दलीप ट्रॉफी में पहली बार लागू हुआ क्रिकेट का यह नियम, महाराष्ट्र का बल्लेबाज बना पहला ऐसा रिप्लेसमेंट
दलीप ट्रॉफी में वेस्ट जोन का सामना सेंट्रल जोन से था। हार्विक देसाई वेस्ट जोन की पहली में बल्लेबाजी करने उतरे। इस दौरान महज 1 रन बनाकर वह आउट हो गए। सेंट्रल जोन की पारी के दौरान उन्होंने विकेटकीपिंग भी की। हालांकि सौराष्ट्र के विकेटकीपर-बल्लेबाज को कथित तौर पर क्वाड्रिसेप्स की चोट के कारण मैच से बाहर होना पड़ा।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। बीसीसीआई के नए नियम के तहत घरेलू क्रिकेट में पहली बार समान खिलाड़ी रिप्लेसमेंट का मामला देखने को मिला है। दलीप ट्रॉफी के सेमीफाइनल मुकाबले वेस्ट जोन को विकेटकीपर-बल्लेबाज हार्विक देसाई को 'गंभीर चोट' रिप्लेसमेंट के तहत सौरभ नवले ने रिप्लेस किया। हार्विक को गंभीर चोट के चलते टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा।
दलीप ट्रॉफी में वेस्ट जोन का सामना सेंट्रल जोन से था। हार्विक देसाई वेस्ट जोन की पहली में बल्लेबाजी करने उतरे। इस दौरान महज 1 रन बनाकर वह आउट हो गए। सेंट्रल जोन की पारी के दौरान उन्होंने विकेट कीपिंग भी की। हालांकि, सौराष्ट्र के विकेटकीपर-बल्लेबाज को कथित तौर पर क्वाड्रिसेप्स की चोट के कारण मैच से बाहर होना पड़ा।
फाइनल में पहुंचा सेंट्रल जोन
इसके बाद वेस्ट जोन ने बीसीसीआई के 2025-26 सीजन के नए रूल के तहत सौरभ नवले को देसाई की जगह रिप्लेस किया। हालांकि, नवले का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और सेंट्रल के ऑफ स्पिनर सारांश जैन ने उन्हें 31 गेंद पर 9 रन पर आउट कर दिया। वेस्ट जोन ने आखिरकार आठ विकेट पर 216 रन बनाए और मैच ड्रॉ रहा। पहली पारी में मिली बढ़त के आधार पर सेंट्रल जोन फाइनल में पहुंच गया।
क्या है बीसीसीआई का नया नियम
गौरतलब हो कि जुलाई के अंत में इंग्लैंड में एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के चौथे टेस्ट के दौरान स्टार टेस्ट विकेटकीपर ऋषभ पंत के पैर के अंगूठे में फ्रैक्चर के बाद बीसीसीआई ने 2025-26 सत्र के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए। इसमें बहु-दिवसीय मैचों के लिए 'गंभीर चोट' रिप्लेसमेंट के दिशानिर्देश पेश किया।
यह नया नियम किसी टीम को मैच के दौरान किसी गंभीर बाहरी चोट से पीड़ित खिलाड़ी के स्थान पर किसी समान खिलाड़ी को शामिल करने की अनुमति देता है। जैसे अगर बल्लेबाज चोटिल होगा तो बल्लेबाज ही टीम में आएगा। तेज गेंदबाज की जगह तेज गेंदबाज और स्पिनर की जगह स्पिनर ही शामिल होगा।
मैदान पर लगनी चाहिए चोट
नई खेल परिस्थितियों के अनुसार, चोट मैदान पर ही लगनी चाहिए और इसमें फ्रैक्चर, गहरा घाव या ना खेल पाने की स्थिति शामिल हो सकती है। इसके लिए मैदानी अंपायर, मैच रेफरी और टीम डॉक्टर से परामर्श करने के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा कि चोट इतनी गंभीर है कि रिप्लेसमेंट की आवश्यकता है या नहीं।
यदि सभी की सहमति हो जाती है, तो टीम मैनेजर रिप्लेसमेंट के रूप में खिलाड़ी के लिए औपचारिक अनुरोध प्रस्तुत कर सकता है। यह नया नियम व्हाइट बॉल क्रिकेट में लागू नहीं होता। बीते जून में आईसीसी ने सभी पूर्ण सदस्य देशों को घरेलू प्रथम श्रेणी क्रिकेट में इसी तरह के रिप्लेसमेंट का निर्देश दिया था।
जून में आईसीसी ने घोषणा की थी कि घरेलू प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खेल के दौरान 'गंभीर चोट' लगने वाले खिलाड़ियों के लिए सभी पूर्ण सदस्य देशों द्वारा इसी प्रकार के प्रतिस्थापन का परीक्षण किया जाएगा।
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