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    Sreesanth Controversy: राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची इंश्योरेंस कंपनी, श्रीसंत से जुड़ा है पूरा मामला

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 02:48 PM (IST)

    एक बीमा कंपनी ने एस श्रीसंत से जुड़े दावे को लेकर राजस्थान रॉयल्स को सुप्रीम कोर्ट में घसीटा। आखिर में अदालत ने मामले को स्थगित कर दिया और बीमा कंपनी को स्पष्टता के लिए अतिरिक्त दस्तावेज देने का निर्देश दिया। जिसमें बीमा प्राप्त करने के लिए प्रस्तुत आवेदन श्रीसंत का फिटनेस प्रमाण पत्र आदि शामिल हैं।

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    श्रीसंत बीमा दावा विवाद पर सुप्रीम कोर्ट पहुंची इंश्योरेंस कंपनी। फाइल फोटो

     स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। आईपीएल फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स को 2012 में एस श्रीसंत से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट में घसीटा गया है। यह मामला श्रीसंत की चोट के लिए राजस्थान रॉयल्स द्वारा किए गए बीमा दावे से संबंधित है, जिसके कारण उन्हें पूरे सीजन से बाहर होना पड़ा था।

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    रॉयल्स का दावा है कि घुटने की चोट के कारण श्रीसंत का 2012 सीजन में खेलना प्रभावित हुआ था। जबकि इंश्योरेंस कंपनी का मानना ​​है कि खिलाड़ी पहले से ही पैर के अंगूठे में चोट से जूझ रहा था, जिसके कारण वह उस सीजन में लीग में भाग नहीं ले पाता।

    बीमा कंपनी ने किया दावा खारिज

    हालांकि, बीमा कंपनी ने यह तर्क देते हुए दावा खारिज कर दिया कि श्रीसंत को 2011 से ही पैर की अंगुली में चोट थी। जिसका खुलासा उन्होंने नहीं किया था। उनका मानना ​​है कि यही पुरानी चोट उनके खेलने में असमर्थता का असली कारण थी या फिर पॉलिसी के समय ही उन्हें यह बता दिया जाना चाहिए था।

    गौरतलब हो कि यह सब तब शुरू हुआ, जब राजस्थान रॉयल्स ने 82 लाख रुपये से अधिक का बीमा दावा दायर किया। जब श्रीसंत को अभ्यास मैच के दौरान लगी घुटने की चोट के कारण 2012 के आईपीएल सत्र से बाहर कर दिया गया था।

    राजस्थान ने रखा अपना तर्क

    राजस्थान रॉयल्स ने अपना पक्ष रखते हुए तर्क दिया कि पैर की अंगुली की चोट कोई समस्या नहीं थी। श्रीसंत चोट के बावजूद खेल रहे थे। उनका कहना है कि टूर्नामेंट से बाहर होने का एकमात्र कारण बीमा अवधि के दौरान लगी घुटने की नई चोट थी।

    इस मामले में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने पहले राजस्थान रॉयल्स के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बीमा कंपनी को दावा भुगतान करने का आदेश दिया था। कंपनी ने अब इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।

    हालांकि, इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है। लेकिन, सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने श्रीसंत के फिटनेस प्रमाण पत्र सहित अतिरिक्त दस्तावेजों का अनुरोध किया है। ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या पहले से मौजूद पैर की चोट का कभी खुलासा किया गया था।

    अदालत ने मांगे सबूत

    न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने संक्षिप्त दलीलें सुनने के बाद मौखिक रूप से पूछा कि क्या श्रीसंत के पैर की चोट के बारे में आईपीएल फ्रेंचाइजी के मालिक ने बीमा कंपनी को बताया था। पीठ ने यह भी टिप्पणी की कि यदि बीमा कंपनी को पैर की चोट के बारे में पता था तो उसे श्रीसंत का बीमा ही नहीं करना चाहिए था।

    आखिर में अदालत ने मामले को स्थगित कर दिया तथा बीमा कंपनी को स्पष्टता के लिए अतिरिक्त दस्तावेज देने का निर्देश दिया। जिसमें बीमा प्राप्त करने के लिए प्रस्तुत आवेदन, श्रीसंत का फिटनेस प्रमाण पत्र आदि शामिल हैं।

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