Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Credit card बिल से प्रॉपर्टी डील तक, इन 10 ट्रांजैक्शन पर IT की नजर; सावधान रहें, नहीं तो भरना पड़ सकता है जुर्माना

    Updated: Thu, 23 Oct 2025 09:21 PM (IST)

    Income tax scrutiny: आयकर विभाग की नजर अब आपके हर बड़े लेनदेन पर है, चाहे वो क्रेडिट कार्ड बिल हो या प्रॉपर्टी डील। डिजिटल युग में, बैंक और अन्य संस्थान हर साल रिपोर्ट भेजते हैं जिससे आय और व्यय का पता चलता है। दस लाख से अधिक नकद जमा और अघोषित आय पर विभाग की पैनी नजर है। इसलिए, सभी रसीदें संभाल कर रखें और समय पर ITR भरें।

    Hero Image

    Credit card बिल से प्रॉपर्टी डील तक, इन 10 ट्रांजैक्शन पर IT की नजर।

    नई दिल्ली| क्या आपको पता है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (income tax deraprtemnt) की नजर आपके हर बड़े ट्रांजैक्शन पर है? चाहे वो कैश जमा हो, क्रेडिट कार्ड बिल हो या फिर प्रॉपर्टी डील। डिजिटल इंडिया के इस दौर में आयकर विभाग ने अपनी निगरानी व्यवस्था को पूरी तरह हाईटेक बना लिया है। अब बैंक, म्यूचुअल फंड (mutual fund investments), पोस्ट ऑफिस और रजिस्ट्री विभाग हर साल ऐसी रिपोर्ट भेजते हैं, जिससे पता चल सके कि कहां से कितना पैसा आया और कहां गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तो अगली बार ट्रांजैक्शन करने से पहले एक नहीं 10 बार सोचिए, कि कहीं नजर आप पर तो नहीं? खैर, इस खबर में हम आपको ऐसे 10 ट्रांजैक्शन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिस पर आयकर विभाग पैनी नजर रख रहा है। आखिर कौन से हैं वो ट्रांजैक्शन? चलिए जानते हैं।

    इन 10 मामलों पर है आयकर विभाग की नजर

    1. बड़े क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान
    कम आय पर लगातार बड़े क्रेडिट कार्ड बिल (credit card payments) चुकाने से आप आयकर विभाग की नजर में आ सकते हैं। ITR में सही कमाई दिखाएं।

    2. साल में ₹10 लाख से ज्यादा कैश जमा
    एक वित्तीय वर्ष में अगर आपने 10 लाख रुपए या उससे ज्यादा नकद जमा किए हैं तो बैंक यह SFT रिपोर्ट में भेजता है। यह गैरकानूनी नहीं है। पर स्रोत बताने होंगे। इसलिए सभी रसीदें संभालकर रखें।

    3. किसी और के लिए अपने खाते से लेन-देन
    किसी तीसरे के नाम पर ट्रांजैक्शन बेनामी या मनी-लॉन्ड्रिंग मान लिया जाता है। जिस पर भारत सरकार सख्त है और ऐसे मामलों पर आईटी डिपार्टमेंट पैनी नजर रखता है।

    यह भी पढ़ें- EPFO प्लॉट, फ्लैट और घर खरीदने के लिए दे रहा एडवांस, पर कैसे मिलेगा पैसा? स्टेप-बाय-स्टेप समझें पूरा प्रोसेस

    4. बार-बार या भारी कैश विड्रॉल
    अचानक बड़ी निकासी या बार-बार बड़ी राशि निकालना संदिग्ध दिखता है। यह आपकी इनकम से मेल नहीं बैठे तो जवाब देना पड़ सकता है।

    5. कई बैंक खाते और छिपाया ब्याज
    अकाउंट छिपाने की कोशिश अब मुश्किल है। पैनक कार्ड और आधार कार्ड (PAN-Aadhaar) लिंकिंग से ट्रैक हो जाता है।

    6. अघोषित सोर्स से बड़ी रकम
    दोस्तों के गिफ्ट, उधार या घर की बचत, अगर दस्तावेज नहीं हैं तो समस्या बन सकती है।

    7. ₹30 लाख या उससे अधिक की प्रॉपर्टी डील
    रजिस्ट्रार प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन रिपोर्ट करता है। 30 लाख या फिर उससे बड़ी डीलों (property deals) पर टैक्स विभाग पूछताछ कर सकता है।

    8. विदेश से जुड़ी बड़ी लेन-देन
    फॉरेन कार्ड या विदेश खर्च में ₹10 लाख से अधिक होना निगरानी में आता है।

    9. डॉर्मेंट अकाउंट में अचानक बड़ी एंट्री
    पुराने अकाउंट में अचानक बड़ी जमा या ट्रांसफर संदिग्ध माना जाता है।

    10. ब्याज/डिविडेंड की रिपोर्ट में अंतर
    म्यूचुअल फंड या बैंक जो ब्याज और डिविडेंड रिपोर्ट करते हैं, वह ITR से मैच होता है। मेल न खाने पर नोटिस आता है।

    कैसे पकड़ता है आईटी डिमार्टमेंट?

    बैंक, म्यूचुअल फंड, पोस्ट ऑफिस और रजिस्ट्रार सालाना SFT रिपोर्ट भेजते हैं। ये रिपोर्ट PAN और Aadhaar से लिंक कर मिलाई जाती है। असामान्य पैटर्न मिलने पर ऑटो-मैचिंग से नोटिस निकलता है।

    कार्रवाई से बचने के लिए क्या करें?

    बड़ी रकम की रसीदें संभाल कर रखें। गिफ्ट, प्रॉपर्टी सेल या बिजनेस इनकम के सबूत रखें। ITR सही और समय पर भरें। PAN-Aadhaar लिंक रखें। संकोच हो तो सलाहकार से बात करें। कयोंकि, सावधानी ही सबसे बढ़िया बचाव है।