IPO vs NFO: लेंसकार्ट में निवेश से पहले समझें आईपीओ और एनएफओ में क्या है अंतर, कहां मिलता है बेहतर रिटर्न?
शेयर बाजार में निवेश के लिए आईपीओ और एनएफओ दो विकल्प हैं। आईपीओ में कंपनी पहली बार शेयर जारी करती है, जबकि एनएफओ म्यूचुअल फंड का नया ऑफर होता है। आईपीओ का रिटर्न कंपनी के प्रदर्शन पर और एनएफओ का रिटर्न फंड मैनेजर पर निर्भर करता है। निवेश से पहले दोनों के अंतर को समझना जरूरी है।

दिखने में दोनों एक जैसे, लेकिन है बड़ा अंतर; निवेश से पहले समझें कहां मिलता है बेहतर रिटर्न?
नई दिल्ली| IPO vs NFO: शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों के लिए 'NFO' और 'IPO' दोनों ही आम शब्द हैं। लेकिन बहुत से निवेशक इन दोनों को एक जैसा मान लेते हैं, जबकि हकीकत में दोनों में बड़ा अंतर है। एक तरफ जहां IPO किसी कंपनी के शेयर खरीदने का मौका देता है, वहीं NFO एक नई म्यूचुअल फंड स्कीम में यूनिट खरीदने का मौका होता है। आइए समझते हैं कि दोनों में क्या फर्क है और कहां निवेश करना ज्यादा समझदारी है?
एनएफओ क्या है? What is NFO
एनएफओ यानी न्यूज फंड ऑफर (New Fund Offer) एक नई म्यूचुअल फंड स्कीम की लॉन्चिंग होती है, जिसे एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) जारी करती है। इसमें निवेशक पहली बार उस स्कीम की यूनिट्स खरीदते हैं, जो आमतौर पर 10 रुपए के फेस वैल्यू पर मिलती हैं।
- फंड का इस्तेमाल- जुटाई गई राशि को म्यूचुअल फंड की थीम के अनुसार शेयर, बॉन्ड या अन्य सिक्योरिटीज में निवेश किया जाता है।
- जोखिम- स्टॉक की तुलना में कम होता है, क्योंकि पैसा कई जगह निवेश होता है।
- रिटर्न- यह मार्केट से जुड़ा होता है और फंड मैनेजमेंट पर निर्भर करता है।
आईपीओ क्या है? What is IPO
आईपीओ यानी इनिशियल पब्लिक ऑफर, यह किसी अनलिस्टेड कंपनी द्वारा जनता को पहली बार अपने शेयर बेचने का तरीका है। इसमें निवेशक कंपनी के हिस्सेदार बनते हैं।
- कीमत- कंपनी खुद तय करती है या प्राइस बैंड देती है।
- फंड का उपयोग- कंपनी इस पैसे का इस्तेमाल विस्तार, कर्ज चुकाने, या रिसर्च के लिए करती है।
- जोखिम- शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर होने के कारण ज्यादा होता है।
- रिटर्न- लिस्टिंग के बाद शेयर की कीमत बढ़ने पर निवेशकों को फायदा होता है।
NFO vs IPO: दोनों में कौन बेहतर?
अगर आप कम जोखिम के साथ स्थिर रिटर्न चाहते हैं, तो NFO (म्यूचुअल फंड) बेहतर विकल्प है। लेकिन अगर आप उच्च जोखिम लेकर ज्यादा मुनाफा कमाने की सोच रखते हैं, तो IPO आपके लिए सही हो सकता है। यानी NFO सुरक्षित और संतुलित निवेश के लिए, जबकि IPO तेज मुनाफे और मार्केट रिस्क के लिए होता है। दोनों ही निवेश के विकल्प हैं, लेकिन उद्देश्य अलग है। अपनी रिस्क कैपेसिटी और निवेश अवधि देखकर ही चुनाव करना समझदारी है।
पांच दिन में आएंगे चार बड़े आईपीओ
आज 27 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक यानी पांच दिन में चार बड़े आईपीओ आने वाले हैं। इनमें ओरकला इंडिया (Orkla India IPO), जयेश लॉजिस्टिक्स (Jayesh Logistics IPO), स्टड्स एसेसरीज (Studds Accessories IPO) और लेंसकार्ट (Lenskart IPO) जैसी कंपनियों के आईपीओ शामिल हैं।
"शेयर मार्केट से जुड़े अपने सवाल आप हमें business@jagrannewmedia.com पर भेज सकते हैं।"
(डिस्क्लेमर: यहां आईपीओ को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।