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    PF पर मिलने वाले इंटरेस्ट पर भी लगता है Tax, साल में इतनी ब्याज है टैक्स फ्री; पढ़ें कितना वसूलती है सरकार

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 03:59 PM (IST)

    PF Interest Tax Calculation: कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) भारत में एक लोकप्रिय बचत योजना है। ईपीएफ खाते में जमा राशि पर मिलने वाला ब्याज कुछ शर्तों के अधीन कर योग्य है। 2.5 लाख रुपये से अधिक के वार्षिक योगदान पर मिलने वाला ब्याज कर योग्य होता है। सरकार ईपीएफ ब्याज पर टैक्स उसी दर से वसूलती है जो आपकी आय पर लागू होती है।

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    PF पर मिलने वाले इंटरेस्ट पर भी लगता है TAX, साल में इतनी ब्याज है टैक्स फ्री; पढ़ें कितना वसूलती है सरकार

    नई दिल्ली। PF Interest Tax Calculation: अगर आप प्राइवेट नौकरी करते हैं और आपका पीएफ कटता है तो यह खबर आपको जरूर पढ़नी चाहिए। बहुत से लोग होते हैं जो पीएफ से जुड़े नियमों के बारे में बहुत कम जानते हैं। आपके पीएफ अकाउंट में जमा पैसों पर सरकार ब्याज देती है। फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए एम्प्लाइज प्रोविडेंट फंड (EPF) डिपॉजिट पर इंटरेस्ट रेट 8.25% सालाना था। इंटरेस्ट रेट का कैलकुलेशन 1 अप्रैल, 2024 और 31 मार्च, 2025 के बीच किए गए डिपॉजिट पर किया जाता है और यह सालाना क्रेडिट होता है। यानी साल आपको पीएफ पर मिलने वाला ब्याज आपके खाते में क्रेडिट किया जाता है। इस पर ब्याज भी लगता है लेकिन एक निश्चित राशि के बाद। आज हम इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि आखिर पीएफ अमाउंट और उस पर मिलने वाले ब्याज पर कितना टैक्स लगता है और यह टैक्स किस लिमिट के बाद लगता है।

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    प्रोविडेंट फंड (PF) पर टैक्स कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे कि कंट्रीब्यूशन की रकम, सर्विस का समय और पैसे निकालने का समय। पिछले कुछ सालों में नियमों को भी अपडेट किया गया है, इसलिए मौजूदा नियमों को समझना जरूरी है।

    PF Interest को लेकर क्या कहता है टैक्स का नियम?

    नए इनकम टैक्स सिस्टम के आने से, कई छूटें और डिडक्शन हटा दिए गए हैं - जिसमें पॉपुलर सेक्शन 80C के फायदे भी शामिल हैं। आपका प्रोविडेंट फंड (PF)। चाहे आप सैलरी पाने वाले प्रोफेशनल हों या एक अनुभवी टैक्सपेयर, यह समझना बहुत जरूरी है कि नए नियमों के तहत आपके PF कंट्रीब्यूशन और रिटर्न को अब कैसे ट्रीट किया जाएगा।

    • पुराना टैक्स सिस्टम: EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) में कंट्रीब्यूशन सेक्शन 80C के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये तक के डिडक्शन के लिए एलिजिबल थे।
    • नया टैक्स सिस्टम: ये डिडक्शन अब उपलब्ध नहीं हैं। आप अभी भी कंट्रीब्यूट करते हैं, लेकिन इस पर कोई टैक्स छूट नहीं मिलती है।
    एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन: अगर EPF, NPS, और सुपरएन्यूएशन में कुल सालाना एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन 7.5 लाख रुपये से ज्यादा तो यह टैक्सेबल होगा। यह दोनों सिस्टम पर लागू होता है।
    • EPF इंटरेस्ट: अगर किसी फाइनेंशियल ईयर में आपका अपना PF कंट्रीब्यूशन 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है, तो ज्यादा अमाउंट पर मिलने वाला इंटरेस्ट टैक्सेबल हो जाता है। यह नियम FY 2021-22 से शुरू हुआ।

    यानी फाइनेंशियल ईयर 2021-22 से, किसी कर्मचारी के प्रोविडेंट फंड (PF) कंट्रीब्यूशन पर मिलने वाला इंटरेस्ट सिर्फ ₹2.5 लाख की सालाना कंट्रीब्यूशन लिमिट तक ही टैक्स-फ्री है। इस लिमिट से ज्यादा के कंट्रीब्यूशन पर मिलने वाला इंटरेस्ट आपके टैक्स स्लैब रेट के हिसाब से टैक्सेबल होगा।

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