Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विश्व मानक दिवस पर सीएम साय ने दिलाई गुणवत्ता शपथ, कहा- विकसित भारत का संकल्प उपभोक्ता अधिकारों की मजबूती से होगा पूरा

    Updated: Wed, 15 Oct 2025 03:17 PM (IST)

    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विश्व मानक दिवस पर कहा कि मानकों का पालन उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। उन्होंने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा वस्तुओं को मानक चिन्ह प्रदान करने की सराहना की। मुख्यमंत्री ने गुणवत्ता शपथ दिलाई और मानकीकृत उत्पादों को बढ़ावा देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता ही आत्मनिर्भर भारत की पहचान है और विकसित भारत का संकल्प उपभोक्ता अधिकारों की मजबूती से पूरा होगा।

    Hero Image

    विश्व मानक दिवस के अवसर पर आयोजित मानक महोत्सव में शामिल हुए मुख्यमंत्री

    डिजिटल टीम, रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि जीवन के हर क्षेत्र में मानकों का पालन पारदर्शिता, गुणवत्ता और उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा के लिए अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा वस्तुओं को मानक चिन्ह प्रदान कर उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की जा रही है और इसके माध्यम से मिलावट व नकली वस्तुओं के कारोबार पर प्रभावी रोक लगी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मुख्यमंत्री साय बुदवार को राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में विश्व मानक दिवस के अवसर पर आयोजित मानक महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने उपस्थित जनों को गुणवत्ता शपथ दिलाते हुए मानकीकृत उत्पादों को बढ़ावा देने और बीआईएस के प्रयासों में भागीदारी निभाने का आह्वान किया।

    कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने मानकों की स्थापना में विशेष योगदान देने वाले मानक क्लबों, संस्थाओं और मेंटर्स का सम्मान किया। उन्होंने भारतीय मानक ब्यूरो के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था देशभर में गुणवत्ता की संस्कृति विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

    मुख्यमंत्री साय ने कहा कि एक समय था जब सोने जैसी धातुओं की शुद्धता का पता लगाना कठिन था, लेकिन आज हर उपभोक्ता बीआईएस हॉलमार्क देखकर ही आभूषण खरीदता है। बीआईएस का हॉलमार्क अब उपभोक्ता भरोसे का प्रतीक बन चुका है। उन्होंने बताया कि बीआईएस द्वारा बोतलबंद पानी, हेलमेट, खिलौने, गहनों से लेकर करीब 22 हजार वस्तुओं को मानक चिन्ह प्रदान किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं के बीच मानक चिन्हों के प्रति जागरूकता बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है, ताकि गुणवत्तापूर्ण उत्पादों को बढ़ावा मिल सके।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मानकों की अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि स्वदेशी उत्पादों की गुणवत्ता और मानकीकरण के कारण आज देश के गांव और कस्बों में बने उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान बना रहे हैं।

    मुख्यमंत्री साय ने उपस्थित जनों से मानक चिन्हों के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने का आह्वान करते हुए कहा कि विकसित भारत का संकल्प उपभोक्ता अधिकारों की मजबूती से ही पूरा होगा। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता ही आत्मनिर्भर भारत की वास्तविक पहचान है।

    कार्यक्रम में खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि विश्व मानक दिवस का उद्देश्य उपभोक्ताओं और समाज में मानकीकरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह हमारे वैज्ञानिकों और तकनीकी विशेषज्ञों के प्रयासों को सराहने का अवसर भी है। उन्होंने कहा कि देश तेजी से विकास कर रहा है और गुणवत्ता सुधार अब केवल नीति नहीं, बल्कि एक संकल्प बन चुका है।

    बघेल ने कहा कि 'जागो ग्राहक जागो' का संदेश उपभोक्ताओं को सजग और जागरूक रहने की प्रेरणा देता है। उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे इस कार्यशाला से प्राप्त ज्ञान को समाज में आगे बढ़ाएं, ताकि उपभोक्ता संरक्षण और अधिक सशक्त हो सके।

    भारतीय मानक ब्यूरो रायपुर शाखा कार्यालय के निदेशक एसके गुप्ता ने कहा कि बीआईएस का प्रत्येक मानक उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा को समर्पित है। उन्होंने बताया कि उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और ब्यूरो इस दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है।

    गुप्ता ने ब्यूरो द्वारा संचालित गतिविधियों और विभिन्न उत्पादों के मानकीकरण की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बीआईएस का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश में निर्मित हर उत्पाद वैश्विक गुणवत्ता मानकों पर खरा उतरे।

