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    Top Mutual fund: इस फंड ने दिया 3 साल में सबसे ज्यादा रिटर्न, प्रॉफिट देख आप भी करना चाहेंगे निवेश

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 09:09 AM (IST)

    म्यूचुअल फंड (Top Mutual Fund) से आज हर कोई वाकिफ है। एक समय ऐसा भी था, जब कोई भी व्यक्ति म्यूचुअल फंड में पैसा नहीं लगाना चाहता था। इसमें मिलने वाले रिटर्न से आकर्षित होकर आज  हर कोई इसे अपने पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहता है। आज हम ऐसे फंड की बात करने वाले हैं, जिसने एक साल में सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है।

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    नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड में आकर्षक रिटर्न मिल जाता है। हालांकि ये रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। म्यूचुअल फंड में न्यूनतम अनुमानित रिटर्न 12 से 14 फीसदी है। इसमें मिलने वाले रिटर्न से आकर्षित होकर आज  हर कोई इसे अपने पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहता है। आज हम ऐसे फंड की बात करने वाले हैं, जिसने 3 साल में सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है।

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    हालांकि किसी भी फंड में सिर्फ रिटर्न देखकर निवेश करना सही तरीका नहीं है। सबसे पहले जानते हैं कि हाइब्रिड, डेट और इक्विटी में से किस फंड ने एक साल में सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है। 

    3 साल में सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाला फंड 

    निप्पॉन इंडिया ताइवान इक्विटी फंड ने 3 साल में सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है। इसका एक्सपेंस रेश्यो भी बाकी दिए गए सभी फंड से अधिक है। ये एक Global Thermatical Fund है। इसका अर्थ है कि ये फंड अलग-अलग सेक्टर में निवेश करता है। ये बाकी फंड की तरह नहीं है, जिसका रुझान किसी एक फंड में हो।

    इस फंड ने सबसे ज्यादा निवेश एमपीआई कॉरपोरेशन (MPI Corporation)  में किया है। 

    इस लिस्ट में दो इंडेक्स फंड भी शामिल है। मोतीलाल ओसवाल बीएसई एन्हांस्ड वैल्यू इंडेक्स फंड ने 3 साल में 36 फीसदी रिटर्न दिया है। इसका एक्सपेंस रेश्यो भी 0.4 फीसदी ही है।  म्यूचुअल फंड में सिर्फ रिटर्न देखकर नहीं, रिस्क फैक्टर का भी ध्यान रखें। 

    किन रिस्क फैक्टर का रखें ध्यान

    बेटा (Beta)

    अगर ये बेंचमार्क 1 से कम हो, तो आपके द्वारा चुना गया फंड कम जोखिम वाला है। वहीं अगर ये एक से ज्यादा हो तो इसे रिस्की माना जाता है।

    स्टैंडर्ड डेविएशन (Standard Deviation)

    जब हम किन्हीं दो फंड्स की तुलना करते हैं, उस समय स्टैंडर्ड डेविएशन देखा जाता है। इसका प्रतिशत जितना कम हो, फंड को उतना कम जोखिम वाला माना जाता है। मान लीजिए एक फंड का स्टैंडर्ड डेविएशन 5 फीसदी है और दूसरे का 10 फीसदी, तो पहला फंड कम जोखिम वाला होगा।

    शार्प रेश्यो (Sharpe Ratio)

    शार्प रेश्यो के जरिए आप म्यूचुअल फंड में जोखिम का आराम से पता लगा सकते हैं। अगर शार्प रेश्यो 1.00 से कम है, तो रिस्क कम होगा। अगर यहीं शार्प रेश्यो 1.00 से 1.99 के बीच है, तो रिस्क सामान्य रहेगा। ऐसे ही अगर शार्प रेश्यो 2.00 से 2.99 है, तो रिस्क काफी हाई रहेगा।

    अगर शार्प रेश्यो 3 से भी ज्यादा है, तो ऐसे फंड में रिस्क बहुत ज्यादा हाई रहता है।

    (डिस्क्लेमर: यहां म्यूचुअल फंड पर दी गयी जानकारी निवेश की सलाह नहीं है। जागरण बिजनेस निवेश की सलाह नहीं दे रहा है। शेयर बाजार में जोखिम हो सकता है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)