IPO से बनाना है पैसा तो GMP नहीं P/S Ratio देखिये, सबसे भरोसेमंद आंकड़ा, बताता है शेयर महंगा है या सस्ता
आईपीओ में शेयरों के वैल्युएशन को लेकर अक्सर सवाल उठते हैं लेकिन आम निवेशक इस मुद्दे पर ध्यान देने के बजाय शेयरों के जीएमपी को ज्यादा महत्व देता है, लेकिन यह सोच गलत है। किसी भी पब्लिक इश्यू में पैसा लगाने से पहले P/S रेशियो जरूर देखें, क्योंकि इसका उपयोग किसी शेयर का वास्तविक मूल्य समझने के लिए किया जाता है।
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नई दिल्ली। आईपीओ में निवेश पिछले कई सालों में काफी बढ़ा है, बेहतर लिस्टिंग गेन के लिए लाखों निवेशक हर महीने आने वाले पब्लिक इश्यू में पैसा लगाते हैं। हालांकि, पिछले 2-3 दिन सालों में जहां कुछ चुनिंदा आईपीओ ने निवेशकों की कमाई कराई है तो कई बड़े पब्लिक इश्यू ने लोगों का तगड़ा लॉस कराया है, इसलिए किसी भी आईपीओ में पैसा लगाने से पहले GMP नहीं बल्कि कंपनी के फंडामेंटल देखना भी जरूरी है। भारत में ज्यादातर लोग सिर्फ ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) के आधार पर आईपीओ में निवेश कर देते हैं।
फलां कंपनी के आईपीओ का जीएमपी बहुत ज्यादा है तो चलो इसमें पैसा लगा देते हैं। अगर आप भी ऐसी सोच रखते हैं तो यह अप्रोच सही नहीं है। किसी कंपनी के आईपीओ में पैसा लगाने से पहले उसके बिजनेस और आर्थिक स्थिति का विश्लेषण करना जरूरी है, खासतौर पर कंपनी जिस वैल्युएशन पर आईपीओ लेकर आ रही है वह कितना सही है।
हाल ही में लेंसकार्ट के वैल्युएशन को लेकर काफी सवाल उठे थे कि आखिरी 7000 करोड़ के आईपीओ साइज वाली कंपनी का वैल्युएशन 70000 करोड़ कैसे हो सकता है। चूंकि, कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करना आम निवेशकों के लिए आसान नहीं होता है। लेकिन, कुछ बिंदु ऐसे हैं जिनके बारे में जानकार आईपीओ में निवेश से जुड़ा उचित फैसला लिया जा सकता है, उनमें से एक है P/S Ratio, चलिए इसके बारे में आपको बताते हैं...
क्या है P/S Ratio?
P/S Ratio का मतलब है प्राइस टू सेल्स रेशियो है, यह एक वैल्युएशन मेट्रिक है जो किसी कंपनी के मार्केट कैप की तुलना उसके कुल रेवेन्यू से करता है। यह दर्शाता है कि निवेशक किसी कंपनी की बिक्री के लिए कितना पैसा देने को तैयार है। P/S रेशियो विशेष रूप से उन कंपनियों के वैल्युएशन के लिए उपयोगी है जो अभी तक मुनाफे में नहीं हैं।
-लोअर P/S Ratio यह दर्शाता है कि किसी शेयर का वैल्युएशन कम है।
-वहीं, हायर P/S Ratio से मतलब शेयर ओवर वैल्यूड है।
P/S Ratio कितना अहम?
आईपीओ सेंट्रल के फाउंडर अनिल शर्मा का कहना है कि P/S रेशियो उन महत्वपूर्ण अनुपातों में से एक है जिनका उपयोग निवेशक किसी शेयर का वास्तविक मूल्य समझने के लिए करते हैं। हालांकि, P/S रेशियो के अलावा भी एक से अधिक अनुपात या मीट्रिक के आधार पर निवेश निर्णय लेना ज्यादा महत्वपूर्ण है।
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इनमें PE रेशियो और सेक्टोरल PE भी अहम है। इसके अलावा, किसी कंपनी के आईपीओ में पैसा लगाने से पहले कंपनी के बिजनेस मॉडल और इंडस्ट्री का विश्लेषण व भविष्य की संभावनाओं का विश्लेषण जरूर करना चाहिए।

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