    मुख्यमंत्री ने मानक महोत्सव में विभिन्न स्टालों का किया अवलोकन
    विश्व मानक दिवस के अवसर पर आयोजित मानक महोत्सव में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) तथा अन्य संस्थानों द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टालों का अवलोकन किया। उन्होंने मानक स्थापना से जुड़ी गतिविधियों और संस्थाओं की कार्यप्रणाली की जानकारी ली और उनके प्रयासों की सराहना की।

    सिपेट रायपुर के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि संस्था प्रदेश के युवाओं को लघु एवं दीर्घकालीन कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है, साथ ही उद्योगों को गुणवत्ता परामर्श और तकनीकी सलाह भी उपलब्ध कराती है। मुख्यमंत्री ने सिपेट की पहल की सराहना की और इसे उद्योग-शिक्षा समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण बताया।

    बीआईएस की रायपुर शाखा द्वारा लगाए गए स्टॉल में उपभोक्ता जागरूकता संबंधी गतिविधियों की जानकारी दी गई। प्रतिनिधियों ने बताया कि बीआईएस केयर ऐप के माध्यम से उपभोक्ता स्वयं आईएसआई, एचयूआईडी और हॉलमार्क युक्त आभूषणों की प्रमाणिकता जांच सकते हैं।

    ऐप के जरिए उत्पाद की गुणवत्ता से संबंधित शिकायतें दर्ज करने और आईएसआई मुहर के दुरुपयोग की सूचना देने की सुविधा भी उपलब्ध है। मुख्यमंत्री ने इस पहल को उपभोक्ता सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि बताया।

    शैक्षणिक संस्थानों के नवाचारी स्टॉल बने आकर्षण का केंद्र
    मानक महोत्सव में स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा लगाए गए नवाचार आधारित स्टॉल सभी के आकर्षण का केंद्र बने। मुख्यमंत्री श्री साय ने विद्यार्थियों द्वारा प्रदर्शित नवाचारों का अवलोकन किया और उनके रचनात्मक प्रयासों की सराहना की।

    गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल बिरकोनी के विद्यार्थियों ने रक्तचाप जांचने की मशीन और मिट्टी की नमी मापने की मशीन तैयार की। पंडित आर. डी. तिवारी गवर्नमेंट इंग्लिश मीडियम स्कूल के छात्रों ने “एक्सप्लोरर रोबोट” प्रस्तुत किया, जो अंधेरे और दुर्गम स्थानों में रास्ता खोजने में सक्षम है। यह रोबोट खदानों और औद्योगिक स्थलों पर उपयोगी सिद्ध हो सकता है।

    वहीं गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल अंडा के विद्यार्थियों ने स्मार्ट ट्रेन का मॉडल तैयार किया, जो विशेष रूप से दिव्यांगजनों के लिए उपयोगी है। मुख्यमंत्री साय ने विद्यार्थियों से चर्चा की, उनके नवाचारी कार्यों की जानकारी ली और उनकी रचनात्मकता की सराहना करते हुए कहा —“युवाओं की सोच में जब गुणवत्ता और नवाचार जुड़ता है, तभी भारत विकसित राष्ट्र बनने की ओर तेजी से अग्रसर होता है।”

    मुख्यमंत्री साय ने कहा कि गुणवत्ता सिर्फ उद्योग या उत्पादन तक सीमित नहीं, बल्कि यह जीवन के हर पहलू का संस्कार बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि “मानक केवल नियम नहीं, राष्ट्र निर्माण की रीढ़ हैं।” मुख्यमंत्री ने अधिकारियों, संस्थाओं और विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे “क्वालिटी को क्वांटिटी से पहले रखें” और छत्तीसगढ़ को मानकीकरण, नवाचार और पारदर्शिता में देश का अग्रणी राज्य बनाएं। उन्होंने कहा —“जब हर नागरिक गुणवत्ता को अपना धर्म समझेगा, तभी सच्चे अर्थों में विकसित भारत का स्वप्न साकार होगा।”

    इस अवसर पर एनआईटी रायपुर के निदेशक एनव्ही रमन्ना राव, चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष श्री सतीश थोरानी, इस्पात प्राधिकरण के कार्यकारी निदेशक एके चक्रवर्ती, कैट के अध्यक्ष परमानंद जैन, छत्तीसगढ़ स्टील रिरोलर्स निर्माता संघ के अध्यक्ष संजय त्रिपाठी और छत्तीसगढ़ ज्वेलर्स संघ के अध्यक्ष कमल सोनी उपस्थित थे।