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    Kranti Goud: वर्ल्ड चैंपियन क्रांति गौड़ को 1 करोड़ रुपये की इनामी राशि देगी MP सरकार, पिता बोले- तुम पर गर्व…

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 08:47 AM (IST)

    Kranti Goud: महिला क्रिकेट विश्व कप विजेता टीम की सदस्य क्रांति गौड़ को मध्य प्रदेश सरकार ने एक करोड़ रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बेटियों पर गर्व व्यक्त करते हुए यह घोषणा की। क्रांति का परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था, लेकिन उन्होंने अपने क्रिकेट के हुनर से विश्व विजेता बनकर देश का नाम रोशन किया।  

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    Kranti Goud को 1 करोड़ रुपये इनाम के रूप में देगी MP सरकार

    स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। महिला क्रिकेट विश्व कप की विजेता टीम की सदस्य क्रांति गौड़ (Kranti Goud) को मध्य प्रदेश सरकार ने पुरस्कार स्वरूप एक करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पुरस्कार देने की घोषणा करते हुए कहा कि बेटियों पर मध्य प्रदेश समेत पूरे देश को गर्व है।

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    Kranti Goud को 1 करोड़ रुपये इनाम के रूप में देगी MP सरकार

    मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के घुवारा कस्बे में क्रांति गौड (Kranti Goud Family) के घर पर प्रशंसकों ने विश्व कप क्रिकेट का फाइनल मैच देखने के लिए बड़ी स्क्रीन लगा रखी थी। जैसे ही दक्षिण अफ्रीका पर भारत ने विजय दर्ज की तो आतिशबाजी होने लगी। पूरा कस्बा पटाखों की आवाज से गूंज उठा। क्रांति के पिता मुन्नालाल को बधाई देने वालों का तांता लग गया।

    मुन्नालाल ने कहा कि बेटी का पिता होने पर उन्हें गर्व है। देश की बेटियों ने कमाल कर दिया। उन्होंने उत्साहपूर्वक कहा कि बेटी यह कह कर गई थी कि विश्व विजेता बन कर ही लौटेगी। क्रांति गौड़ के प्रारंभिक कोच राजकुमार सेन ने कहा कि हमें विश्वास था कि क्रांति विश्व कप में शानदान प्रदर्शन करेगी। मन खुशी से उत्साहित है कि हमारी बुंदेलखंड की बेटी ने विश्व विजेता बनकर कीर्तिमान हासिल किया है। क्रांति की बहन जिया ने बताया कि आधी रात से ही लोग बधाई देने आ रहे हैं। हम सभी का सपना था कि विश्व कप हमारी टीम जीते।

    आर्थिक तंगी से जूझता रहा है परिवार

    क्रांति गौड़ का परिवार आर्थिक तंगी से जूझता रहा है। पिता मुन्नालाल एएसआइ थे, लेकिन उनको वर्ष 2012 में एक मामले में निलंबित कर दिया गया था। क्रांति के बड़े भाई मयंक ने बताया कि पिता के निलंबित होने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा खराब हो गई थी, उनको काम करने के लिए दिल्ली जाना पड़ा। क्रांति को बचपन से ही क्रिकेट से लगाव रहा है। वह अपने हुनर के दम पर भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनी और विश्व विजेता बन गई।

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