हिड़मा के समर्थन में नारेबाजी के खिलाफ ABVP ने JNU में फूंका पुतला, लोकतंत्र के खिलाफ बताकर जमकर किया विरोध
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हिड़मा के समर्थन में नारेबाजी के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने विरोध प्रदर्शन किया। ABVP ने इस नारेबाजी को लोकतंत्र विरोधी बताते हुए JNU परिसर में पुतला फूंका और जमकर विरोध किया। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की।

जेएनयू में हिड़मा अमर रहे जैसे नारों के विरोध में पुतला फूंकते हुए एबीवीपी छात्र।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में नक्सलवाद और माओवादी हिंसा के समर्थन में हाल ही में सामने आई गतिविधियों के विरोध में छात्रों ने प्रदर्शन किया और पुतला दहन किया। बड़ी संख्या में छात्रों ने परिसर में एकत्र होकर माओवादी विचारों के महिमामंडन और हिडमा के समर्थन में नारेबाजी के विरोध में नारे लगाए।
छात्रों का कहना है कि बीते दिनों दिल्ली में प्रदूषण विरोधी प्रदर्शन के दौरान कुछ तत्वों द्वारा माओवादी हिडमा के समर्थन में नारे लगाए गए और उसके पक्ष में पर्चे बांटे गए, जो देश की सुरक्षा व्यवस्था और सुरक्षा बलों के बलिदान का अपमान है। छात्रों ने कहा कि किसी भी सामाजिक आंदोलन का इस्तेमाल हिंसक और राष्ट्रविरोधी विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
लोकतांत्रिक ढांचे में असहमति का स्थान है, लेकिन हिंसा और आतंक को वैचारिक समर्थन देना लोकतंत्र की भावना के विपरीत है।
माओवाद और आतमकवाद का समर्थन बर्दाश्त नहीं
एबीवीपी जेएनयू ने प्रदर्शन के माध्यम से संदेश दिया कि विश्वविद्यालय राष्ट्रहित, लोकतांत्रिक मूल्यों और शैक्षणिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। परिसर के भीतर या बाहर, किसी भी रूप में माओवादी हिंसा और आतंकवादी सोच का समर्थन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
एबीवीपी जेएनयू अध्यक्ष मयंक पांचाल ने कहा कि हिडमा जैसे खूनी आतंकी के समर्थन में नारे लगाना सुरक्षा बलों के साहस का अपमान है और छात्र समुदाय इसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं करेगा।

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