भारत मंडपम में दुनिया का मेला: महाराष्ट्र से केरल और थाइलैंड से इजिप्ट तक की एक दिन में सैर
भारत मंडपम, दिल्ली में एक अद्भुत मेला आयोजित किया गया, जिसमें भारत के विभिन्न राज्यों और दुनिया भर के देशों की संस्कृति का प्रदर्शन किया गया। महाराष्ट्र से केरल और थाइलैंड से इजिप्ट तक की संस्कृतियों को एक ही स्थान पर अनुभव करने का अवसर मिला। इस आयोजन ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया और लोगों को विभिन्न संस्कृतियों को समझने का मौका दिया।

भारत मंडपम में चल रहे भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में हाल नंबर एक में विदेशी स्टाल पर खरीदारी करते लोग। जागरण
शशि ठाकुर, नई दिल्ली। भारत मंडपम में चल रहा विश्व व्यापार मेला इसलिए भी दर्शकों को काफी आकर्षित कर रहा है, क्योंकि यहां चंद कदमों में भारत के विभिन्न राज्यों की विविधता भरी संस्कृति और लोक कलाओं का दर्शन कर पा रहे हैं। वहां के शिल्पकारों से मिल उनके विशिष्ट उत्पाद खरीद पा रहे हैं। ऐसा यह मौका उन्हें कहीं और नहीं मिलता। इस कारण प्रतिदिन हजारों लोग दिल्ली-एनसीआर के साथ ही अन्य राज्यों से देश की इस विशिष्ट बहुसंस्कृति का दीदार करने पहुंच रहे हैं। लगे हाथ वह कई देशों के पवेलियन के जरिए वहां का मिजाज भी जान पा रहे हैं।
व्यापार मेले में दस साल बाद दिल्ली के वैशाली इलाके से आई मनीषा ने बताया कि यह मेला अद्भुत है क्योंकि यह मेला बिना लंबी यात्रा किए भारत के साथ-साथ कई विदेशी संस्कृतियों का अनुभव करा रहा है। यहां देश की पल पल बदलती समृद्ध सांस्कृतिक विविधता की झलक के साथ वैश्विक संगम भी देखने को मिल रहा है। जो यहां आने वाले लोगों को नए अनुभव से चकित करने के साथ गर्व की अनुभूति करा रहा है। यहां लोग चंद कदमों में एक राज्य से दूसरे राज्य में पहुंच रहे हैं।
मेले में नोएडा से खरीदारी करने आई निम्मी ने बताया कि भारत मंडपम के हर कोने में एक नया राज्य और उसकी संस्कृति बसती है। साथ ही उस क्षेत्र के प्रमुख स्थलों का भी दीदार कर सकते है। हाल नंबर तीन में महाराष्ट्र के दुर्ग के साथ शिवाजी महाराज की विशाल प्रतिमा स्थापित है। जो महाराष्ट्र की संस्कृति को जीवंत कर रही है। वहीं, थोड़ा आगे बढ़ने पर आप उत्तर प्रदेश पहुंचकर अयोध्या मंदिर के दर्शन करने के साथ बनारस की साड़ी की खरीदारी भी कर सकते हैं।
इसके अलावा दिल्ली के करोल बाग से व्यापार मेले में आई निम्मी ने बताया कि इसी हाल के ऊपर यानी तीसरे फ्लोर पर जाते ही केरल की कांजीवरम साड़ी और लकड़ी से बनी कलाकृतिक को देख व खरीद सकते है जबकि इसी हाल में चंद कदम पर कर्नाटक के हम्पी के रथ देख सकते है। बिना थके हारे भारत मंडपम में उन राज्यों की भी यात्रा कर रहे है। जहां जाने में लगभग कई घंटे लग जाते है।
दिल्ली का लाल किला देखने के बाद हाल नंबर चार में जाकर राजस्थान का हवा महल भी घूम सकते है। वहीं, असम की चाय, कश्मीर की पश्मीना, अखरोट की लकड़ी पर की गई कारीगरी के साथ बिहार का बोधगया मंदिर ऐतिहासिक इमारत के साथ स्टालों पर लगे उस राज्य के पारंपरिक कपड़े से लेकर प्रदर्शनी तक देखने के साथ खरीदारी भी कर सकती है। गाजियाबाद से आए दीपक ने बताया कि वह विभिन्न राज्यों के पारंपरिक उत्पादों की खरीदारी करके वहां की स्थानीय जानकारी लेकर और उनकी सभ्यता के बारे में जान कर बेहद उत्साहित हैं।
यही नजारा हाल नंबर एक में थाइलैंड, बैंकाक और इजिप्ट के स्टाॅलों पर भी देखने को मिलता है। ये स्टाल अंतरराष्ट्रीय संस्कृति और ज्ञान का आदान-प्रदान करते हैं। भारत मंडपम केवल एक प्रदर्शनी स्थल नहीं है, बल्कि यह मिनिएचर वर्ल्ड है जो भारतीय और वैश्विक संस्कृतियों के प्रति सम्मान और करता है। यह एक ऐसा स्थान है जहां आप ज्ञान, कला और परंपराओं की खरीदारी कर सकते हैं, जो इसे कला प्रेमियों और संस्कृति के जिज्ञासुओं के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बनाता है।

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