Shreyas Iyer को था जान का खतरा, BCCI की मेडिकल टीम ने बचाया; आंतरिक रक्तस्त्राव के बाद ICU में हैं भर्ती
भारतीय टीम के क्रिकेटर श्रेयस अय्यर की जान बीसीसीआई की मेडिकल टीम ने बचाई। अय्यर की चोट बेहद गंभीर थी और उनको सिडनी के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां वो आईसीयू में हैं। अय्यर को एलेक्स कैरी का कैच लेते समय पसलियों में चोट लगी थी, जिसके कारण आतंरिक रक्तस्त्राव हुआ। दैनिक जागरण के पास मौजूद ईमेल में लिखा है कि शुरुआती 24 घंटे बहुत नाजुक थे।

श्रेयस अय्यर की जान बीसीसीआई की मेडिकल टीम ने बचाई
अभिषेक त्रिपाठी, जागरण नई दिल्ली। सिडनी में शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध तीसरे वनडे में कैच लेने के बाद मैदान में गिरे श्रेयस अय्यर की चोट इतनी गंभीर थी कि अगर उनको बीसीसीआई की मेडिकल टीम सही इलाज नहीं देती तो उनकी जान को भी खतरा हो सकता था।
कैच लेते समय मैदान पर गिरे अय्यर की पसलियों में चोट के कारण आंतरिक रक्तस्त्राव हुआ, जिसके तुरंत बाद उन्हें सिडनी के अस्पताल में भर्ती कराया गया। गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में उनका इलाज चल रहा है।
कैसे लगी चोट?
शनिवार को ड्रेसिंग रूम में लौटने के तुरंत बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। अय्यर ने एलेक्स कैरी का पीछे की तरफ दौड़ते हुए बैकवर्ड प्वाइंट पर शानदार कैच लिया था, लेकिन इसने उन्हें एक बड़ा दर्द दे दिया।
आईसीसी की मेडिकल कमेटी, बीसीसीआई के मेडिकल पैनल के प्रमुख और कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी के सेंटर ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन के प्रमुख डॉक्टर दिनशा पार्डीवाला ने रविवार को भारतीय समयानुसार शाम छह बजे बीसीसीआई को चार प्वाइंट का ईमेल लिखा है।
शुरुआती 24 घंटे बेहद नाजुक थे
दैनिक जागरण के पास मौजूद ईमेल में लिखा है कि शुरुआती 24 घंटे बहुत नाजुक थे और भाग्य से अब सबकुछ ठीक है। आशा करते हैं कि अगले 48 घंटे इसी तरह स्थिति में सुधार होगा। अगले 48 घंटे तक (मंगलवार शाम तक) तक श्रेयस को आईसीयू से बाहर नहीं निकाला जाए।
श्रेयस के परिवार को मेडिकल अपडेट देने के लिए सिर्फ एक व्यक्ति होना चाहिए। मैं डाक्टर रिजवान (वर्तमान में भारतीय टीम के साथ में चल रहे डॉक्टर) को सुझाव दिया है कि वह अय्यर के परिवार उनकी मेडिकल कंडीशन को लेकर दिन में दो बार बात करें।
मेडिकल टीम को दी बधाई
पार्डीवाला ने मेल में आगे महत्वपूर्ण बात लिखी है कि 'आखिरी लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात, मैदान में मौजूद मेडिकल टीम को बधाई। आपने समय पर जो जांच की और जो तत्काल कदम उठाए उससे एक जिंदगी बचाई जा सकी।'
ऋषभ पंत और जसप्रीत बुमराह के इलाज में भी अहम भूमिका निभाने वाले मशहूर डाक्टर पार्डीवाला को सिडनी से श्रेयस की सारी रिपोर्ट भेजी गईं थीं, जिसकी जांच के बाद उन्होंने यह ईमेल लिखा। वह भारत से ही श्रेयस की मेडिकल कंडीशन पर नजर बनाए हुए हैं। उनकी ईमेल में साफ-साफ लिखा गया है कि बीसीसीआई के मेडिकल स्टाफ ने श्रेयस की जान बचाई।
स्वस्थ हो रहे हैं अय्यर
यानी इस चोट से उनकी जान को खतरा था। वहीं बीसीसीआई ने सोमवार को ईमेल के जरिये बताया कि अय्यर की बाईं पसली के नीचे के हिस्से में चोट लगी है। स्कैन से पता चला है कि उनकी स्पिलीन (तिल्ली) फट गई है। उनकी हालत स्थिर है और वह स्वस्थ हो रहे हैं।
आईसीयू में इतने दिन रहेंगे अय्यर
बीसीसीआई की मेडिकल टीम सिडनी और भारत के विशेषज्ञों के परामर्श से उनकी चोट की स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है। दैनिक जागरण के पास मौजूद रिपोर्ट के अनुसार श्रेयस को चोट के तुरंत बाद अस्पताल ले जाया गया। रिपोर्ट में आंतरिक रक्तस्त्राव का पता चलते ही उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया।
उनकी स्थिति को देखते हुए उन्हें दो से सात दिनों तक निगरानी में रखा जाएगा। कम से कम मंगलवार तक वह आईसीयू में रहेंगे क्योंकि रक्तस्त्राव के कारण संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए ऐसा करना जरूरी है। ड्रेसिंग रूम में लौटने पर श्रेयस की स्थिति का आकलन करने के बाद बीसीसीआई की मेडिकल टीम ने उन्हें तुरंत ही अस्पताल में भर्ती करने का फैसला किया।
अय्यर को फिट होने में लगेगा समय
टीम के डॉक्टर और फिजियो ने कोई जोखिम नहीं उठाया। शुरुआत में अय्यर के लगभग तीन सप्ताह तक खेल से बाहर रहने की उम्मीद थी, लेकिन अब उन्हें पूरी तरह फिट होने में अधिक समय लग सकता है। सूत्र ने कहा, आंतरिक रक्तस्त्राव हुआ है, इसलिए उन्हें पूरी तरह फिट होने में अधिक समय लग सकता है।
अभी प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में उनकी वापसी के लिए कोई निश्चित समय सीमा निर्धारित करना मुश्किल है। भारत वापस जाने के लिए फिट घोषित किए जाने से पहले कम से कम एक हफ्ते तक सिडनी के अस्पताल में रहना होगा। श्रेयस भारतीय टी-20 टीम का हिस्सा नहीं हैं।
कितनी गंभीर है श्रेयस की चोट
स्पिलीन पेट के बाएं ऊपरी हिस्से में होती है। जो खून को साफ करने और शरीर को संक्रमण से बचाने का काम करती है। यह बहुत नाजुक होती है, जो चोट लगने से आसानी से फट सकती है। खेलते समय गिरने या किसी के जोर से टकराने पर हो सकता है।
जब स्पिलीन फटती है तो आंतरिक रक्तस्त्राव शुरू हो जाता है। यह एक गंभीर स्थिति होती है और तुरंत डॉक्टर की मदद आवश्यकता होती है। कई बार ज्यादा रक्तस्त्राव से मरीज की जान भी जा सकती है।
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