कैसे मिलेंगे मृतक के बैंक खाते और लॉकर में जमा पैसे, जानें रकम निकालने का आसान तरीका
आज RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में गवर्नर संजय मल्होत्रा ने महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं जिनमें से एक मृतक के बैंक खातों और लॉकर्स से पैसे निकालने की प्रक्रिया को सरल बनाने पर केंद्रित थी। RBI के दिशानिर्देशों के अनुसार बैंकों को दावा मिलने के 15 दिनों के भीतर निपटान करना होगा बशर्ते सभी दस्तावेज सही हों।

नई दिल्ली। आज RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक का अंतिम दिन रहा। इस दौरान भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने लोगों के काम आने वाले तीन पहलों की घोषणा की। इनमें से एक पहल किसी की मृत्यु के बाद उसके बैंक खाते और लॉकर्स में जमा पैसे के दावों का निपटारा कैसे हो इसके बारे में थी। इस बदलाव से मृतक ग्राहकों के कानूनी उत्तराधिकारियों के लिए प्रक्रिया सरल और सुगम होने की उम्मीद है।
इसे देखते हुए हम आपको आज यदि किसी परिवार के सदस्य या करीबी व्यक्ति का निधन हो जाता है तो उसके बैंक के खाते, फिक्स्ड डिपॉजिट या लॉकर में जमा चीजें कैसे ली जाए इसके बारे में बताएंगे। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के 18 अगस्त 2021 के सर्कुलर के अनुसार इसके लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
मृत्यु के बाद बैंक, लॉकरों से पैसे निकालने का मौजूदा नियम?
बैंक की नीति और समय सीमा
हर बैंक को मृत ग्राहक के खाते और लॉकर के दावों के निपटारे के लिए बोर्ड-स्वीकृत नीति बनानी होती है। बैंक को दावा मिलने के बाद 15 दिनों के भीतर पैसे या लॉकर की सामग्री सौंपनी होगी, बशर्ते कि सभी दस्तावेज सही तरीके से जमा कर दिए जाएँ।
नामांकित व्यक्ति (Nominee) के आधार पर दावा
अगर खाते या लॉकर में नामांकन (Nomination) दर्ज है तो पैसा या लॉकर की सामग्री नामांकित व्यक्ति को दी जाएगी। लेकिन नामांकित व्यक्ति केवल ट्रस्टी (विश्वस्त) होता है। असली हक कानूनी उत्तराधिकारियों का ही रहता है।
क्या है प्रोसेस
- दावा करने का फॉर्म भरना
- मृत्यु प्रमाण पत्र जमा करना
- पहचान प्रमाण देना
संयुक्त खाता (Joint Account) के मामले में
अगर खाते में "सर्वाइवरशिप क्लॉज" है तो बची हुई रकम जीवित खाता धारक को दी जाएगी। उसे बैंक में लिखित अनुरोध देकर मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र देना होगा।
बिना नामांकन वाले खाते (Without Nominee)
अगर खाते या लॉकर में नामांकन नहीं है तो कानूनी वारिसों को दावा करना होगा।
बिना नॉमिनी वाले खाते पर दावा की प्रक्रिया
- दावा फॉर्म (जैसे PNB 46-47) भरना और सभी वारिसों के हस्ताक्षर
- मृत्यु प्रमाण पत्र
- उत्तराधिकार प्रमाणपत्र (Succession Certificate) या प्रशासन पत्र (Letter of Administration)
- दावा फॉर्म को नोटरी या मजिस्ट्रेट से सत्यापित कराना
ग्रामीण क्षेत्रों में 5000 रुपये तक की राशि के लिए पंचायत प्रमुख (सरपंच) या स्थानीय प्राधिकरण से प्रमाणित दावा स्वीकार किया जा सकता है।
वसीयत (Will) के आधार पर दावा
अगर मृतक ने वसीयत छोड़ी है तो उसका प्रोबेट करवाना जरूरी है। यदि प्रोबेट नहीं हो सकता तो बैंक प्रबंधक से सलाह ली जा सकती है।
गुमशुदा खाताधारक के मामले में
जरूरी डॉक्यूमेंट
- पासपोर्ट साइज फोटो
- दावा फॉर्म
- मृत्यु प्रमाण पत्र या कोर्ट आदेश (गुमशुदा मामलों में)
- निवास प्रमाण पत्र
अगर कोई खाताधारक 7 साल से गुमशुदा है तो FIR और पुलिस की नॉन-ट्रेसेबिलिटी रिपोर्ट का होना जरूरी है। साथ ही कोर्ट से मृत मानने का आदेश (भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 108 के तहत) होना चाहिए। अगर 7 साल पूरे नहीं हुए लेकिन 2 साल बाद भी व्यक्ति नहीं मिला है और पुलिस ने नॉन-ट्रेसेबिलिटी रिपोर्ट दी है, तो बैंक 2 लाख रुपये तक के दावे निपटा सकता है।
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