2014 के बाद से मुहूर्त ट्रेडिंग पर कैसा रहा शेयर बाजार का परफॉर्मेंस, कब कितना हुआ धन लाभ; इन सेक्टरों का रहा दबदबा
आज महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में दिवाली मनाई जा रही है, जिसके चलते शेयर बाजार में मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading 2025) होगी। BSE ने 1957 में इसकी शुरुआत की थी। पिछले 11 सालों में ज्यादातर बार बाजार इस दिन ऊपर चढ़ा है। आज बाजार दोपहर 1.45 से 2.45 बजे तक खुलेगा। मुहूर्त ट्रेडिंग को दिवाली और लक्ष्मी पूजा के कारण शुभ माना जाता है।

बीते 10 सालों में अधिकतर बार मुहूर्त ट्रेडिंग पर शेयर बाजार में रही है तेजी
नई दिल्ली। महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में आज दिवाली (Diwali 2025) मनाई जाएगी। मुंबई में दिवाली मनाए जाने के चलते शेयर बाजार में भी आज ही मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading) होगी। गौरतलब है कि BSE, जिसे पहले बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कहा जाता था, ने पहली बार 1957 में मुहूर्त ट्रेडिंग शुरू की थी।
बीते 11 सालों में अधिकतर बार शेयर बाजार मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन ऊपर चढ़ा है। 11 सालों में केवल दो बार ही ऐसा हुआ, जब शेयर बाजार में गिरावट आई।
कब कितना चढ़ा या गिरा Nifty 50
- 2014 : 0.23%
- 2015 : 0.54%
- 2016 : -0.14%
- 2017 : -0.63%
- 2018 : 0.65%
- 2019 : 0.37%
- 2020 : 0.47%
- 2021 : 0.49%
- 2022 : 0.88%
- 2023 : 0.52%
- 2024 : 0.41%
किस साल किस सेक्टर ने किया बेहतर परफॉर्मेंस
- 2024 - ऑटो, मेटल्स/एनर्जी, बैंकिंग
- 2023 - PSU, स्मॉल कैप्स
- 2022 - बैंकिंग और फाइनेंशियल्स, ऑटो, IT
- 2021 - ऑटो, PSU बैंकिंग
- 2020 - IT, फार्मा, मेटल्स
- 2019 - ऑटो, इंडस्ट्रियल्स, मेटल्स
- 2018 - ऑटो, ऑयल और गैस, FMCG, IT
- 2017 - टेलीकॉम
- 2016 - मिड और स्मॉल कैप्स (ब्रॉडर मार्केट), कुछ फाइनेंशियल्स
- 2015 - रियल्टी, कैपिटल गुड्स, हेल्थकेयर
कितने बजे खुलेगा शेयर बाजार
- नॉर्मल मार्केट - 1.45-2.45 PM
- प्री-ओपन - 1.30-1.45 PM
- ब्लॉक डील्स - 1.15-1.30 PM
- क्लोजिंग - 2.55-3.05 PM
- ट्रेड मॉडिफिकेशन कट-ऑफ - 2.55-3.05 PM
क्यों मुहूर्त ट्रेडिंग होता है खास
मुहूर्त ट्रेडिंग को दिवाली और लक्ष्मी पूजा के पॉजिटिव और कल्चरल महत्व के कारण खास माना जाता है। इस दिन का एवरेज रिटर्न, स्टैंडर्ड ट्रेडिंग दिनों में दर्ज किए जाने वाले हर घंटे के रिटर्न से ज्यादा है। वहीं पॉजिटिव रिटर्न की संभावना 80% है, क्योंकि 10 में से 8 सेशन पॉजिटिव रिटर्न के साथ बंद हुए।
रिटर्न में स्टैंडर्ड डेविएशन भी लगभग 0.15% पर तुलना में कम है। इससे पता चलता है कि रिटर्न मुख्य रूप से पॉजिटिव होते हैं, लेकिन वे एवरेज से बहुत कम ही बड़े पैमाने पर अलग होते हैं। इसलिए, मुहूर्त ट्रेडिंग ज्यादा प्रेडिक्टेबल होती है। यह उन सभी इन्वेस्टर्स के लिए ज्यादा आकर्षक है जो सिंबॉलिक हिंदू फाइनेंशियल ईयर शुरू करने के लिए तुलना में स्टेबल मौके चाहते हैं।
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(डिस्क्लेमर: यहां शेयर बाजार की जानकारी दी गयी है, निवेश की सलाह नहीं। जागरण बिजनेस निवेश की सलाह नहीं दे रहा है। स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)
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