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    'सहवाग ने टेस्ट को किया पुनर्जीवित किया,' दिग्गज क्रिकेटर ने दिया बयान, कैरेबियाई क्रिकेट को जिंदा रखने की चलाई मुहिम

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 11:36 PM (IST)

    वेस्टइंडीज के दिग्गज क्रिकेटर विवियन रिच‌र्ड्स नई दिल्ली के अरुण जेटली में खेले जा रहे भारत और वेस्टइंडीज मुकाबले को देखने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि वीरेंद्र सहवाग मेरे बराबर थे। वहीं, महान बल्लेबाज ब्रायन लारा के चेहरे पर भारत द्वारा वेस्टइंडीज पर शिकंजा कसने के बाद निराशा साफ देखी जा सकती थी।

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    विवियन रिचर्ड्स ने वीरेंद्र सहवाग की तारीफ की। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। वेस्टइंडीज के दिग्गज क्रिकेटर विवियन रिच‌र्ड्स नई दिल्ली के अरुण जेटली में खेले जा रहे भारत और वेस्टइंडीज मुकाबले को देखने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि वीरेंद्र सहवाग मेरे बराबर थे। आगे उन्होंने कहा कि सहवाग ने आक्रामक बल्लेबाजी कर टेस्ट को पुनर्जीवित किया।

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    टेस्ट के दौरान स्टेडियम को लगभग भरा हुआ देखकर उनको बहुत खुशी हुई। वहीं, महान बल्लेबाज ब्रायन लारा के चेहरे पर भारत द्वारा वेस्टइंडीज पर शिकंजा कसने के बाद निराशा साफ देखी जा सकती थी लेकिन उन्होंने दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद मेहमान टीम के ड्रेसिंग रूम का दौरा कर कोच और कप्तान से बातचीत की।

    वेस्टइंडीज क्रिकेट को जिंदा रखने की कोशिश

    56 वर्षीय लारा मिशन इंडिया अभियान के तहत विवियन रिच‌र्ड्स के साथ यहां हैं। वह आर्थिक तंगी से जूझ रहे क्रिकेट वेस्टइंडीज को कुछ अतिरिक्त धनराशि दिलाने में मदद करने की कोशिश कर रहे हैं जिससे उन्हें इस टीम के लंबे प्रारूप के खेल के जर्जर ढांचे को पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी।

    इस घटनाक्रम से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि ब्रायन लारा दिन का खेल खत्म होने के बाद वेस्टइंडीज के ड्रेसिंग रूम में गए। उन्होंने खिलाड़ियों को कोई सामान्य संबोधन नहीं दिया, बल्कि कोच डैरेन सैमी, कप्तान रोस्टन चेज और कुछ खिलाड़ियों से अलग-अलग बात की। वह वहां लगभग 20 मिनट तक थे।

    लारा ने खिलाड़ियों से किया सवाल

    यह चर्चा मुख्यत: वेस्टइंडीज क्रिकेट की स्थिति और आगे के रास्ते के बारे में थी। लारा ने इससे पहले एक पुरस्कार समारोह में वेस्टइंडीज के खिलाडि़यों के टेस्ट क्रिकेट को खेलने के जज्बे पर सवाल उठाते हुए कहा कि समस्याओं के बावजूद भी वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों के दिल में अगर जुनून होता तो वे टेस्ट क्रिकेट में अपनी जगह बनाने का कोई न कोई रास्ता निकाल ही लेते।

    लारा ने कहा कि मैं रोस्टन चेस और अन्य खिलाड़ियों से पूछना चाहूंगा कि वे बताएं कि क्या उनके दिल में क्रिकेट है? क्या वे सचमुच वेस्टइंडीज के लिए खेलना चाहते हैं? और यही सबसे महत्वपूर्ण बात है क्योंकि अगर ऐसा है तो आपको कोई न कोई रास्ता मिल ही जाएगा।

    उन्होंने कहा कि हमारे पास भी 30-40 साल पहले बेहतर सुविधाएं नहीं थीं। विव रिच‌र्ड्स ने किसी बेहतर अभ्यास पिच पर बल्लेबाजी नहीं की थी। हमें भी वही काम करना पड़ता था, वही मेहनत करनी पड़ती थी, लेकिन जज्बा अलग था। वेस्टइंडीज के लिए खेलने का जुनून काफी अधिक था।