Lenskart वैल्यूएशन पर उठ रहे सवाल के बीच SEBI चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय का बड़ा बयान, कह दी ये बात
सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने आईपीओ के मूल्यांकन (IPO valuations) में हस्तक्षेप न करने की बात कही है, यह निवेशकों पर निर्भर करता है। लेंसकार्ट के आईपीओ की कीमत पर विशेषज्ञों की चिंता के बाद यह टिप्पणी आई। सेबी ने एंकर निवेशकों के लिए कोटा बढ़ाकर 40% कर दिया है और निवेशकों की संख्या में भी वृद्धि की है।

मुंबई। सेबी चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि आइपीओ के वैल्यूएशन (IPO valuations) संबंधी चिंताओं पर वह किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करेंगे। पांडेय ने यहां एक कार्यक्रम से इतर मीडिया से बात करते हुए कहा, हम मूल्यांकन का निर्धारण नहीं करते। यह निवेशक के आकलन पर निर्भर करता है।
सेबी चेयरमैन की टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि लेंसकार्ट के 7,200 करोड़ रुपये के आइपीओ की कीमत बहुत अधिक रखे जाने पर कई बाजार विशेषज्ञों ने चिंता जताई थी। सेबी चेयरमैन ने कहा कि बाजार को अवसरों के आधार पर मूल्य निर्धारण स्वतंत्र रूप से करना चाहिए।
अतीत में भी, कई हितधारकों द्वारा मूल्यांकन संबंधी चिंताएं उठाई गई हैं। खासकर से नए युग या डिजिटल कंपनियों जैसे नाइका या पेटीएम के आइपीओ के मामले में रहा।
एंकर हिस्से में कुल आरक्षित कोटे को बढ़ाकर 40 प्रतिशत किया
सेबी ने आइपीओ में एंकर निवेशकों के लिए शेयर-आवंटन ढांचे में सुधार करते हुए नियमों में संशोधन किया है। इस कदम का उद्देश्य म्यूचुअल फंड, बीमा कंपनियों और पेंशन कोष जैसे घरेलू संस्थागत निवेशकों की भागीदारी को व्यापक बनाना है। इसके तहत, नियामक ने एंकर हिस्से में कुल आरक्षित कोटा को बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 33 प्रतिशत था। इसमें म्यूचुअल फंड के लिए 33 प्रतिशत और बीमा कंपनियों तथा पेंशन कोष के लिए शेष सात प्रतिशत शामिल है।
नियामक ने 31 अक्टूबर की एक अधिसूचना में कहा कि यदि बीमा कंपनियों और पेंशन कोष के लिए आरक्षित सात प्रतिशत हिस्से को अभिदान नहीं मिलता है, तो उसे म्यूचुअल फंड को आवंटित कर दिया जाएगा। इसके अलावा, नियामक ने आइपीओ के अनुमति प्राप्त एंकर निवेशकों की संख्या में भी वृद्धि की है।
सेबी ने कहा, 'कुल 250 करोड़ रुपये तक के आवंटन के लिए न्यूनतम पांच और अधिकतम 15 निवेशकों को अनुमति दी जाएगी। प्रत्येक अतिरिक्त 250 करोड़ रुपये या उसके हिस्से के लिए, अतिरिक्त 15 निवेशकों को अनुमति दी जाएगी, बशर्ते कि प्रति निवेशक न्यूनतम आवंटन पांच करोड़ रुपये हो।'

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