कारण खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतों में आई कमी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं और सब्जियों के मूल्यों में गिरावट दर्ज की गई। विनिर्मित उत्पादों की महंगाई भी कम हुई है। आरबीआई खुदरा मुद्रास्फीति पर नजर रखता है और नीतिगत दरों को स्थिर रखा है।
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नई दिल्ली। खाद्य पदार्थों, ईंधन एवं विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में नरमी के बीच सितंबर में थोक मुद्रास्फीति घटकर 0.13 प्रतिशत रह गई। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी दी गई। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति पिछले साल अगस्त में 0.52 प्रतिशत और सितंबर में 1.91 प्रतिशत थी।
आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की कीमतें सितंबर में 5.22 प्रतिशत कम हुईं जबकि अगस्त में यह आंकड़ा 3.06 प्रतिशत था। सब्जियों की कीमतों में भी गिरावट देखी गई।
सब्जियों की कीमत सितंबर में 24.41 प्रतिशत घटीं जबकि अगस्त में यह 14.18 प्रतिशत कम हुई थीं। विनिर्मित उत्पादों के मामले में महंगाई अगस्त के 2.55 प्रतिशत के मुकाबले घटकर 2.33 प्रतिशत रह गई।
ईंधन और बिजली की कीमतें सितंबर में 2.58 प्रतिशत कम हुईं जबकि पिछले महीने इनमें 3.17 प्रतिशत गिरावट आई थी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) खुदरा मुद्रास्फीति पर नजर रखता है।
केंद्रीय बैंक ने इस महीने की शुरुआत में नीतिगत दरों को 5.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा था। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर आठ साल के निचले स्तर 1.5 प्रतिशत पर आ गई।
खुदरा महंगाई भी घटी
सरकार के सोमवार यानी 13 अक्टूबर को जारी किए डेटा के मुताबिक देश में खुदरा महंगाई सितंबर (september 2025 retail inflation) में घटकर 1.54% पर आ गई है, जो पिछले 8 सालों में सबसे कम है। अगस्त में यह दर 2.07% थी।
यह साल 2025 में दूसरा मौका है जब उपभोक्ता मूल्य वृद्धि दर 2% से नीचे रही है। अगस्त में भी महंगाई 8 साल के निचले स्तर 1.61% तक गिरी थी, जिसकी वजह खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतों में गिरावट थी।
सब्जियां और दालें हुईं सस्ती
सितंबर में खाने-पीने की चीजों (Food Basket) में भारी गिरावट (food prices decline) दर्ज की गई। यह -2.28% पर रही, जो जून 2017 के बाद सबसे कम स्तर है। सब्जियों में -21.4% और दालों में -15.3% की गिरावट रही। यह लगातार आठवां महीना है जब इन दोनों में डीफ्लेशन यानी नकारात्मक महंगाई दर्ज हुई।
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