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    बाइक, कार से बस-ट्रक तक...एक्सीडेंट होने पर FIR क्यों है जरूरी, इंश्योरेंस क्लेम पाने के लिए क्या-क्या करना चाहिए?

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 05:13 PM (IST)

    अक्सर लोगों को समझ नहीं आता कि अगर दो वाहनों की टक्कर हो जाए तो क्या इंश्योरेंस क्लेम (Motor Insurance Claim) पाने के लिए FIR करानी चाहिए या फिर नहीं? हादसे में अगर किसी की मौत हो जाती है या फिर किसी पार्टी को नुकसान होता है तो क्या-क्या करना जरूरी ताकि इंश्योरेंस मिल सके? इस बारे में बता रहे हैं पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के मोटर इंश्योरेंस हेड पारस पसरिचा।

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    बाइक, कार से बस-ट्रक तक...एक्सीडेंट होने पर FIR कराना जरूरी क्यों?

    नई दिल्ली| सड़क पर बाइक हो, कार हो या फिर बस या ट्रक... हादसा किसी के साथ भी हो सकता है। ऐसे वक्त में सबसे बड़ी चिंता यही रहती है कि इंश्योरेंस क्लेम मिलेगा या नहीं? अक्सर लोगों को समझ नहीं आता कि अगर दो वाहनों की टक्कर हो जाए तो क्या इंश्योरेंस क्लेम (Motor Insurance Claim) पाने के लिए FIR करानी चाहिए या फिर नहीं?

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    हादसे में अगर किसी की मौत हो जाती है या फिर किसी पार्टी को नुकसान होता है तो क्या-क्या करना जरूरी, ताकि इंश्योरेंस मिल सके? तो इस बारे में बता रहे हैं पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के मोटर इंश्योरेंस हेड पारस पसरिचा।

    कब-कब जरूरी है FIR?

    अगर दो वाहनों की टक्कर हो जाती है और सिर्फ हल्का नुकसान हुआ है, तो हर बार FIR जरूरी नहीं होती। लेकिन अगर हादसे में किसी को चोट लगती है, मौत हो जाती है या थर्ड पार्टी की प्रॉपर्टी को बड़ा नुकसान होता है, तो FIR दर्ज कराना अनिवार्य हो जाता है।

    यह कानूनी रिकॉर्ड क्लेम के लिए जरूरी होता है। यही दस्तावेज़ क्लेम पाने की सबसे अहम शर्त बन जाता है। यानी सड़क पर गाड़ी चलाते वक्त सिर्फ हेलमेट या सीट बेल्ट ही नहीं, इंश्योरेंस से जुड़े नियम जानना भी उतना ही जरूरी है।

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    हादसे के बाद क्या-क्या करना चाहिए?

    • सबसे पहले पुलिस को सूचना दें और एफआईआर कराएं। जरूरत पड़ने पर FIR की कॉपी अपने पास रखें।
    • 24 घंटे के भीतर इंश्योरेंस कंपनी को जानकारी दें। जितनी जल्दी जानकारी देंगे, उतना क्लेम प्रोसेस आसान होगा।
    • फोटो और वीडियो जरूर बनाएं।  हादसे की जगह, वाहन को हुए नुकसान, वाहन नंबर और चोटों का रिकॉर्ड रखें।
    • बिना सर्वेयर की अनुमति के रिपेयर न करा। अगर अनधिकृत मरम्मत करवाई, तो क्लेम पर असर पड़ सकता है।
    • जरूरी डॉक्यूमेंट्स जमा करें। जैसे- पॉलिसी कॉपी, ड्राइविंग लाइसेंस, RC, FIR/GD (अगर हो), साइन किया हुआ क्लेम फॉर्म और रिपेयर का अनुमान।

    क्लेम कैसे सेटल होता है?

    इंश्योरेंस कंपनी का सर्वेयर जब गाड़ी का निरीक्षण कर लेता है और मंजूरी मिल जाती है, तब आगे का प्रोसेस शुरू होता है। हालांकि, इसके बाद ग्राहक के पास दो विकल्प होते हैं- 

    1. नेटवर्क गैराज में गाड़ी रिपेयर कराकर कैशलेस सेटलमेंट ले सकते हैं।
    2. खुद खर्च करके रिपेयर कराएं और बाद में इंश्योरेंस कंपनी से रिम्बर्समेंट क्लेम करें।

    क्यों जरूरी है सही प्रक्रिया?

    सही डॉक्युमेंटेशन और समय पर जानकारी देने से क्लेम रिजेक्शन का खतरा कम हो जाता है। दुर्घटना के बाद घबराने के बजाय सही कदम उठाना सबसे अहम है।

    अगर FIR जरूरी है तो उसे दर्ज जरूर कराएं और इंश्योरेंस कंपनी को तुरंत सूचना दें। इससे क्लेम आसानी से मिल जाएगा यानी सड़क हादसे में सबसे बड़ा मंत्र यही है- घबराएं नहीं, सही समय पर सही कदम उठाएं। तभी क्लेम बिना झंझट के मिल सकेगा।

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