IND vs SA: 'मैदान में जाकर प्रदर्शन करना खिलाड़ियों का काम', सुनील गावस्कर की दो टूक
गंभीर के कार्यकाल में भारत को तीसरी टेस्ट सीरीज में हार का मुंह देखना पड़ा है। उनके मार्गदर्शन में भारत ने 16 महीनों में घरेलू सरजमीं पर न्यूजीलैंड से 0-3 से, ऑस्ट्रेलिया से उसकी सरजमीं पर 1-3 से और अब घरेलू मैदान पर साउथ अफ्रीका से सीरीज गंवाई है। गावस्कर ने एक चैनल से बात करते हुए कहा कि वह कोच हैं। कोच टीम को तैयार कर सकता है और वह अपने अनुभव से खिलाड़ियों को बता सकता है।

सुनील गावस्कर ने गौतम गंभीर का किया बचाव। फाइल फोटो
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने विवादों में घिरे गौतम गंभीर का बचाव करते हुए कहा कि मुख्य कोच केवल टीम को तैयार कर सकता है, लेकिन मैदान पर प्रदर्शन खिलाड़ियों को ही करना होता है। गुवाहाटी में दूसरे टेस्ट में साउथ अफ्रीका से मिली 408 रन की करारी हार के बाद गंभीर की कड़ी आलोचना हो रही है, क्योंकि जिससे मेहमान टीम ने दो मैचों की सीरीज 2-0 से अपने नाम कर ली।
गंभीर के कार्यकाल में भारत को तीसरी टेस्ट सीरीज में हार का मुंह देखना पड़ा है। उनके मार्गदर्शन में भारत ने 16 महीनों में घरेलू सरजमीं पर न्यूजीलैंड से 0-3 से, ऑस्ट्रेलिया से उसकी सरजमीं पर 1-3 से और अब घरेलू मैदान पर साउथ अफ्रीका से सीरीज गंवाई है। गावस्कर ने एक चैनल से बात करते हुए कहा कि वह कोच हैं। कोच टीम को तैयार कर सकता है और वह अपने अनुभव से खिलाड़ियों को बता सकता है। लेकिन मैदान में जाकर प्रदर्शन करना खिलाड़ियों का ही काम है।
'गंभीर वही कोच...'
पूर्व कप्तान ने यह भी कहा कि गंभीर वही कोच हैं जिन्होंने भारत को चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप में जीत दिलाई, लेकिन अब एक घरेलू सीरीज हारने के बाद आलोचक उनके विरुद्ध बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब जो लोग उनसे जवाब तलब कर रहे हैं, मेरा उनसे एक सवाल है कि जब भारत ने उनके मार्गदर्शन में चैंपियंस ट्रॉफी जीती, जब भारत ने एशिया कप जीता, तब आपने क्या किया?
गावस्कर ने पूछा कि जो लोग आज उनकी बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं, क्या तब आपने कहा था कि उनका अनुबंध बढ़ा दिया जाए या उन्हें वनडे और टी20 के लिए आजीवन अनुबंध दे दिया जाए? आपने तब यह नहीं कहा था। यह सिर्फ तब होता है जब टीम अच्छा नहीं करती तो आप कोच पर उंगली उठाते हैं। गावस्कर ने इंग्लैंड के सभी प्रारूपों के कोच ब्रैंडन मैकुलम का उदाहरण देते हुए कहा कि गंभीर के सभी प्रारूपों में कोच बने रहने में कोई बुराई नहीं है।
कई देश में तीनों प्रारूप में एक ही कोच
उन्होंने कहा कि कई देशों में तीनों प्रारूपों के लिए एक ही कोच होता है। लेकिन हम सिर्फ तब उंगली उठाते हैं जब टीम हारती है। जब उन्होंने टीम को चैंपियंस ट्राफी और एशिया कप जिताया, तब आप उन्हें श्रेय देने को तैयार नहीं थे। अगर तब आप जीत के लिए श्रेय देने को तैयार नहीं है तो अब मैदान पर अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वाली टीम के लिए उन्हें क्यों दोष दे रहे हैं? पूर्व भारतीय आफ स्पिनर आर अश्विन ने भी गंभीर का समर्थन किया है और कहा है कि जब खिलाड़ी जिम्मेदारी नहीं ले रहे हैं, तब कोच को हटाने की मांग करना सही नहीं है।
टीम का प्रबंधन करना इतना आसान नहीं होता
अश्विनअश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल में कहा कि हम ऐसा क्यों कर रहे हैं। यह एक खेल है। टीम का प्रबंधन करना इतना आसान नहीं होता है और उन्हें भी इस परिणाम से निराशा है। हमें यह समझना होगा। किसी को बर्खास्त करना अच्छा लग सकता है, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह किसी का समर्थन करने की बात नहीं है। गौतम मेरा रिश्तेदार नहीं है। मैं भी 10 गलतियां गिना सकता हूं। कोई भी गलती कर सकता है लेकिन कभी कभार गलतियां महंगी पड़ जाती हैं।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और आईपीएल से संन्यास ले चुके अश्विन ने कहा कि अतीत में भारत के शानदार घरेलू रिकार्ड को देखते हुए वह भी जिम्मेदारी तय करने की जरूरत को समझते हैं, लेकिन केवल कोच को निशाना बनाना और खिलाडि़यों से सवाल न पूछना अनुचित है।

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