Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बुमराह को कप्तानी दिए जाने पर भड़के पूर्व गेंदबाज, कहा- रणजी ट्राफी तो छोड़िए क्लब टीम की भी कप्तानी नहीं की कभी

    By Viplove KumarEdited By:
    Updated: Wed, 06 Jul 2022 07:58 PM (IST)

    Former India pacer slams Jasprit Bumrah बुमराह ने कभी भी किसी टीम की कप्तानी नहीं की। आप रणजी टीम को छोड़ ही दीजिए उन्होंने कभी किसी क्लब टीम की भी कमान नहीं संभाली। देखिए के कप्तान का दिमाग पूरी तरह से अलग होता है।

    Hero Image
    भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह (फोटो ट्विटर पेज)

    नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय क्रिकेट टीम की तरफ से इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को कप्तानत बनाने का फैसला लिया गया। रोहित शर्मा कोरोना संक्रमित पाए जाने की वजह से मैच के लिए उपलब्ध नहीं थे। बुमराह को कप्तानी दिए जाने पर पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज ने करसन घावरी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि जिस खिलाड़ी ने कभी क्लब टीम की कप्तानी तक नहीं की उनको टीम इंडिया की कमान क्यों दी गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    "बुमराह ने कभी भी किसी टीम की कप्तानी नहीं की। आप रणजी टीम को छोड़ ही दीजिए, उन्होंने कभी किसी क्लब टीम की भी कमान नहीं संभाली। देखिए के कप्तान का दिमाग पूरी तरह से अलग होता है। एक जो कप्तान होता है उसको फील्ड में बदलाव करने के बारे में, असरदार गेंदबाजी में बदलाव के बारे में सोचते रहना होता है। उसे पूरे मैच के दौरान रणनीति बनाते रहने की सोच रखनी होती है।"

    "देखिए मैं इस बात से सहमत हूं कि ड्रेसिंग रूम में मुख्य कोच राहुल द्रविड़ और बाकी कोचिंग स्टाफ ने मिलकर मैच को लेकर काफी योजना बनाई होगी लेकिन एक बार जब 11 खिलाड़ी मैदान पर खेलने के लिए उतर जाते हैं तो फिर वो कप्तान ही होता है जिसे इन सभी योजनाओं को अच्छी तरह से अमल में लाना होता है। बुमराह ऐसा करने में नाकाम रहे।"

    "जब रोहित शर्मा कोरोना (संक्रमित पाए जाने के बाद रिपोर्ट दूसरी बार भी पॉजिटिव आने के बाद) टेस्ट मैच खेलने के लिए उपलब्ध नहीं थे विराट कोहली को आगे आना चाहिए था, उन्हें यह कहना चाहिए था कि देखिए मैं हूं और टीम की कप्तानी करने की जिम्मेदारी मैं उठाउंगा। जीत और हार तो खेल का हिस्सा है लेकिन मुझे लगता है कि ऐसी स्थिति में कोहली को आगे बढ़कर अपना हाथ खड़ा करना चाहिए था।"