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    सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड क्या है, हर भारतीय के लिए क्यों है जरूरी? 10 सवाल-जवाब में समझें

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 06:40 PM (IST)

    आज के समय में क्रेडिट कार्ड हर भारतीय के लिए जरूरी है, खासकर सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड (Secured Credit Card Benefits)। कोटक 811 के हेड मनीष अग्रवाल बता रहे हैं कि यह कार्ड छात्रों, गृहिणियों और पहली बार नौकरी करने वालों के लिए कैसे उपयोगी है। सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड एफडी के बदले मिलता है, जिससे क्रेडिट स्कोर सुधारने और वित्तीय अनुशासन सीखने में मदद मिलती है। यह कार्ड नए लोगों के लिए सुरक्षित विकल्प है।

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    नई दिल्ली। क्रेडिट कार्ड आज के समय में हर महत्वाकांक्षी भारतीय के लिए जरूरी चीज है। उससे भी ज्यादा जरूरी सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड (Secured Credit Card Benefits) का होना। वह चाहे स्टूडेंट्स हो, नौकरी की शुरुआत करने वाला हो या हाउस वाइफ हो। इस लेख में कोटक 811 के हेड मनीष अग्रवाल सबको क्रेडिट कार्ड क्यों चाहिए और सबको मिलता क्यों नहीं जैसे कुछ सबसे आम सवालों के जवाब दे रहे हैं।

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    आज के समय में क्रेडिट कार्ड बिना तो जिंदगी मुश्किल है। ऑनलाइन शॉपिंग, UPI पेमेंट, बिल पेमेंट और सबसे जरूरी अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाना है। लेकिन समस्या ये है कि हर किसी को ये आसानी से नहीं मिल जाता।

    बैंक सैलरी स्लिप, अच्छा क्रेडिट स्कोर या पुराना लोन हिस्ट्री मांगते हैं। इसलिए स्टूडेंट्स, गृहिणियाँ, सीनियर सिटीजन्स और पहली बार नौकरी करने वाले अक्सर बाहर रह जाते हैं। यहां सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड गेम-चेंजर बन जाता है। चलिए सभी सवालों के जवाब जानते हैं।

    सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड क्या होता है? नॉर्मल कार्ड से कैसे अलग है?

    सिक्योर्ड कार्ड वो होता है जो आपके फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के खिलाफ मिलता है। आप बैंक में FD करते हो, बैंक आपको उसी FD के 90% तक का क्रेडिट कार्ड दे देता है।

    नॉर्मल कार्ड के लिए सैलरी प्रूफ और अच्छा स्कोर चाहिए। सिक्योर्ड कार्ड में ये सब नहीं चाहिए। यदि बैंक को सिक्योरिटी मिली हुई है, तो आपको आसानी से कार्ड मिल जाता है।

    इसे कौन ले सकता है?

    यह कार्ड उसे मिलता है जिसके पास थोड़ी सी भी सेविंग्स हो और वो FD कर सके। चाहे वह स्टूडेंट्स, पहली नौकरी करने वाले, गृहिणियां, रिटायर्ड लोग, छोटे शहरों में रहने वाले, जिनका क्रेडिट स्कोर खराब है या बिल्कुल जीरो वाले हों। उन्हें सिर्फ FD चाहिए, बाकी कुछ नहीं।

    ये चलता कैसे है?

    मान लो आपने 50,000 का FD किया तो बैंक आपको 45,000 तक का क्रेडिट कार्ड दे देगा। आप इसे बिल्कुल नॉर्मल कार्ड की तरह इस्तेमाल करो वह चाहे ऑनलाइन शॉपिंग, बिल पेमेंट, दुकानों में स्वाइप, UPI से पेमेंट में इस्तेमाल करो।

    हर महीने बिल समय पर भर दो। अगर लगातार दो महीने बिल नहीं भरा तो बैंक FD से पैसा काट लेगा। यानी ना आप कर्ज के जाल में फंसते हो, ना बैंक को नुकसान। और अच्छी बात – FD पर ब्याज भी चलता रहता है + 45-50 दिन तक का इंटरेस्ट-फ्री पीरियड भी मिलता है।

    क्रेडिट स्कोर कैसे सुधरेगा?

    हर बार समय पर पेमेंट करने से आपका क्रेडिट स्कोर बढ़ता है। आप सीखते हो कि लिमिट में रहकर खर्च करो, ब्याज ना चुकाना पड़े। 6-12 महीने अच्छे से चलाओ तो स्कोर बहुत अच्छा हो जाता है। ये वित्तीय अनुशासन सिखाने का सबसे बढ़िया तरीका है।

    बैंक नए लोगों को सिक्योर्ड कार्ड क्यों देते हैं?

    क्योंकि बैंक का रिस्क जीरो है। FD पड़ा है ना! अगर ग्राहक पेमेंट मिस भी कर दे तो बैंक अपना पैसा निकाल लेगा। इसलिए बैंक को खुशी-खुशी नए लोगों को कार्ड दे देते हैं। ग्राहक को उसकी इच्छा पूरी होती है, बैंक को सिक्योरिटी। दोनों खुश।

    क्या सिक्योर्ड कार्ड में रिवॉर्ड-कैशबैक नहीं मिलता?

    ये बिल्कुल गलत धारणा है! आजकल ज्यादातर सिक्योर्ड कार्ड में पूरा मसाला रहता है – कैशबैक, रिवॉर्ड पॉइंट्स, डिस्काउंट, UPI रिवॉर्ड सब कुछ। कई लोग तो इसे सेकंड कार्ड की तरह इस्तेमाल करते हैं।

    कितने से शुरू कर सकते हैं?

    कोटक में तो सिर्फ 10,000 रुपये के FD से भी शुरू हो जाता है। छोटे से शुरू करो, बाद में जैसे-जैसे कमाई बढ़े या कॉन्फिडेंस आए, FD बढ़ाओ, लिमिट बढ़ जाएगी।

    अगर पेमेंट मिस हो गया तो?


    समय पर भरना सबसे अच्छा है, लेकिन अगर लगातार दो महीने मिस हो गए तो बैंक FD से पैसा काट लेगा। रिकवरी एजेंट नहीं आएंगे, कर्ज का बोझ नहीं बढ़ेगा। आप सुरक्षित रहते हो, बैंक भी। लेकिन याद रखो – समय पर भरोगे तो स्कोर बढ़ेगा।

    क्या बाद में अनसिक्योर्ड कार्ड मिलेगा?

    बिल्कुल! जो लोग 6-12 महीने अच्छे से चलाते हैं, समय पर पेमेंट करते हैं, कम उपयोग करते हैं, बैंक खुद उन्हें अनसिक्योर्ड कार्ड का ऑफर देता है। ज्यादा लिमिट, बेहतर रिवॉर्ड, फीस माफ सब कुछ मिलने लगता है।

    ये क्रेडिट की दुनिया में आपका पहला कदम है, जो आपको पूरी वित्तीय आजादी तक ले जाता है।

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