बिजनेस और पर्सनल लाइफ बैलेंस करने में हो रही दिक्कत! काम आएंगे ये टिप्स
हम जब बिजनेस शुरू करते हैं तो हमें पर्सनल लाइफ को सही से मैनेज नहीं कर पाते हैं। ऐसे में कई बार इसकी वजह से हमें परेशानी होती है। यह दिक्कत उन महिलाओं को सबसे ज्यादा होती है जो बिजनेस भी करती है। ऐसे में हम आपको इस आर्टिकल में कुछ फाइनेंशियल टिप्स बताएंगे जिसके जरिये आप अपनी पर्सनल लाइफ और बिजनेस लाइफ को बैलेंस कर पाएंगे।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पर्सनल लाइफ और बिजनेस फाइनेन्सेस मैनेज करना चैलेंजिंग हो सकता है। यह उन महिलाओं के लिए काफी चैलेंज भरा रहता है जो कई भूमिकाएं निभाती है। हम आपको इस आर्टिकल में कुछ रणनीतियों के बारे में बताएंगे जिसके जरिये आप अपने पर्सनल लाइफ और ऑफिस लाइफ को बैलेंस कर सकते हैं।
वित्तीय सशक्तिकरण को अपनाकर आप पर्सनल और बिजनेस विकास की दिशा में कदम बढ़ा सकती हैं। इन रणनीतियों को अपनाकर—वित्त को अलग रखना, खुद को वेतन देना, वित्तीय योजनाओं का पालन करना, इमरजेंसी फण्ड बनाए रखना, और विशेषज्ञ सलाह लेना- स्थिरता देने में मदद करता है।
फींट्राम ग्लोबल एलएलपी की मैनेजिंग पार्टनर, श्रीमती स्वाति ढींगरा
अकाउंट्स को करें अलग
आपको हमेशा अपने पर्सनल और कॉरपोरेट लाइफ को अलग रखने के लिए अपने बैंक अकाउंट को अलग करें। इससे आपको अपने एक्सपेंस के साथ बिजनेस इनकम की भी जानकारी होनी चाहिए। इसके अलावा इससे ऑपरेशनल खर्चों का ट्रैक रखना और इनकम मैनेज करना आसान होता है।
खुद को सैलरी दें
अगर आप बिजनेस करते हैं तो आप जैसे सभी कर्मचारी को सैलरी देते हैं, ठीक वैसे ही खुद को भी सैलरी दें। यह आपकी पर्सनल फाइनेंशियल स्टेबिलिटी सुनिश्चित करता है। इसके अलावा आप अपनी पूंजी के हिसाब से निवेश के लिए योजना और निवेश रणनीतियों पर विचार कर सकते हैं।फाइनेंशियल प्लानिंग बनाएं
ऐसी वित्तीय योजनाएं बनाएं जो सभी खर्चों, जैसे ऑपरेशन्स एक्सपेंसेस, मार्केटिंग, पर्सनल फाइनैंस, और फॅमिली एक्सपेंडिचर को ध्यान में रखें। इन सब बजेटस का सख्ती से पालन करें। महीने के अंत में इनका रिव्यु करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसी एक सेक्टर में अधिक खर्च नहीं हो रहा है और इनकम और पर्सनल खर्चों के अनुसार आवश्यकतानुसार बदलाव करें।यह भी पढ़ें: स्टॉक या गोल्ड, मोटी कमाई के लिए इस दीवाली कहां करें निवेश?
इमरजेंसी फंड बनाएं
बिज़नेस और पर्सनल लाइफ में बदलाव आते हैं, और दोनों के लिए कुछ बचत होनी चाहिए जो एक "पिग्गी बैंक" की तरह काम कर सके, जिसका उपयोग आवश्यकता पड़ने पर किया जा सके। यह इमरजेंसी फंड कई अनजानी परिस्थितियों या फाइनेंशियल प्रोब्लेम्स के दौरान सुरक्षा प्रदान कर सकती है।