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    बिहार चुनाव को लेकर पूर्वांचली लोगों के दिल में क्या? चाय की चर्चा पर उठ रहे ये अहम मुद्दे

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 10:27 AM (IST)

    पूर्वी दिल्ली में बिहार चुनाव को लेकर चर्चा गरम है। पूर्वांचली लोग बदलाव और विकास की उम्मीद कर रहे हैं। वे अपराध, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दों पर ध्यान देने की बात कर रहे हैं। युवाओं को प्रशांत किशोर में एक नया नेता दिख रहा है। लोगों को उम्मीद है कि इस चुनाव से बिहार में बेहतर अस्पताल, स्कूल और बाढ़ नियंत्रण जैसी सुविधाएं मिलेंगी।  

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    शुजाउद्दीन, पूर्वी दिल्ली। विधानसभा चुनाव भले ही बिहार में है, लेकिन इस चुनाव की हलचल दिल्ली के यमुनापार में भी है। पूर्वांचल के लोग बड़ी संख्या में यहां रहते हैं। बिहार के मुद्दों की गूंज यहां भी सुनाई दे रही है। छठ का मौका भी है और चुनाव भी आ गया है।

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    दिल्ली के पूर्वांचल बहुल क्षेत्रों में छठ और बिहार की राजनीति पर चर्चा सुनने को मिल रही है। सुगबुगाहट है कि इस बार अधिकतर लोग छठ की जगह चुनाव में बिहार जाएंगे। लोगों ने चुनाव के लिए ऑफिस से छुट्टियां भी ले ली हैं।

    सोनिया विहार की तंग गलियों से लेकर विकास मार्ग के लिट्टी चोखा की दुकानों पर बिहार चुनाव की चर्चाएं हो रहीं हैं। किसी को लग रहा है कि नीतीश कुमार को कोई टक्कर नहीं दे पाएगा तो कुछ का कहना है कि लालू की लालटेन फिर से जलेगी। भाजपा को भी लोग उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं।

    दिल्ली में रह रहे बिहार के लोग इस चुनाव को बदलाव के नजरिये से देख रहे हैं। अपराध, शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास, पानी, सड़कें और नौकरी के मुद्दे लोगों के बीच छाए हुए हैं। लोग इस चुनाव में बदलाव के साथ विकास की उम्मीद लगाए हुए हैं। यहां रहने वाले बिहार के लोगों का कहना है कि उनके गृह राज्य में अभी उस तरह का विकास नहीं हुआ है, जिसकी उम्मीद एक आम नागरिक करता है।

    रोजगार की तलाश में युवा अपना प्रदेश छोड़कर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, यूपी आ रहे हैं। शहरी इलाकों में विकास हो रहा है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों को विकास की दरकार है। 22 अक्टूबर को बिहार के चार कुख्यात बदमाशों को दिल्ली में क्राइम ब्रांच ने ढेर कर दिया। बृहस्पतिवार को यह मुद्दा पूर्वांचल के लोगों के बीच छाया रहा।

    लोगों ने कहा कि बिहार पुलिस भी योगी बाबा की राह पर चल पड़ी है। ऐसा ही रहा तो अपराध पर अंकुश लगेगा। सोनिया विहार में रहने वाले विमलेश ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय और जेएनयू में अधिकतर विद्यार्थी बिहार से पढ़ाई के लिए आते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि बिहार चुनाव में शिक्षा सबसे बड़ा मुद्दा बनेगा।

    प्रशांत किशोर को बिहार का उभरता हुआ नेता मान रहे हैं युवा

    आमतौर पर बिहार में चुनावी लड़ाई लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार की पार्टी के बीच माना जाता है। वर्षों से बिहार के लोग इन दोनों पार्टियों की सत्ता देखते हुए आ रहे हैं। इस चुनाव में प्रशांत किशोर की एंट्री हुई है। दिल्ली में रह रहे बिहार के युवाओं को किशोर, उभरते हुए नेता नजर आ रहे हैं।

    उन्हें लगा रहा है इस बार का चुनाव त्रिकोणीय होगा। बिहार चुनाव में पासा पलटने की भूमिका निभा सकते हैं। भले ही उनके पास सरकार चलाने का अनुभव नहीं है, लेकिन सरकार कैसे बनाई जाती है, वह अच्छे से जानते हैं।

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    बिहार एक बड़ा राज्य है। जहां जनसंख्या काफी है। पूर्वांचल के लोग भले ही रोजगार के लिए दिल्ली में रह रहे हैं। लेकिन चुनाव आते ही वहां की राजनीति में लोग सक्रिय हो जाते हैं। बिहार में बेहतर अस्पताल व स्कूल बनने चाहिए। अधिकतर आइएएस व आइपीएस बिहार से आते हैं। - परविंदर मिश्रा, मंडावली

    बिहार में कई जिले बार्डर पर हैं। बाढ़ आने पर वह जिले बुरी तरह से प्रभावित होते हैं। हर एक जिले में रोडवेज बस की सुविधा नहीं है। बिहार के लोगों को इस चुनाव से बहुत उम्मीदें हैं। एम्स जैसे अस्पताल बने, केंद्रीय विद्यालय बनें। अपराध पर अंकुश लगे। - ललीत पांडेय, सोनिया विहार