टीम इंडिया को जीतना है ओवल का मैदान तो इस गेंदबाज को खिलाना है जरूरी, खिलाड़ी को लगानी होगी जान की बाजी
भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 30 तारीख से द ओवल में खेला जाने वाला पांचवां और आखिरी टेस्ट मैच काफी अहम है। इस मैच में अगर टीम इंडिया जीत जाती है तो सीरीज 2-2 से ड्रॉ होगी। ऐसे में टीम मैनेजमेंट को सोचना होगा कि वह बेस्ट टीम संयोजन कैसे तैयार करें और एक गेंदबाज को हर हाल में खिलाएं।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम ने मैनचेस्टर टेस्ट मैच को ड्रॉ करा सीरीज को जिंदा रखा है। बेशक इंग्लैंड की टीम इस समय 2-1 से आगे है, लेकिन टीम इंडिया के पास मौका है सीरीज को ड्रॉ कराने का। अगला मैच 31 जुलाई से द ओवल मैदान पर खेला जाना है और अगर ये मैच टीम इंडिया जीत गई तो सीरीज 2-2 से ड्रॉ हो जाएगी। अब सवाल यही है कि क्या टीम इंडिया इस सीरीज को ड्रॉ करा पाएगी?
मत भूलिए इस सीरीज का प्रभाव वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप पर भी पड़ेगा जिसे भारत ने अभी तक दो बार फाइनल खेलने के बाद जीता नहीं है। लेकिन द ओवल में होने वाली आखिरी लड़ाई के लिए भारत को अपना सबकुछ दांव पर लगाना होगा। उसके टीम संयोजन को लेकर कई सवाल उठे हैं। उन्हें दूर करना है। साथ ही एक चीज पर भी ध्यान देना होगा। उसे जसप्रीत बुमराह पर ध्यान देना होगा। आखिरी लड़ाई में बुमराह बाहर नहीं बैठ सकते।
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पहले ही कर लिया था फैसला
इस सीरीज से पहले भारत ने साफ कर दिया था कि जसप्रीत बुमराह इस सीरीज में सिर्फ तीन ही मैच खेलेंगे। उनके तीन मैच हो चुके हैं। ऐसे में सवाल ये है कि क्या गंभीर पांचवें टेस्ट मैच में बुमराह को खिलाएंगे? इसका जवाब है शायद हां। लॉर्ड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच के बाद कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि बुमराह अगले दोनों मैच खेलेंगे। इसके मुताबिक बुमराह का द ओवल में उतरना तय है। और ये जरूरी भी है। बुमराह जैसा गेंदबाज अगर टीम में होगा तो सामने वाली टीम में दहशत होती है।
साइड में रखो वर्कलोड मैनेजमेंट
बुमराह बेहतरीन गेंदबाज हैं और पूरा देश चाहता है कि वह लंबा क्रिकेट खेलें। इसलिए उनका ख्याल रखा जाना चाहिए, लेकिन जब बात साख की आ जाए और जीत जरूरी बन जाए तो बुमराह को खुद आगे रहकर कहना चाहिए, साइड में रख दो वर्कलोड मैनेजमेंट, मैं खेलूंगा। टीम से बढ़कर कुछ नहीं।
बुमराह के सामने कई उदाहरण है। पहला तो इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स का ही है जिन्होंने इस सीरीज में जमकर गेंदबाजी की और बल्लेबाजी भी। उनका शरीर भी चोटों से परेशान रहा है, लेकिन टीम के लिए उन्होंने अपनी जान की बाजी लगा दी। लॉर्ड्स में तो वह लगातार गेंदबाजी करते देखे गए थे। भारत के ही ऋषभ पंत ने चौथे टेस्ट मैच में बुरी तरह चोटिल होने के बाद बल्लेबाजी की। पंत के कमिटमेंट ने बताया कि उनके लिए दर्द बाद में टीम पहले है। बुमराह को भी यही सोचना होगा।
देना होगा बेस्ट
बुमराह को सिर्फ खेलना नहीं होगा बल्कि अपनी पूरी जान झोंकते हुए अपना बेस्ट देना होगा। इस सीरीज में बुमराह अपने पूरी फॉर्म में नजर नहीं आए हैं। ऑस्ट्रेलिया में उन्होंने जो प्रदर्शन किया था वो दिखा नहीं है। अब बुमराह को यह सोचना है कि वह अपना बेस्ट कैसे दें। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर लगी चोट के कारण हो सकता है कि उनके खेल पर असर पड़ा हो, लेकिन बुमराह वो गेंदबाज हैं जो जब चाहे विकेट निकाल सकते थे।
हाल ही में भारत के पूर्व बल्लेबाज मोहम्मद कैफ ने अपने एक वीडियो में इस बात को हाइलाइट किया था कि बुमराह इस सीरीज में पूरी तरह से फिट नहीं लग रहे हैं। उनका शरीर उनका साथ नहीं दे रहा है। पूरी दुनिया इस बात को समझ भी रही है। अब ये टीम मैनेजमेंट पर और खुद बुमराह पर है कि वह कैसे अपने आप को तैयार करते हैं। लेकिन आखिरी मैच में बुमराह का खेलना जरूरी है।
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