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WPI Inflation: लगातार दूसरे महीने बढ़ी थोक महंगाई, अप्रैल में WPI 1.26 फीसदी पहुंचा

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने आज अप्रैल के थोक महंगाई दर जारी कर दिया है। अप्रैल में थोक महंगाई दर 1.26 फीसदी पहुंच गया है। थोक महंगाई दर में लगातार दो महीने से बढ़ोतरी हो रही है। यह मार्च 2024 में 0.53 फीसदी थी। कहा जा रहा है कि ईंधन और बिजली के साथ-साथ खाद्य पदार्थों की कीमतों में आई तेजी की वजह से महंगाई दर में वृद्धि हुई है।

By Agency Edited By: Priyanka Kumari Updated: Tue, 14 May 2024 12:40 PM (IST)
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WPI Inflation: लगातार दूसरे महीने बढ़ी थोक महंगाई

पीटीआई, नई दिल्ली। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय हर महीने महंगाई दर जारी करती है। सोमवार को मंत्रालय ने खुदरा महंगाई दर जारी किया था और आज थोक महंगाई दर जारी हो गई है। मंत्रालय ने बताया कि अप्रैल महीने में थोक महंगाई दर 1.26 फीसदी पहुंच गया है।

ईंधन और बिजली के साथ-साथ खाद्य पदार्थों खासकर सब्जियों की कीमतों में वृद्धि के कारण लगातार दूसरे महीने महंगाई दर में वृद्धि हुई।

थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति पिछले साल अप्रैल में 0.79 फीसदी थी. मार्च 2024 में यह 0.53 फीसदी थी.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बयान में कहा

अप्रैल 2024 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं, बिजली, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खाद्य उत्पादों के निर्माण, अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।

मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर बढ़कर 7.74 फीसदी हो गई, जो मार्च में 6.88 फीसदी थी।

इन चीजों की कीमतों में आई तेजी

मंत्रालय ने बताया कि अप्रैल में सब्जियों की महंगाई दर 23.60 फीसदी रही, जो पिछले महीने 19.52 फीसदी थी। वहीं, ईंधन और बिजली बास्केट में महंगाई अप्रैल में 1.38 प्रतिशत थी, जो मार्च में (-)0.77 प्रतिशत थी।

अप्रैल में थोक महंगाई दर में वृद्धि इस महीने के खुदरा महंगाई के आंकड़ों के विपरीत है। बता दें कि आरबीआई मौद्रिक नीति बनाते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है।

सोमवार को मंत्रालय ने खुदरा महंगाई दर जारी किया था। अप्रैल 2024 में खुदरा महंगाई दर 11 महीने के निचले स्तर यानी 4.83 प्रतिशत पर आ गई। पिछले महीने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार सातवीं बार रेपो रेट को स्थिर रखा और कहा कि वह खाद्य मुद्रास्फीति के बढ़ने के जोखिम के प्रति सतर्क है।