Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या है SIP का 7-5-3-1 नियम, अपने पोर्टफोलियो में इसे कैसे करें उपयोग; यहां जानें सब

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 09:54 AM (IST)

    सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सबसे आसान या सरल तरीका है। इसके जरिए आप छोटी किस्तों से बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। क्या आपने कभी SIP के 7-5-3-1 नियम के बारे में सुना है। इस नियम के जरिए निवेशक पोर्टफोलियो को बैलेंस करने के साथ-साथ अच्छा रिटर्न पा सकते हैं। आइए जानते हैं आप इसका उपयोग कैसे कर सकते हैं?

    Hero Image
    म्यूचुअल फंड एसआईपी के 7-5-3-1 नियम से पोर्टफोलियो को कैसे करें बैलेंस?

     नई दिल्ली। आज हर कोई म्यूचुअल फंड से वाकिफ जरूर होगा। ये अपने आकर्षक रिटर्न के चलते निवेशकों के बीच काफी फेमस हो गया है। हालांकि इसमें मिलने वाला रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। म्यूचुअल फंड के तहत आप अलग-अलग फंड में निवेश कर सकते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आमतौर पर लोग एसआईपी का ही चयन करते हैं। एसआईपी के जरिए आप छोटी किस्त से बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। अगर आप भी एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं, तो ये लेख आपके लिए बड़े काम का हो सकता है।

    आज हम जानेंगे कि SIP के 7-5-3-1 नियम से कैसे पोर्टफोलियो को बैलेंस किया जा सकता है।

    क्या है SIP का 7-5-3-1 नियम?

    • 7- निवेश अवधि 7 साल रखें
    • 5- 5 अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश
    • जैसे इक्विटी, बॉन्ड, ईटीएफ, गोल्ड इत्यादि
    • 3- तीन तरह के जोखिम से न घबराएं
    • 1- हर साल अपने एसआईपी के अमाउंट को बढ़ाए

    निवेश अवधि 7 साल रखें

    ये माना जाता है कि एसआईपी के जरिए आपको कम्पाउंडिंग का फायदा तभी मिलेगा, जब आप 7 साल का इंतजार करेंगे। इसका मतलब है कि आपको निवेश अवधि 7 साल रखनी होगी।

    5 अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश

    इस नियम में इस्तेमाल होने वाला 5 ये बताता है कि आपको 5 अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश करना चाहिए। एसेट क्लास जैसे इक्विटी, बॉन्ड, रियल इस्टेट, गोल्ड इत्यादि। सरल भाषा में कहा जाए तो आपको पोर्टफोलियो को जितना हो सकें, उतना विविधीकरण करना चाहिए। ताकि आपका पोर्टफोलियो बैलेंस रह सकें।

    तीन तरह के जोखिम से न घबराएं

    म्यूचुअल फंड शुरू करते वक्त अक्सर निवेशक तीन अलग-अलग तरह के जोखिम से गुजरते हैं।

    • 7 से 10 फीसदी रिटर्न मिलना

    ऐसे समय में निवेशक अक्सर सोचते हैं कि इससे अच्छा रिटर्न उन्हें फिक्स्ड डिपॉजिट से मिल सकता था। लेकिन हमें ये समझने की जरूरत है कि म्यूचुअल फंड से मिलने वाला रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। इसलिए इसमें आपका लाभ या नुकसान दोनों ही बदलते रहते हैं।

    • 0-7 फीसदी रिटर्न

    इस स्थिति में अक्सर लोग निवेश करना छोड़ देते हैं, यहां दूसरे फंड की तरफ भागते हैं। लेकिन हमें ये समझना होगा हमने किस तरीके के फंड में निवेश किया है और उससे मिलने वाले रिटर्न में कितना समय लग सकता है। कुछ फंड प्रॉफिट देने में ज्यादा समय लगा सकते हैं।

    • नेगेटिव रिटर्न

    नेगेटिव रिटर्न को देखकर कोई भी निराश हो सकता है। हमें ये ध्यान रखना होगा कि मार्केट में स्थिति बदलती रहती है। इसलिए थोड़ा इंतजार करना सही रहेगा।

    हर साल अपने एसआईपी के अमाउंट को बढ़ाए

    ये भी कहा जाता है कि निवेशकों को हर साल अपने एसआईपी का अमाउंट बढ़ाना चाहिए। इससे ज्यादा मुनाफा होने के चांस होते हैं। जितना ज्यादा अमाउंट होगा, उतना ही ज्यादा मुनाफा होगा।

    यह भी पढ़ें- SIP Calculation: 2000 रुपये की एसआईपी से 10 साल बाद कितना बनेगा फंड? यहां देखें पूरी कैलकुलेशन